ओवरलोडिड ट्रैक्टर-ट्रॉलियां बन रहीं हादसों का कारण

punjabkesari.in Friday, Jan 17, 2020 - 09:58 AM (IST)

पठानकोट(शारदा): माननीय न्यायालय द्वारा सख्त आदेश जारी किए गए हैं कि मुख्य व ङ्क्षलक मार्गों पर सामान, रेता, बजरी, मिट्टी आदि को लेकर दौडऩे वाली ट्रैक्टर-ट्रॉली आदि वाहनों को पूरी तरह ढक कर गंतव्य तक ले जाया जाए, परन्तु बावजूद इसके उपरोक्त किस्म की सामग्री ढोने वाले वाहन बिना सामान को तिरपाल या अन्य किसी वस्तु से ढके बिना ही मार्गों पर दौड़ा रहे हैं। इससे कई दफा गुजरते समय इन ट्रैक्टर-ट्रॉलियों में लोड किया हुआ सामान अनियंत्रित होने से मार्ग के बीचों-बीच गिर जाता है। इससे पीछे आने वाले अन्य वाहनों के लिए तो मुश्किल स्थिति पैदा होती है वहीं राहगीरों के लिए भी ये हादसे का कारण बन रही हैं। कई बार तो इन वाहनों में बड़े-बड़े पत्थर भरे होते हैं जिनके गिरने की स्थिति में तो बड़ा हादसा घटित होने की विकट स्थिति आ बनती है। 

स्थानीय लोगों ने बताया कि एक तो ट्रैक्टर को कृषि के लिए बनाया गया तथा इनका कर्मिशयल प्रयोग नहीं किया जा सकता, बावजूद इसके कुछ लोग इसके साथ ट्रॉली को जोड़कर इसे मुख्य व ङ्क्षलक मार्गों में भगाते हैं, यहां तक कि कई बार तो ओवर लोडिड ये वाहन तो संकीर्ण गलियों में घुसा दिए जाते हैं जिससे घनी आबादी में बने हुए घरों को खतरा आ बनता है।  वहीं ग्रामीणों का कहना है कि क्रशर इंडस्ट्री वाले क्षेत्रों में तो प्रतिदिन सैंकड़ों की तादाद में ऐसे वाहन रेत-बजरी भरकर गांवों-गांवों से होकर गुजरते हैं जो सरकार को तो किसी प्रकार का रैवेन्यू रोड टैक्स के रूप में देते नहीं हैं।

ट्रैक्टरों कमर्शियल वर्जित होने के बावजूद इनका कमॢशयल प्रयोग करके चांदी कूटी जा रही है, परन्तु इन वाहनों के कारण होने वाले हादसों से आम जनता के लिए मुश्किल बनी हुई है। आजकल पड़ रहे घने कोहरे में तो ओवर-लोडिड ट्रैक्टर-ट्रॉलियां बड़े हादसों का सबब बनती हैं, क्योंकि बिजिबिलिटी कम होने के कारण सामने या पीछे से आने वाले अन्य वाहनों के चालकों को इनकी असली स्थिति स्पष्ट ही नहीं होती तथा जब तक स्पष्ट होती है तब तक हादसा घटने की स्थिति बन जाती है। पिछले कुछ सालों के आंकड़े जुटाए जाएं तो ओवरलोडिड ट्रॉलों के बाद इन ट्रैक्टर-ट्रॉलियों का ही सड़क हादसों के पीछे होने का खुला कारण नजर आता है। ओवरलोडिड होने के कारण ये वाहन अक्सर कई स्थानों पर मार्ग समतल न होने के चलते खुद ही हादसे का शिकार हो जाते हैं या किसी राहगीर को चपेट में लेकर उसके लिए मौत का दूत बन जाते हैं। लोगों ने मांग की कि इन ओवर-लोडिड ट्रैक्टर-ट्रॉलियों के परिचलन पर शिकंजा कसा जाए ताकि भविष्य में होने वाले हादसों से बचा जा सके तथा बहुमूल्य मानवीय जिंदगियां असमय काल का ग्रास न बनने पाएं।

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