कैप्टन साहिब दाल, चीनी और चाय-पत्ती तो दूर की बात, मिल रही गेहूं भी खाने के लायक नहीं

punjabkesari.in Wednesday, Feb 26, 2020 - 04:23 PM (IST)

पठानकोट(शारदा): लोगों को आटा-दाल स्कीम के तहत मिलने वाली गेहूं में से खराब गेहूं मिलने से विधानसभा क्षेत्र भोआ के अधीन पड़ते गांव डेरा बाबा बसंतपुरी में नीले कार्ड धारकों ने सरकार और प्रशासन के विरुद्ध नारेबाजी करते हुए पवन कुमार की अध्यक्षता में प्रदर्शन किया। 

प्रदर्शनकारियों में सुखविन्द्र कौर, पुष्पा रानी, कोमल, पूनम, मीना कुमारी, जोगिन्द्र पाल, शीला रानी आदि ने जिला फूड सप्लाई और सरकार के खिलाफ रोष व्यक्त करते हुए कहा कि अकाली-भाजपा के कार्यकाल के दौरान शुरू की गई गरीब और जरूरतमंद परिवारों के लिए आटा-दाल स्कीम के तहत पहले गेहूं और दाल के साथ अन्य सामान भी दिया जाता था और यह स्कीम पहले प्रत्येक माह दी जाती थी लेकिन जिस दिन से कैप्टन सरकार सत्ता में आई है। उस दिन से आटा दाल स्कीम का अर्थ ही बदल गया है। यह स्कीम के तहत केवल गेहूं हीं मिल रहा है और वह गेहूं भी खाने के लायक नहीं है।
 

लोगों ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह से सवाल करते हुए पूछा है कि सत्ता में आने से पहले कैप्टन साहिब आपने कहा था कि आटा-दाल स्कीम के तहत दाल, चीनी और चाय-पत्ती भी दी जाएगी, अब कहां गई दाल, चीनी और चाय-पत्ती? जो गेहूं मिल रहा है वह भी इंसानों के खाने के लायक नहीं है। उन्होंने सरकार से प्रशासनिक अधिकारियों और डीपो होल्डर के विरुद्ध कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है। इस दौरान पवन कुमार ने बताया कि उनके परिवार के 7 सदस्य हैं और उन्हें 7 बोरी गेहूं पूरे 6 माह के बाद मिल रही है उसमें से भी सभी बोरियों का गेहूं खाने के लायक नहीं है, वह खराब है। इस संबंध में जब उन्होंने डीपो होल्डर से बात की तो उसका भी गैर जिम्मेदराना जवाब था जो गेहूं पीछे से आई है, वह ही लोगों को दी गई है। अगर उन्हें खराब गेहूं मिल गई है तो वह और गेहूं आने पर उसे बदल देगा।  इस संबंध में विधायक जोगिन्द्र पाल का कहना है कि  गेहूं में कुछ खराबी है तो इसके बारे में वह संबंधित विभाग से बात कर इसका समाधान करवाएंगे।

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