अध्यापक बच्चों को जबरन बेच रहे 450 रुपए में वर्दियां

punjabkesari.in Wednesday, Jan 02, 2019 - 10:02 AM (IST)

सुजानपुर (ज्योति): एक तरफ सरकारी स्कूलों के स्तर को ऊंचा उठाने हेतु सरकार की ओर से बड़े-बड़े दावे किए जा रहे हैं ताकि निजी स्कूलों की अपेक्षा सरकारी स्कूलों में बच्चों की संख्या को बढ़ाया जा सके, परंतु सरकार के यह दावे खोखले साबित हो रहे हैं।

इसका उदाहरण सुजानपुर के शहीद कैप्टन अरुण सिंह जसरोटिया सीनियर सैकेंडरी स्कूल में देखने को मिला, जहां स्कूल स्टाफ की ओर से बच्चों को सरकार की ओर से दी जाने वाली सुविधाएं देना तो दूर की बात है। इसके विपरीत स्कूल अध्यापकों की ओर से बाजार से किसी दुकानदार से खरीदकर जबरन 450 रुपए में वर्दियां बेची जा रही हैं। छात्रों के परिजनों ने कहा कि यदि सरकारी स्कूल के अध्यापकों ने भी उन्हें निजी स्कूलों के अध्यापकों की तरह ही पैसों के लिए परेशान करना है तो सरकारी व निजी स्कूलों में क्या अंतर रह गया। उन्होंने कहा कि बच्चों को वर्दी खरीदने हेतु घरों से 450 रुपए लाने के लिए मजबूर किया जा रहा है।

जिला शिक्षा अधिकारी रविन्द्र कुमार ने कहा कि स्कूल के प्रिंसीपल को आदेश दिए गए हैं कि वह इसकी जांच कर मुझे रिपोर्ट करें। इस संबंधी प्रिं. जसवंत सिंह ने कहा कि यदि किसी बच्चे के परिजन को लग रहा हैं कि उनसे जबरन वर्दी के पैसों की मांग की जा रही है तो वह उनके साथ सम्पर्क कर सकते हैं।  छात्रा के पिता मनोहर लाल ने कहा कि सर्दी का मौसम शुरू हो गया है परंतु स्कूल की ओर उनके बच्चों को न तो वजीफा दिया गया है और न ही वर्दियां दी गई हैं बल्कि इसके विपरीत उनके बच्चों से 450 रुपए की मांग की जा रही है, जोकि सरासर गलत है। 

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