जान हथेली पर रखकर बंद फाटक के नीचे से गुजरते हैं दोपहिया वाहन चालक

punjabkesari.in Saturday, Mar 16, 2019 - 12:31 PM (IST)

पठानकोट(शारदा): पठानकोट-जोगिन्द्र नगर की नैरोगेज लाइन जो पठानकोट नगर को 2 भागों में विभाजित कर देती है, पर दोपहिया वाहन चालकों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ता है। आधे शहर को अपने कार्यों हेतु फाटक के आर-पार जाने की जरूरत पड़ती है इसलिए जब ट्रेन का आगमन तथा प्रस्थान होता है तो फाटक निर्धारित समय से काफी समय पहले बंद कर दिया जाता है, जिसके कारण लोग अपनी जिंदगी की बिना परवाह किए फाटक के नीचे से अपने दोपहिया वाहन निकालने में एडी चोटी का जोर लगाने से नहीं चूकते और उसके लिए उन्हें अपना वाहन जमीन पर लेटाकर फाटक के नीचे से निकालना होता है और यही प्रकिया दूसरी तरफ से भी करनी पड़ती है। 

देखा-देखी में सभी इस कार्य में जुट जाते हैं। रेलवे के कानून मुताबिक यह दंडनीय अपराध है क्योंकि रेलवे प्रोटक्शन फोर्स की इस ओर कोई ध्यान नहीं जिसके कारण यह रिस्क लोग धड़ल्ले से ले रहे हैं। रेलवे विभाग को चाहिए कि जब तक समस्या का समाधान नहीं हो जाता और एलीवेटड ट्रैक का निर्माण आरम्भ नहीं होता तब तक उतने समय के लिए ही फाटक बंद किया जाए जितना कम से कम हो और गाड़ी आने के समय आर.पी.एफ. के जवान इन फाटकों पर तैनात किए जाएं और जो भी नियमों की उल्लंघना करता है उसको ऐसा करने से रोका जाए, न मानने पर कानून के अनुसार कार्रवाई की जाए। 

Rita chhachhi