176 अवैध कॉलोनियों पर नई रेगुलराइजेशन पॉलिसी पड़ेगी भारी

punjabkesari.in Monday, Oct 22, 2018 - 01:29 PM (IST)

होशियारपुर (अमरेन्द्र): गत शुक्रवार पंजाब सरकार की तरफ से जारी नई कालोनी रैगुलराइजेशन पॉलिसी में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम का नया प्रावधान जोड़ दिया गया है, जो कहीं न कहीं गिरते भू-जलस्तर में सुधार करने में सहायक सिद्ध होगा। नई पॉलिसी तहत अब बिना रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम कॉलोनी रैगुलर नहीं होगी। अकेले होशियारपुर में मार्च 2013 तक 156 अवैध कॉलोनियां थीं जो अब बढ़कर 180 से भी अधिक हो गई हैं जहां रहने वाले बाशिंदों को नगर निगम की तरफ से नियमों के अनुसार सुविधाएं नहीं मिल रहीं।

क्या है नई रैगुलराइजेशन पॉलिसी
सरकार की ओर से जारी अधिसूचना तहत कालोनाइजर व प्लाट होल्डर 4 महीनों में आवेदन कर सकते हैं। साथ ही सरकार ने स्पष्ट किया है कि 19 मार्च 2018 के बाद काटी गई किसी भी कालोनी को रैगुलर नहीं किया जाएगा। जारी पॉलिसी में साफ कर दिया गया है कि अगर कालोनाइजरों ने 4 माह के अंदर-अंदर अपनी कालोनियां रैगुलर नहीं करवाईं तो उनके खिलाफ एफ.आई.आर. दर्ज करवाने की कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी। पॉलिसी के मुताबिक अगर मकान 250 वर्ग गज से कम जगह में बना है तो उसे रैगुलर करवाने के लिए मकान मालिक को मकान का नक्शा किसी आॢकटैक्ट या सिविल इंजीनियर से अप्रूव करवाकर जमा करवाना होगा। अगर 250 या इससे ज्यादा वर्ग गज में मकान हो तो इसके लिए उन्हें आॢकटैक्ट से नक्शा और स्ट्रक्चर इंजीनियर से सेफ्टी सर्टीफिकेट बनवाना होगा।

कवर्ड एरिया रैगुलर करवाने के लिए यह होंगे रेट
निगम की हद में रिहायशी कवर्ड एरिया को रैगुलर करवाने के लिए लोगों को अब 37.5 रुपए प्रति वर्ग फुट, कमर्शियल के लिए 75 रुपए प्रति वर्ग फुट, इंडस्ट्रीयल के लिए 75 रुपए प्रति वर्ग फुट और इंस्टीच्यूशनल के लिए 75 रुपए प्रति वर्ग फुट फीस देनी होगी। नगर निगम की हद के बाहर के इलाकों में रिहायशी कवर्ड एरिया को रैगुलर करवाने के लिए 7.50 रुपए प्रति वर्ग फुट,  कमर्शियल के लिए 45 रुपए प्रति वर्ग फुट और इंडस्ट्रीयल के लिए 7.50 रुपए प्रति वर्ग फुट फीस देनी होगी।

50 गज तक के प्लाटों के लिए देना होगा आधा प्रतिशत
निगम की हद से बाहर 50 गज तक के प्लाटों के लिए कलैक्टर रेट का आधा फीसद, 50 से 100 गज के प्लाटों के लिए कलैक्टर रेट का 1 फीसद, 100 गज से 250 गज के प्लाटों के लिए 4 फीसद और 250 गज से अधिक के प्लाटों के विकास के लिए कलैक्टर रेट का 6 फीसद फीस देनी होगी। वहीं, कमर्शियल प्लाटों के लिए 25 गज तक के प्लाटों के लिए कलैक्टर रेट का 9 फीसद, 25 से 50 गज के लिए 18 फीसद और 50 गज से अधिक के प्लाटों के लिए कलैक्टर रेट का 25 फीसद फीस देनी होगी।

कितनी देनी होगी फीस
17 अगस्त 2007 से पहली काटी गई कालोनियों को रैगुलर करने के लिए कलैक्टर रेट का 0.5 फीसदी या अधिकतम 3 लाख रुपए प्रति एकड़ (प्रति वर्ग गज), 17 अगस्त 2007 से लेकर 31 मार्च 2013 तक काटी गई कालोनियों को रैगुलर करवाने के लिए कलैक्टर रेट का 2 फीसदी या अधिकतम 10 लाख रुपए प्रति एकड़ और 1 अप्रैल 2013 से लेकर 18 मार्च 2018 तक काटी गई कालोनियों को रैगुलर करवाने के लिए कलैक्टर रेट का 6 फीसदी या अधिकतम 20 लाख रुपए प्रति एकड़ अदा करना होगा।

नोटीफिकेशन की कॉपी का है इंतजार : शिव सूद
सम्पर्क करने पर मेयर श्री शिव कुमार सूद का कहना था कि शनिवार व रविवार होने की वजह से नोटीफिकेशन की कॉपी अभी नहीं मिली। रिपोर्ट का अध्ययन करने के बाद ही वह इस संबंध में कुछ बता सकते हैं। मार्च 2013 में 156 के मुकाबले और भी कई कालोनियां अवैध तौर पर विकसित हो गई हैं, जिनकी जांच होगी।

4 कैटेगरी में बांटी गईं कालोनियां
पालिसी के अनुसार 25 प्रतिशत तक बिक चुकी कालोनियों में कम से कम 30 फुट चौड़ी सड़क, अनिवार्य अप्रोच रोड व 5 प्रतिशत इलाके में पार्क होने चाहिएं। 25 से 50 फीसदी बिक चुकी कालोनियों में सड़कें कम से कम 20 फुट चौड़ी, 3 प्रतिशत हिस्से में पार्क होना चाहिएं। 10 एकड़ की कालोनी में 100 वर्ग गज जमीन में ट्यूबवैल, 150 वर्ग गज में एस.टी.पी., 10-15 एकड़ की कालोनी के लिए 200 वर्ग गज, 15-25 एकड़ की कालोनी के लिए 300 वर्ग गज और इससे अधिक एकड़ वाली कालोनी के लिए 500 वर्ग गज भूमि एस.टी.पी. के लिए रखनी जरूरी होगी। 50 फीसद से अधिक बिक चुकी कालोनी में सड़क की चौड़ाई 18 फुट होनी चाहिए जबकि 75 फीसदी से अधिक बिक चुकी कालोनियों के लिए कोई शर्त नहीं है।

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