जान जोखिम में डाल रस्सी के सहारे दोबारा किश्ती से नदी पार करने लगे लोग

punjabkesari.in Tuesday, Jul 09, 2019 - 04:20 PM (IST)

पठानकोट(कंवल, आदित्य): लोकसभा चुनावों को देखते हुए चुनावों से कुछ समय पहले पंजाब-हिमाचल के मध्यम बहती चक्की नदी पर अस्थायी पन्टून पुल बनाया गया था जिसके बनने के बाद दोनों राज्यों के हजारों लोगों ने काफी राहत महसूस की थी लेकिन अब इस पन्टून पुल को हटाने के कारण पंजाब-हिमाचल के लोग अपनी जान जोखिम में डालकर चक्की नदी को एक रस्सी के सहारे किश्ती से आर-पार करते हैं जो कभी भी किसी बड़े हादसे का कारण बन सकते हैं, जबकि सरकार द्वारा यहां स्थायी पक्के पुल बनाने का मामला गंभीरता से नहीं विचारा जा रहा। जिस कारण लोगों में भारी रोष पाया जा रहा है।

 हिमाचल, चंडीगढ़, जालंधर आदि जाने के लिए नैशनल हाईवे मात्र एक किलोमीटर की दूरी पर ही है, मगर पुल न होने कारण वहां तक का सफर लोगों को 20 किलोमीटर अतिरिक्त तय करके करना पड़ता है। इसी कारण लोग 20 किलोमीटर के अधिक सफर से बचने के लिए अपनी जान की परवाह किए बिना खुद को जोखिम में डालकर चक्की नदी में किश्ती को डालकर दोनों किनारे बांधी मात्र एक रस्सी के सहारे नदी के आर-पार आ जा रहे हैं। सरकार व प्रशासन को लोगों की आवश्यकता को समझते हुए चक्की नदी में स्थायी पुल का शीघ्र निर्माण करवाना चाहिए। 

इस संबंध में पूर्व सदस्य जिला परिषद व पूर्व सरपंच निर्मल सिंह पपियाल, सुखजिन्द्र सिंह नौशहरा, पवन कुमार, प्रदीप कुमार, गुरप्रीत सिंह, नीरज कुमार, रवि कुमार, जसविन्द्र सिंह, जनक राज, सुनील कुमार आदि ने कहा कि अबादगढ़-सिम्बली चक्की दरिया पर पक्का स्थायी पुल बनाने की मांग लोग लम्बे अर्से से करते आ रहे हैं। लोगों को सरकार ने पक्का पुल तो क्या बना कर देना था, अस्थायी पन्टून पुल जो लोकसभा चुनावों से पहले बनाया गया था, वह अब दोबारा हटा दिया गया है और दूसरी तरफ पक्के स्थायी पुल के शिलान्यास के बाद मात्र औपचारिक खाना पूर्ति करके छोड़ दिया गया है, जिसके निर्माण की गति देखकर इसे मुकम्मल होने की कोई समय सीमा दूर-दूर तक दिखाई नहीं देती। पन्टून पुल डालते ही लोगों को शंका थी कि चुनावों के खत्म होने के बाद शायद ही इस पुल को जल्द ही उठा दिया जाएगा और लोगों के लिए फिर वही किश्ती का सहारा ही काम आएगा। अस्थायी पुल भी न होने के कारण लोगों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। पंजाब-हिमाचल के दर्जनों गांवों के लोग अपनी जान जोखिम में डालकर एक किश्ती के जरिए आर-पार निकलते हैं, वे भी मात्र एक रस्सी के सहारे। 

स्थायी पुल बनाने की मांग 
लोगों ने कहा कि पक्का पुल बनाने के लिए सरकार व प्रशासन ने शिलान्यास कर आनन-फानन में कच्चा सा रास्ता बनाने का ड्रामा ही अभी तक करके लोगों से मजाक किया है। पुल का निर्माण कब होता दिखाई देगा, यह कहीं नजदीक से दिखाई नहीं दे रहा। लोगों ने मांग करते कहा कि यहां पर पक्के स्थायी पुल का निर्माण तुरंत करवाया जाए तथा जब तक पक्का पुल नहीं बन जाता तब तक अस्थायी (पन्टून) को बनाए रखा जाए ताकि लोग आसानी से आर-पार आ जा सकें।

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