नयना देवी-आनंदपुर साहिब के बीच रोप वे बनाने के लिए MoU साइन, श्रद्धालुओं को होगी आसानी
punjabkesari.in Friday, Sep 28, 2018 - 04:23 PM (IST)
चंडीगढ़/हिमाचल: हिमाचल सरकार ने पंजाब सरकार के साथ नयना देवी-आनंदपुर साहिब रोपवे प्राजेक्ट के समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर साइन किए। यह बड़ा कदम दोनों राज्यों के बीच धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए उठाया गया है। शुक्रवार को इस मौके पर हिमाचल प्रदेश के सीएम जयराम ठाकुर और पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह खासतौर पर पंजाब भवन में मौजूद थे।
Finally the long awaited project for connecting the two holy pilgrimage shrines of Sri Anandpur Sahib and Temple Shri Naina Devi ji with a ropeway has seen the light of day. Happy to be present for the signing of the MoU along with CM of Himachal Pradesh @jairamthakurbjp ji. pic.twitter.com/Yfbq1fWfMc
— Capt.Amarinder Singh (@capt_amarinder) September 28, 2018
संयोगवश शहीद भगत सिंह के 111वें जन्म दिवस के मौके पर शुक्रवार को दोनों राज्यों के बीच समझौते पर पंजाब के पर्यटन एवं सांस्कृतिक मामलों के सचिव विकास प्रताप और हिमाचल प्रदेश टूरिज्म के एसीएस राम सुभाग सिंह ने हस्ताक्षर किए। कैप्टन अमरिंदर ने पंजाब में श्री आनंदपुर साहिब और हिमाचल में नयना देवी जी जाने वाले तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए एक ऐतिहासिक कदम के रूप में इस समझौते का स्वागत किया।
इस मौके पर हिमाचल के मुख्यमंत्री जयराम ने कहा कि दोनों राज्यों के बीच इस परियोजना के महत्व को देखते हुए इसे बहुत पहले पूरा किया जाना चाहिए था। उन्होंने कहा कि हालांकि हिमाचल ने 2014 में इस परियोजना को रद्द कर दिया था, लेकिन कामकाज संभालते ही इस योजना के पुनरुद्धार की शुरुआत की, जिसका कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी समर्थन किया। उन्होंने कहा कि यह परियोजना श्री आनंदपुर साहिब और माता नयना देवी जी जैसे ऐतिहासिक व महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों को जोड़ेगी।
उन्होंने कहा कि हर साल 25 लाख टूरिस्ट माता नयना देवी जी आते हैं, जिनमें से 80 फीसदी पंजाब के निवासी होते हैं। इसीलिए यह रोपवे लाखों श्रद्धालुओं को इन दो ऐतिहासिक व धार्मिक स्थलों की सुगम यात्रा करने में मदद करेगा। पंजाब पर्यटन विभाग ने रोपवे स्थापित करने के उद्देश्य से पंजाब क्षेत्र में लोअर टर्मिनल प्वाइंट और रास्ते के लिए 108 कनाल 13 मारला भूमि अधिग्रहित की है। इस प्रोजेक्ट को एक स्पेशल पर्पज व्हीकल स्थापित करके पीपीपी मोड में चलाया जाएगा। इस प्रोजेक्ट पर 250 करोड़ रुपए की लागत आने का अनुमान है, जो 3.5 किलोमीटर की दूरी कवर करेगा।