गरीबों को बांटी जा रही गेहूं में लगाए जा रहे चूने के खिलाफ उतरे इंस्पैक्टर

punjabkesari.in Thursday, Jul 18, 2019 - 11:29 AM (IST)

गुरदासपुर(हरमनप्रीत): पंजाब सरकार की ओर से गांवों में गरीबों को बांटी जा रही गेहूं में लगाए जा रहे चूने के खिलाफ विभागीय इंस्पैक्टर सड़क पर उतर आए हैं। गेहूं की घटिया गुणवत्ता और प्रत्येक बोरी में निर्धारित मात्रा से कम गेहूं होने से खाद्य व सिविल सप्लाई विभाग के इंस्पैंक्टरों ने भंडारण केंद्र के इंस्पैक्टर के खिलाफ शिकायत की है। इसके साथ ही गेहूं की क्वालिटी घटिया और कम होने संबंधी जानकारी मिलने पर कांग्रेसी नेता और पंच-सरपंच में भी रोष में आ गए हैं। वे इस मामले को तुरंत कैबिनेट मंत्री सुखजिन्द्र सिंह रंधावा और डिप्टी कमिश्नर विपुल उज्जवल की जानकारी में लाए। इस पूरी कार्रवाई की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।

क्या है मामला?

पंजाब सरकार की ओर से गरीब लोगों को 2 रुपए किलो गेहूं बांटने के लिए गुरदासपुर में पनग्रेन के भंडारणकेंद्रों से गेहूं की बोरियां गांवों में भेजी जा रही हैं, जो खाद्य व सिविल सप्लाई विभाग के माध्यम से लाभार्थियों को बांटी जाती है। इसके अंतर्गत गत दिन गांव खेहरा कोटली और लंगाह सहित विभिन्न गांवों में बांटी जाने वाली गेहूं जब यहां लाद करके ट्रकों में लाई जा रही थी तो गांव लंगाह के लिए भेजे गए ट्रक को कांटे (कांटे) पर तोलते समय इसमें गेहूं की मात्रा कागजों में दर्शाई गई मात्रा से लगभग 4 क्विंटल 40 किलो कम मिली। 
इस बारे जब संबंधित इंस्पै. रजिन्द्र सिंह को पता चला तो उसने तुरंत भंडारण केंद्र के इंस्पै. सुमित कुमार को इस बारे में जानकारी देकर गेहूं की मात्रा पूरी करने के लिए कहा। 

मात्रा पूरी करने की बजाए दुर्व्यवहार

‘पंजाब केसरी’ को जानकारी देते हुए इंस्पै. रजिन्द्र सिंह और लवप्रीत सिंह ने बताया कि उक्त इंस्पैक्टरों ने गेहूं की कम मात्रा पूरी करने की बजाए उनके साथ दुर्व्यवहार किया। इस पर उक्त दोनों इंस्पैक्टरों के अलावा हरदीप सिंह, राकेश उप्पल, वरिन्द्र ठाकुर, अमित कुमार और राजेश कुमार आदि ने सहायक कमिश्नर (शिकायतों) को लिखित रूप में शिकायत करके इस मामले में कार्रवाई की मांग की है। उक्त इंस्पैक्टरों ने यह भी आरोप लगाया है कि इंस्पैक्टर की ओर से अन्य ट्रकों में भेजी जा रही गेहूं की मात्रा में भी गड़बड़ी की जा रही है। इस लिए सभी बोरियों की जांच होनी चाहिए। इस संबंधी शिकायत किए जाने पर सहायक कमिश्नर ने गुरदासपुर शहर की एक वार्ड में बांटी जा रही गेहूं का ट्रक खुद चैक किया और मौके पर भी बोरियों का भार भी चैक करवाया जो पूरा नहीं था।
 

पंचायत ने भी खोला मोर्चा

इंस्पैक्टरों द्वारा की गई शिकायत के अलावा हलका डेरा बाबा नानक के गांव खेहरा कोटली की पंचायत और कांग्रेसी नेताओं ने भी मोर्चा खोलते हुए इस मामले में अहम खुलासा किया है। ‘पंजाब केसरी’ के काहनूवान चौक स्थित कार्यालय में जानकारी देते हुए गांव खेहरा कोटली की सरपंच रजविन्द्र कौर, कांग्रेसी नेता डा. रणधीर सिंह, पंच अजैब सिंह, लखबीर सिंह, धर्म सिंह और मनजीत सिंह ने कहा कि सरकार तो लोगों से किए वायदे पूरे करने का हरसंभव प्रयत्न कर रही है, लेकिन ऐसे अधिकारी सरकार की छवि खराब करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पनग्रेन द्वारा प्रति बोरी गेहूं के पीछे 2 से 3 किलो कम गेहूं दी जा रही है। उनकी ओर से गत दिन बांटी जा रही गेहूं की बकायदा वीडियोग्राफी भी की गई है जिसमें यह स्पष्ट दिखाई दे रहा है कि संबंधित इंस्पैक्टर अपने निजी फायदे हेतु लोगों को बेहद घटिया क्वालिटी की गेहूं बांट रहा है। उन्होंने कहा कि जब भी कोई डिपो होल्डर या लाभार्थी इस के खिलाफ आवाज उठाता है तो उसे डरा कर चुप करवा दिया जाता है, लेकिन वह चुप नहीं बैठेंगे। उन्होंने यह मामला कैबिनेट मंत्री सुखजिन्द्र सिंह रंधावा के ध्यान में ला दिया है ।

क्या कहना है इंस्पैक्टर सुमित कुमार का

गांवों में गरीब लोगों को बांटी जा रही सस्ती गेहूं की गुणवत्ता संबंधी गांव खेहरा कोटली के लोगों द्वारा उठाए गए एतराज और पनग्रेन के इंस्पेक्टरों द्वारा इन गेहूं की बोरियों में गेहूं कम निकलने के आरोपों संबंधी बातचीत करते हुए भंडारण केंद्र गुरदासपुर के इंस्पैक्टर सुमित कुमार ने कहा कि कुछ लोग निजी रंजिश के कारण उसे बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस भंडारण केंद्र से अब तक गेहूं की करीब 40 हजार बोरियां विभिन्न सर्कल में भेजी जा चुकी हैं, जिनमें करीब 2900 बोरियां उनके खिलाफ शिकायत करने वाले इंस्पैक्टर रजिन्द्र सिंह के सर्कल में गई हैं। उन्होंने कहा कि इस संबंधी अभी तक किसी ने कोई शिकायत नहीं की, लेकिन अब रजिन्द्र सिंह ने कुछ अन्य इंस्पैक्टरों को साथ लेकर उसके खिलाफ झूठी शिकायत की है। कुछ दिन पहले जब वह अपने सर्कल की गेहूं लेने के लिए आया तो भंडारण केंद्र पर अन्य सर्कल की गेहूं लोड हो रही थी। इस कारण उन्होंने इस इंस्पैक्टर को कुछ देर इंतजार करने के लिए कहा था, लेकिन रजिन्द्र सिंह ने गुस्से में आकर उस दिन से उसके खिलाफ साजिश करनी शुरु कर दी।उन्होंने कहा कि जिन गांवों के लोगों ने गेहूं की मात्रा कम होने के आरोप लगाए हैं, उन गांवों में तो अभी तक गेहूं भेजी ही नहीं गई है। उन्होंने कहा कि गेहूं की कुछ बोरियां नमी के कारण खराब हो जाती हैं जिनके बारे में तब ही पता चलता है जब उन्हें खोला जाता है। इस लिए उन्होंने खपतकारों को कहा कि अगर कहीं भी गेहूं खराब निकलती है तो वह खराब बोरी वापिस करके अन्य गेहूं ले जा सकते हैं।

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