सांप के डसने से होमगार्ड की मौत, पंजाब पुलिस के नौजवानों ने दी सलामी

punjabkesari.in Monday, Sep 16, 2019 - 06:43 PM (IST)

पठानकोट/भोआ (शारदा, अरुण): हलका भोआ के अधीन पड़ते गांव खुशीनगर उस समय हर तरफ मातम छा गया जब गांव का ही एक व्यक्ति दो बटालियन पीएचजी बटाला ड्यूटी पर तैनात था और रैसट के लिए अपने घर आया हुआ था। परसोत्तम लाल पुत्र सुखदेव निवासी खुशीनगर पंजाब पुलिस में होमगार्ड की पोस्ट पर बटाला में तैनात था। रूटिन की तरह वह अपने घर 1 दिन के रैसट पर आया हुआ था। घर में सोया हुआ था कि शनिवार की सुबह 03:00 बजे सोते समय सांप ने डस लिया। जिस पश्चात घर वालों की ओर से उसके उपचार के लिए नजदीकी अस्पताल ले जाया गया जहां उसका इलाज के दौरान मृत्यु हो गई। यहां उनके शव को पोस्टमार्टम करवाकर परिजनों के हवाले कर दिया गया। मृतक परसोत्तम लाल के दो लड़के हैं जो बड़ा बेटा सूरज 12वीं कक्षा में सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल भोआ में पढ़ता है और दूसरा बेटा नीरज जो कि दसवीं कक्षा में पढ़ता है। जिसका आज अंतिम संस्कार हिंदू रीति-रिवाजों अनुसार कर दिया गया। मृतक पुरुषोत्तम लाल की अंतिम विदाई में जहां उनके परिजन दिखे वहीं पूरा गांव नमन आंखों के साथ उन्हें अंतिम विदाई की में शामिल हुआ।

दो बटालियन पीएचजी बटाला से बटालियन कमांडर किशन चंद, एस.ओ मनजीत सिंह, कंपनी कमांडर बलकार चंद, तेजेंद्र सिंह, मनजीत सिंह अन्य समूह स्टाफ के पुरुषोत्तम लाल के अंतिम यात्रा में शामिल हुए। जहां बटालियन कमांडर किशन चंद ने बताया कि डिपार्टमेंट और सरकार की ओर से पुरुषोत्तम लाल के परिवार के साथ पूरी संवेदना है और इस दुख की घड़ी में वह उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं वहीं उन्होंने कहा कि डिपार्टमेंट स्वर्गीय परसोत्तम लाल किसी भी परिवारिक सदस्य को उनकी जगह पर नौकरी पर तैनात करेगा और जो भी अन्य डिपार्टमेंट की फॉर्मेलिटी को उसे पूरा किया जाएगा और डिपार्टमेंट की ओर से जो भी संभव सहायता हो उनके परिवार के साथ की जाएगी।

स्वर्गीय होमगार्ड पुरुषोत्तम लाल को अंतिम विदाई देने और सलामी देने के लिए थाना तारागढ़ पुलिस की ओर से भव्य आंखों के साथ उन्हें सलामी दी गई और कहा कि वह हमेशा ही उन्हें याद रखा जाएगा। परिजनों और परिवारिक सदस्यों की मानें तो स्वर्गीय होमगार्ड परसोत्तम लाल बेहद ही ईमानदार और मेहनती सवाब के थे वह अपने कार्य को खुद करने में विश्वास रखते थे और सबके साथ उनका प्यार भावना थी। बड़े बेटे सूरज ने बताया कि पिता की ओर से हमेशा ही उसे कहा जाता था कि बेटा पढ़ लिख कर और अपने आप को शारीरिक तौर पर फिट रख मैं तुझे भर्ती करवाऊंगा। जिस तरह से वह देश की सेवा में लगे हुए हैं और मैं चाहता हूं कि तू भी मेरी तरह देश की सेवा में लगे। बेटा सूरज ने बताया कि वह अपने पिता के इस सपने को जरूर पूरा करेगा।

Mohit