बादल का वायदा टूटा, कैप्टन पर टिकी निगाहें;आर.एस.डी. के उजड़े परिवारों को इंसाफ की तलाश

punjabkesari.in Saturday, Jul 20, 2019 - 09:42 AM (IST)

पठानकोट(कंवल, आदित्य): थीन डैम (रणजीत सागर बांध) जिसका निर्माण हिमाचल व जम्मू-कश्मीर की सीमाओं की पहाडिय़ों के बीच पंजाब में रावी नदी पर किया गया है। निर्माण समय इसका नाम थीन डैम रखा गया था, क्योंकि यह जम्मू-कश्मीर क्षेत्र के गांव थीन स्थित महाराजा रणजीत सिंह के किले के साथ सटा हुआ है, मगर बाद में इसका नाम बदलकर रणजीत सागर डैम रख दिया गया।

डैम संबंधी विशाल झील के निर्माण के लिए 1 मई, 1986 से पहले किसानों की 3500 एकड़ भूमि डैम प्रोजैक्ट में एक्वायर की गई थी। इसके पश्चात अभी तक 8500 एकड़ भूमि डैम प्रोजैक्ट ने किसानों से ले ली, जिसके लिए योग्य मुआवजा व परिवार के एक सदस्य को डैम प्रोजैक्ट में स्थायी नौकरी देने की घोषणा की गई थी, मगर 1 मई, 1986 के बाद एक्वायर भूमि के विस्थापित परिवार सदस्य नौकरी की आज भी प्रतीक्षा कर रहे हैं। इन पर कट ऑफ डेट का दानव खड़ा कर दिया गया है, जिसे तुड़वाने के लिए विभिन्न संगठन आज भी संघर्ष कर रहे हैं। 

इस संबंधी रणजीत सागर बांध बनाने के समय वहां से उजड़े परिवारों ने बताया कि डैम विस्थापितों को नौकरी के लिए परेशान किया जा रहा है तथा हम हक के लिए संघर्ष कर रहे है। कट ऑफ डेट रखकर भूमि देने वालों से बेइंसाफी की जा रही है, जबकि देश के अन्य किसी भी प्रोजैक्ट में भूमि देने वालों को नौकरी हेतु कोई कट ऑफ डेट जैसी रुकावट नहीं है, तो फिर यहां क्यों रखी गई है?रणजीत सागर डैम के निर्माण समय उजड़े परिवारों को उनका हक दिलाने के लिए संघर्ष कर रही संस्था डैम औसती संघर्ष कमेटी के चेयरमैन प्रेम सागर शर्मा ने इस संबंध में बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री पंजाब प्रकाश सिंह बादल 15 अक्तूबर, 2012 को हलका विधायक व पूर्व डिप्टी स्पीकर दिनेश सिंह बब्बू के नेतृत्व में आयोजित सुजानपुर स्थित रैली में पहुंचे थे, तब उन्होंने मंत्री महोदय व अन्य नेताओं की उपस्थिति में डैम औसती संघर्ष कमेटी के साथ प्रकाश सिंह बादल ने खुलेआम वायदा किया था कि कट ऑफ डेट खत्म की जाएगी और रणजीत सागर डैम के लिए किसानों की भूमि 1986 से पहले ली गई हो या 1990, 96 या 98 में ली गई हो, उस पर बिना किसी कट ऑफ डेट के सभी सुविधाएं व सरकारी नौकरी मिलेगी।उन्होंने बताया कि इस संबंध में डैम प्रशासन के चीफ कार्यालय द्वारा पत्र नं.-4917 दिनांक 12 दिसम्बर, 2012 को  फाइल पंजाब सरकार को 1 मई, 1986 की कट ऑफ डेट को तोडऩे हेतु भेजा गया था, मगर पूर्व मुख्यमंत्री स. बादल के वायदे के बाद अब कैप्टन की सरकार का भी आधा समय गुजर चला पर आज तक कोई कार्रवाई कहीं भी होती देखने को नहीं मिल रही। 

काहन सिंह पन्नू ने भी शीघ्र हल करने की सिफारिश की थी 
पंजाब सिंचाई विभाग के तत्कालीन सचिव सर्वेश कौशल के पश्चात सचिव काहन सिंह पन्नू सिंचाई विभाग के सचिव नियुक्त हुए थे, तब रणजीत सागर डैम के विस्थापित परिवारों के लिए संघर्ष करते समूह संगठनों ने उनके समक्ष भी उक्त सारा मामला रख कर कट ऑफ डेट को खत्म करने की मांग की थी। जिस पर पन्नू ने इसे खुद के बस से बाहर बताते हुए सारा मामला सरकार समक्ष रखकर तुरन्त हल करवाने का वायदा किया था।

पीड़ित परिवारों को इंसाफ दिलवाए राज्य व केंद्र सरकार 
उक्त नेताओं ने राज्य की मौजूदा कैप्टन सरकार तथा केन्द्र की मोदी सरकार से मांग करते हुए कहा कि वह निजी हस्तक्षेप देकर डैम औसती परिवारों की तरफ ध्यान दिया जाए और उन्हें इंसाफ दिलाया जाए। क्योंकि साथ ही बनाए जा रहे शाहपुरकंडी बैराज हेतु भूमि एक्वायर पर कोई भी कट ऑफ डेट नहीं रखी गई, फिर औसती परिवारों से नाइंसाफी क्यों की जा रही है?


सर्वेश कौशल ने भी कहा था एक माह में होगी कट-ऑफ-डेट रद्द 
 कंडी विकास मोर्चा के अध्यक्ष ओम प्रकाश मग्घर ने बताया कि रणजीत सागर बांध के औसती परिवारों के मामले को लेकर 8 जनवरी, 2014 को उस समय के सिंचाई विभाग पंजाब के सचिव सर्वेश कौशल ने रणजीत सागर डैम पर पहुंच कर समूह संगठनों की विशेष तौर पर बैठक बुलाई थी, जिसमें संगठनों के अलावा उस समय मौजूद जिला उपायुक्त सिब्बन. सी, एस.डी.एम. धारकलां, विधायक दिनेश सिंह, चेयरमैन केन्द्रीय बाल विकास स्वर्ण सलारिया सहित अन्य कई नेता व अधिकारी उपस्थित थे। इस बैठक में सचिव ने कहा था कि एक माह में कट-ऑफ-डेट को रद्द करेंगे परन्तु वह भी अपना वायदा भूल गए।
 

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