माधोपुर में इंटर स्टेट नाके पर तैनात हुआ नारकोटिक्स का स्निफर डॉग

punjabkesari.in Monday, Sep 16, 2019 - 09:50 AM (IST)

सुजानपुर/बमियाल(ज्योति, मुनीष): जम्मू-कश्मीर राज्य के जिला कठुआ पुलिस द्वारा 12 सितम्बर को पंजाब से जम्मू-कश्मीर के प्रवेश द्वार लखनपुर से हथियारों सहित 3 आतंकियों को पकडऩे के मामले में पंजाब पुलिस ने चुप्पी साध रखी है परंतु जिला पठानकोट में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है। जम्मू-कश्मीर पुलिस के जांच अधिकारी दीपक डिगरा ने बताया कि इस मामले की जांच में अभी पंजाब ने कोई कदम नहीं बढ़ाया है। वहीं सूत्रों के अनुसार जम्मू-कश्मीर पुलिस द्वारा जिन आतंकियों को पकड़ा गया है उनसे राज्य व केन्द्र की कई सुरक्षा एजैंसियां भी पूछताछ कर रही हैं।

गत दिवस ‘पंजाब केसरी’ ने माधोपुर में इंटर स्टेट नाके की सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोलते हुए प्रमुखता से प्रकाशित किया था जिसके चलते आज पंजाब की जिला पुलिस ने माधोपुर के साथ-साथ बमियाल नाके पर सुरक्षा कड़ी कर दी है। यहां तक कि पंजाब पुलिस द्वारा नाके पर नारकोटिक्स का स्निफर डॉग भी तैनात किया गया है जोकि वाहनों की चैकिंग कर रहा है। इसके इंचार्ज रमेश कुमार ने बताया कि इस डॉग के माध्यम से अफीम, चरस, स्मैक जैसे नशों का पता लगाया जा सकता है, वहीं माधोपुर में नाके पर गाड़ियों की चैकिंग के लिए यदि जिला पुलिस द्वारा माधोपुर में कर्मचारियों की संख्या बढ़ाई जाए तो जिले की सुरक्षा और भी कड़ी हो सकती है। 

बमियाल सैक्टर में करनी होगी सुरक्षा व्यवस्था कड़ी 
बमियाल क्षेत्र में तो पिछले कुछ दिनों में तारागढ़ पुलिस 2 युवकों को हथियारों सहित पकड़ चुकी है। संदिग्ध इस मार्ग को सुरक्षित मान कर पंजाब से जम्मू-कश्मीर राज्य में प्रवेश करते हैं। उल्लेखनीय है कि जुलाई 2015 में दीनानगर पुलिस थाने व 2 जनवरी 2016 को एयरबेस पर हुए आतंकी हमले को लेकर सुरक्षा एजैंसियों ने दावा किया था कि आतंकियों ने पठानकोट में आने के लिए बमियाल सैक्टर के रास्ते का प्रयोग किया है। वहीं गत दिवस कठुआ (जम्मू-कश्मीर) पुलिस द्वारा हथियारों सहित पकड़े गए 3 आतंकियों को लेकर दावा किया गया है कि आतंकी पंजाब के रास्ते जम्मू-कश्मीर में दाखिल हुए हैं। उसके पश्चात एक बार फिर से सुरक्षा एजैंसियों ने अपना फोकस बमियाल सैक्टर की ओर किया हुआ है। वहीं स्थानीय लोगों के अनुसार यदि पुलिस द्वारा इस सैक्टर में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की जाती है और स्थानीय निवासियों के साथ ताल-मेल बढ़ाया जाता है तो जिले की सुरक्षा व्यवस्था और भी कड़ी हो सकती है। 

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Sunita sarangal