न सिर पर पक्की छत, न गुजारे के लिए कोई साधन

punjabkesari.in Wednesday, Jan 29, 2020 - 12:21 PM (IST)

पठानकोट( शारदा): राज्य में गत 10 वर्ष लगातार अकाली-भाजपा गठबंधन ने पंजाब की बागडोर संभालते हुए बड़े-बड़े दावे किए थे, कि सरकार ने विभिन्न योजनाओं को लागू करके जरूरतमंदों तक इनका लाभ पहुंचाया है। पर कभी किसी ने यह जानने का जरा भी प्रयास नहीं किया कि हकीकत में इन योजनाओं का लाभ इनके सही हकदारों तक पहुंचा है या नहीं, या फिर इन्हें ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है?वहीं मौजूदा कैप्टन सरकार भी ऐसे गरीब परिवारों के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा पाई है।

समाज सेवक सरेन्द्र बीरा गांव जक्ख जुगियाल के एक ऐसे ही परिवार को मिले, जिनकी आर्थिक स्थिति बेहद कमजोर और सर पर पक्की छत भी नहीं थी। उन्होंने लोक भलाई की योजनाओं से पर्दा उठाते हुए कहा कि ऐसे और भी कई परिवार हैं जोकि इन स्कीमों से महरूम हैं और सही हकदारों तक इन योजनाओं का लाभ नहीं पहुंच रहा है। सुरेन्द्र बीरा ने बताया कि जिला पठानकोट के गांव जक्ख जुगियाल में विभिन्न परेशानियों का सामना करके पिछले लंबे समय से किसी प्रकार अपने जीवन की गाड़ी को बमुश्किल आगे धकेल रहा परिवार अपनी व्यथा पर उस समय रो पड़ा जब उनसे यह पूछा गया कि उनके घर तक कोई सरकारी सुविधा पहुंची है या फिर नहीं?

परिवार के मुखिया ध्यान सिंह व उनकी धर्मपत्नी सत्या ने बताया कि वह पिछले लंबे समय से कच्चे मकानों में रहते आ रहे हैं और वह अब काफी वृद्ध हो चुके हैं। पशुओं का दूध बेचकर किसी प्रकार अपने परिवार का पालन पोषण कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि उनके 4 बेटे हैं जिनमें से 2 बेटों की शादी हो चुकी है, एक बेटा अक्षम (अबनार्मल) है और एक बेटा छोटा है। उन्होंने बताया कि उनका बेटा जो अक्षम है का नाम बिशन दास (35) है, को लेकर वे बहुत चिंतित हैं क्योंकि वह खुद कुछ भी नहीं कर सकता और परिजनों पर निर्भर है। वह कई बार गांव की पंचायत को इस बारे में अवगत करवा चुके हैं परंतु अभी तक उन्हें कोई भी सुविधा उपलब्ध नहीं करवाई गई है। पीड़ित परिवार ने बताया कि वह बहुत ही गरीब परिवार से हैं और कच्चे मकानों में अपनी प्रकार अपना जीवन व्यतीत कर रहे हैं, प्रशासन की तरफ से उनका जीवन स्तर को ऊंचा उठाने का कोई भी प्रयास नहीं किया गया है। 

अक्षम बेटे को दी जाए पैंशन की सुविधा
सत्या देवी ने बताया कि उनके पति वृद्ध हो चुके हैं और अब उनसे काम भी नहीं हो पाता है। उन्होंने बताया कि उन्होंने अपनी समस्या समाज सेवक सरेन्द्र बीरा से बताई और वह सरकारी स्कीमों का लाभ उन तक पहुंचाने हेतु हर संभव प्रयास कर रहे हैं। कई बार सुरेन्द्र बीरा ने उन्हें उक्त सरकारी स्कीमों के बारे में अवगत करवाया है, परंतु अशिक्षित होने के कारण वह कुछ नहीं कर पाते हैं। सत्या देवी ने बताया कि उन्हें इस बात की बहुत ङ्क्षचता है कि उनके बाद उनके इस अक्षम  बेटे की देखभाल कौन करेगा। उन्होंने कहा कि सरकार अक्षम लोगों के लिए पैंशन व अन्य सुविधाएं देती है यदि उनके बेटे को भी ऐसी सुविधाएं मुहैया करवाई जाए तो काफी हद तक उनका दुख कम हो सकता है। 

सरकार एवं प्रशासन दे पक्का मकान 
उन्होंने सरकार एवं प्रशासन से मांग की कि उन्हें पक्के मकान की सुविधा के साथ-साथ उनके अक्षम बेटे की सहायता हेतु उचित कार्रवाई की जाए। समाज सेवक सुरेन्द्र बीरा ने उक्त परिवार को भरोसा दिया कि वह उनकी सहायता हेतु सदैव तत्पर है और वह उन तक सरकार की स्कीमों का लाभ पहुंचाने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे। उन्होंने बताया कि वह उक्त परिवार की सहायता के लिए प्रशासनिक अधिकारियों से शीघ्र ही मिलेंगे और स्थिति के बारे में रू-ब-रू करवाकर इनका जीवन स्तर ऊंचा उठाने का प्रयास करेंगे। इस अवसर पर निर्मल, पायल, मीनाक्षी, सोनु, नरदेव सिंह उपस्थित थे।

पंचायत की तरफ से नहीं मिलती लोक भलाई स्कीमों की जानकारी
ध्यान सिंह ने रोष जाहिर करते हुए कहा कि अब तक कई सरकारें आई तथा अपना कार्यकाल पूर्ण करके चली गईं परंतु किसी ने भी उनकी परेशानी को नहीं समझा। उन्होंने बताया कि गरीबों की सहायता हेतु चाहे विभिन्न योजनाओं को लागू किया जाता है और इन योजनाओं के बारे में लोगों को जागरूक करने का जिम्मा गांव की पंचायत का होता है, परंतु आज तक गांव के रह चुके या फिर मौजूदा सरपंच ने उन्हेें लोक भलाई स्कीमों संबंधी अवगत नहीं करवाया है, जिसके कारण वह अभी तक एक भी सरकारी सुविधा का लाभ नहीं उठा सके हैं। वृद्ध ध्यान सिंह व उनकी धर्मपत्नी सत्या ने बताया कि वह अशिक्षित हैं जिसके कारण वह इन स्कीमों के बारे में अनजान हैं परंतु पंचायत का तो यह कत्र्तव्य है कि उनके गांव मेें वे कौन से लोग हैं जिन्हें इन सुविधाओं का लाभ मिलना चाहिए, परंतु इस ओर किसी ने भी ध्यान देना आवश्यक नहीं समझा। 

चुनाव दौरान मात्र आश्वासन देकर चले जाते हैं नेता 
उन्होंने बताया कि उनका बेटा चलने फिरने में समक्ष नहीं हैं और सरकार की तरफ से समय-समय पर ट्राई साइकिल दिए जाते हैं, बेरोजगारों को रोजगार के अवसर प्रदान करने के साथ-साथ कच्चे मकानों को पक्का बनाने हेतु ग्रांटें भी आती हैं परंतु वे इन सारी सुविधाओं से महरूम हैं। उन्होंने बताया कि चुनावों के दिनों मेंकई राजनेता उनके घरों में अपनी राजनीतिक रोटिया सेंकने आते हैं और उनकी दशा को देखते हुए मात्र आश्वासन देकर चले जाते हैं कि उनके विजयी होते ही वह उनकी सभी मुश्किलों का समाधान करवा देंगे परंतु अभी तक किसी ने भी उनकी दुख-तकलीफों के बारें में नहीं सुना है। 

क्या कहना है सरपंच का
मुझे उक्त परिवार से पूरी हमदर्दी है जैसे ही ग्रांट जारी होती है तो प्राथमिकता के आधार पर उन्हें पक्का मकान बनाकर दिया जाएगा। -रितु बाला, सरपंच, गांव जक्ख जुगियाल 

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