ट्रैक पर फिर भागने के इंतजार में 162 साल पुराना ZB-66

punjabkesari.in Monday, Sep 16, 2019 - 02:23 PM (IST)

पठानकोट: हिमाचल की खुबसूरत वादियों को देखने के लिए सैलानियों को लम्बा इंतजार करना पड़ेगा। इसका कारण यह है कि तीन महीने से बैजनाथ की वर्कशाप में खड़ा 162 साल पुराना जैड्डबी-66 स्टीम इंजन ट्रैक पर भागने के  योग्य नहीं रहा। इसलिए इसे दोबारा अमृतसर की लोको शेड में भेजा गया है ताकि ये चलने के योग्य बने।

जिक्रयोग्य है कि विदेशी सैलानियों के कहने पर पठानकोट रेलवे ने प्रतापगढ़ (गुजरात) से स्टीम इंजन की मांग की थी। रेलवे ने लंदन द्वारा 1857 में बनाए गए जैड्डबी-66 स्टीम इंजन को पठानकोट की वर्कशाप में भेजा था। इसे ठीक करने के बाद मार्च 2003 में पठानकोट से ज्वालामुखी रोड तक करीब 30 किलोमीटर का ट्रायल लिया गया। ट्रायल तो कामयाब रहा लेकिन इंजन और बाइलर में समस्या आ गई। फिर 2004 में इंजन का दूसरी बार डलहौजी रोड स्टेशन तक 10 किलोमीटर का ट्रायल हुआ लेकिन दोबारा वही समस्या खड़ी हुई। इसके उपरांत 2007 में लखनऊ से आए अधिकारियों ने इसे ठीक किया पर समस्या का हल नहीं हो सका। आखिरकार विभाग ने समस्या को उच्चाधिकारियों के सामने रखा। फिर नवंबर 2008 में स्टीम इंजन को अमृतसर की लोको शेड में भेज दिया गया। यहां से ये दोबारा नए पुर्जों के साथ 2017 में पठानकोट की लोको में पहुंचा।

फिर 2017 में पठानकोट पहुंचे जैड्डबी-66 इंजन की विशेष तौर पर बुकिंग करवाई गई थी। इसमें ब्रिटेन के 11 सैलानियों ने पालमपुर से बैजनाथ तक के लिए दो स्पैशल डिब्बे बुक करवाए थे। टूर सफल होने के बाद विदेशी सैलानियों ने फिर से स्टीम इंजन की बुकिंग की बात कही लेकिन इंजन जवाब दे गया। जब इस संबंधी पठानकोट लोको के सीनियर सैक्शन इंजीनियर देशराज से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि जैड्डबी-66 अमृतसर की लोको में खड़ा है। वहां से उसे बहुत जल्द पठानकोट लाया जाएगा और फिर अमृतसर भेजा जाएगा। 


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Edited By

Sunita sarangal

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