‘वो कागज की किश्ती वो बारिश का पानी’ पर व्यंग्य कर खोली पोल

punjabkesari.in Monday, Jul 15, 2019 - 10:13 AM (IST)

पठानकोट(शारदा): भारत एक लोकतांत्रिक देश है। कहा जाता है कि जिस लोकतांत्रिक देश के प्रमुख स्तंभ विधायिका, कार्यपालिका, न्यायपालिका अपना कार्य जिम्मेदारी से करेंगे तभी वास्तविक लोकतंत्र स्थापित हो सकेगा। किसी भी लोकतांत्रिक देश में मीडिया की महत्वपूर्ण भूमिका होती है जिसे लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ माना जाता है। मीडिया के माध्यम से ही सरकार के सभी कार्यों को जनता तक पहुंचाया जाता है और जनता की समस्याओं से सरकार को अवगत करवाया जाता है लेकिन वर्तमान समय में सोशल मीडिया का वर्चस्व बढ़ता जा रहा है। इसके साथ-साथ समाज में कुछ असामाजिक तत्व सोशल मीडिया का दुरुपयोग करके अपने निजी स्वार्थ की पूर्ति भी करते हैं।

सोशल मीडिया किसी भी व्यक्ति व समस्या को इतना हाईलाइट कर सकता है कि उसका वर्चस्व समाज में स्थापित हो सकता है तथा किसी को समाज की नजरों में गिरा सकता है। पठानकोट में बरसात के चलते शहर के कई हिस्सों में सीवरेज व्यवस्था का बुरा हाल है। जब भी बारिश होती है तो अधिकांश सीवरेज के मैनहोल में से गंदगी युक्त पानी ओवर फ्लो होकर निकलना शुरू हो जाता है जो शहरवासियों के लिए एक बड़ी दिक्कत खड़ी कर देता है। शहर के मुख्य मार्ग डल्हौजी रोड पर पैट्रोल पम्प के सामने वाले चौक में सीवेज जाम होने के कारण जाम हो चुके नाले में से बह रहा है जो आम जनजीवन को बुरी तरह से प्रभावित तो कर ही रहा है, वहीं स्थानीय दुकानदार भी इस समस्या से परेशान हैं क्योंकि लगातार बह रहे गंदे पानी के चलते दुकानदारों की ब्रिकी भी प्रभावित हो रही है।

अभी तक इस समस्या के हल हेतु निगम प्रशासन असफल दिखाई दे रहा है। ऐसे में एक व्यक्ति ने बड़े शालीनता से सोशल मीडिया का सहारा लेते हुए व्यंग्य के माध्यम से निगम प्रशासन की ढिलमुल कार्यप्रणाली की पोल खोली है।शहर की सीवरेज की बदहाली को दर्शाने के लिए उक्त व्यक्ति ने फोटो सोशल मीडिया पर शेयर कर प्रशासन की खिल्ली उड़ाई है। फोटो में साफ दिख रहा है कि नाले में से बह रहे बरसाती पानी में 2 कागज की किश्तियां तैर रही हैं।बता दें कि डल्हौजी रोड पर मोहल्ला रामपुरा को जाने वाले नैरोगेज फाटक पर सीवरेज जाम होने के कारण उसमें जा रहे नाले का गंदा पानी सड़क पर बह रहा है और निगम द्वारा इस समस्या के हल हेतु कई बार प्रयास किए जा चुके हैं लेकिन समस्या की स्थिति ज्यों की त्यों बनी हुई है।

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