26 सितंबर को DC Office का किया जाएगा घेराव, लगाया जाएगा धरना
punjabkesari.in Sunday, Sep 21, 2025 - 06:18 PM (IST)

दीनानगर (हरजिंदर सिंह गोरायां) : रावी दरिया के पार स्थित मंमी चकरंगा गांव में किर्ती किसान यूनियन की ओर से एक बैठक आयोजित की गई। बैठक के दौरान गांववासियों ने किसान नेता सतीबीर सिंह सुल्तानी से बातचीत करते हुए बताया कि रावी दरिया से हमारे गांवों तक आने वाली एकमात्र सड़क लगभग 450 फुट लंबी नदी की ओर से ढाह डाल कर दरिया में फेंक दी गई है।
गांव तूर-चिब के पास रावी और उझ दरियाओं में आई बाढ़ और लगातार ढाह डालने के कारण किसानों की फसलें और जमीनें बर्बाद हो गई हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि पंजाब सरकार और जिला प्रशासन ने इसकी रोकथाम नहीं की तो हमारे गांव मम्मी चकरांगा और कुकर बर्बाद हो जाएंगे।
इस मौके पर किर्ती किसान यूनियन के सूबाई नेता सतीबीर सिंह सुल्तानी ने बैठक में शामिल किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि पिछले महीने अगस्त के अंत में आई बाढ़ के कारण लोगों की फसलें, जमीनें, पशु और अन्य कई प्रकार का नुकसान हुआ। इस नुकसान के लिए केवल प्रकृति ही जिम्मेदार नहीं है, बल्कि भाखड़ा-बियास मैनेजमेंट बोर्ड और पंजाब सरकार भी जिम्मेदार हैं, जिन्होंने समय पर डैम और दरियाओं से गार निकालने का काम नहीं किया और डैम में पानी जरूरत से ज्यादा जमा करके अचानक छोड़ दिया।
किसान नेताओं ने कहा कि 26 सितंबर को डिप्टी कमिश्नर गुरदासपुर के कार्यालय के सामने धरना दिया जाएगा और डिप्टी कमिश्नर को मांग पत्र सौंपा जाएगा। इस मांग पत्र में अन्य मांगों के अलावा यह भी शामिल होगा कि:
मकौड़ा पत्तण और रावी दरिया के पार जाने वाली सड़क का तुरंत निर्माण किया जाए।
उझ और रावी दरिया में डालने वाले ढाह की रोकथाम के लिए मजबूत स्पर बनाए जाएं।
बाढ़ के कारण बर्बाद हुई फसलों के प्रति एकड़ 50 हजार रुपये का मुआवजा दिया जाए।
केवल 5 एकड़ तक मुआवजा देने की शर्त समाप्त की जाए और खेत को एकाई मान कर जितना नुकसान हुआ उतना मुआवजा दिया जाए।
झोने की खरीद के लिए माप-मानदंड की शर्तें नरम की जाएं।
नुकसान हुई फसलों का मुआवजा सीधे किसानों को दिया जाए।
खंड मिलों में बकाया गन्ने का भुगतान तुरंत किया जाए।
मकौड़ा पत्तण और रावी दरिया पर पुल का निर्माण पानी घटते ही तुरंत शुरू किया जाए।