माधोपुर नाके पर पुलिस अलर्ट, पर अंधरे में कैसे होगी चैकिंग

punjabkesari.in Tuesday, Nov 20, 2018 - 10:44 AM (IST)

सुजानपुर(ज्योति): आए दिन आतंकी जम्मू-कश्मीर में सेना पर हमला कर रहे हैं। जिनको सेना द्वारा मुंहतोड़ जवाब देकर उन्हें मौत की नींद सुलाया जा रहा है, वहीं दूसरी तरफ इसकी आड़ में आतंकवादी संगठनों के प्रमुख सरगना पंजाब के साथ-साथ दिल्ली को दहलाने की फिराक में लगे हुए हैं और आएं दिन आतंकवादियों को बार्डर पार करवाकर उनका पंजाब में प्रवेश करवा रहे हैं, जिसके चलते पंजाब पर पूरी तरह से आतंक का साया मंडरा रहा है।

जिसका ताजा उदाहरण जालंधर के मकसूदां पुलिस थाने में ग्रेनेड से हमला, उसके बाद पंजाब व जम्मू-कश्मीर के प्रवेश द्वारा माधोपुर में गन प्वाइंट पर एस.यू.वी. गाड़ी को लूटना, उसके एक दिन बाद फिरोजपुर में 6-7 आतंकियों के छिपे होने का अलर्ट जारी करना, उसके अगले दिन जम्मू-कश्मीर में सक्रिय आतंकी जाकिर मूसा का अमृतसर में देखा जाना और फिर गत रविवार के दिन अमृतसर में निरंकारी सत्संग भवन में ग्रेनेड से आतंकियों द्वारा हमला करना इस बात का प्रमाण है कि पंजाब पर पूरी तरह से आतंकियों का साया मंडरा रहा है। 

 इसके चलते केन्द्रीय सुरक्षा एजैंसियों की ओर से पंजाब को हाई अलर्ट पर रखा गया है और गत रविवार को दोपहर निरंकारी सत्संग भवन में ग्रेनेड हमले के बाद पंजाब के डी.जी.पी. सुरेश अरोड़ा ने भी इस हमले को आतंकी हमला करार दिया है। जिसके चलते पुलिस की ओर से राज्य के सभी नाकों पर अलर्ट जारी कर दिया गया था। जिस पर जिला पठानकोट पुलिस की ओर से पंजाब व जम्मू-कश्मीर के प्रवेश द्वार माधोपुर में चैकिंग अभियान चलाया जा रहा था। रविवार की रात्रि 11 बजे के करीब जब पंजाब केसरी के प्रतिनिधि ने माधोपुर नाके का दौरा किया तो कर्मचारियों की ओर से टार्चों के सहारे नाके पर पूरी तरह से चैकिंग की जा रही थी, परंतु माधोपुर नाके का अधिकतर हिस्सा अंधेरे में डूबा हुआ था। ऐसे में देखने वाली बात यह थी कि अंधेरे में पुलिस के कर्मचारी यह कैसी चैकिंग कर रहे थे। 

वहीं नाके पर कुछ कर्मचारियों से बात की गई तो उन्होंने दबी जुबान से कहा कि लाइट आज शाम को ही खराब हुई है। ऐसे में महत्वपूर्ण बात यह है कि यदि चैकिंग के दौरान कोई संदिग्ध व्यक्ति सामने आ जाए तो वह अंधेरे का फायदा उठा मौके से कहीं भी फरार हो सकता है। जिसके चलते पुलिस प्रशासन को मामूली लापरवाही करने से गुरेज करना चाहिए, क्योंकि पुलिस प्रशासन की यही लापरवाही पुलिस कार्यप्रणाली पर प्रश्न चिन्ह लगाती हैं। 

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