15 मई से अब तक जिले में नशे की ओवरडोज से हो चुकी है 5 युवकों की मौत

punjabkesari.in Monday, Jul 16, 2018 - 01:39 PM (IST)

होशियारपुर (अमरेन्द्र): पूरे देश में होशियारपुर जिले की पहचान कभी अपने लहलहाते खेतों और सरहदों की रखवाली करने वाले गबरू जवानों के रूप में होती थी, जो अब बुरी तरह नशे की गिरफ्त में है। नशे की गिरफ्त में आकर जहां कई परिवार उजड़ रहे हैं वहीं सरकार व पुलिस की साख पर भी सवालिया निशान लगने शुरू  हो गए हैं। यदि कैप्टन सरकार की तरफ से 15 मई से नशों के कारोबार पर सख्ती के बाद की बात करें तो सरकारी अस्पतालों की पोस्टमार्टम रिपोर्टों के आधार पर गत 60 दिनों में जहां पूरे पंजाब में नशे से आधिकारिक तौर पर 60 युवाओं की मौत हुई है वहीं होशियारपुर जिले का स्थान अमृतसर जिले की 10 मौतों के बाद 5 मौतों के साथ दूसरा है। यदि बात जनवरी से करें तो होशियारपुर जिले का यह आंकड़ा 8 था। 

हालिया रिपोर्ट से सरकार भी सकते में
गौरतलब है कि कुछ समय पहले राज्य के स्वास्थ्य मंत्री ब्रह्म मोहिन्द्रा ने बयान दिया था कि नशे की ओवरडोज से सिर्फ 2 मौतें हुई हैं लेकिन अब खरड़ लैबोरेटरी से आई मृतकों की विसरा रिपोर्ट के आधार पर गत 60 दिनों में हुई 60 मौतों के आंकड़े के बाद सरकार भी सकते में है। मृतकों में अधिकतर की उम्र 18 से लेकर 35 वर्ष के बीच थी। हैरानी वाली बात यह है कि कई युवकों कीमौत हो जाने पर परिजन पुलिस को बताते रहे कि मानसिक परेशानी में आकर कोई जहरीली दवा निगलने से मौत हुई है। परिजन लोक लाज को ध्यान में रखकर पुलिस से धारा 174 अधीन कार्रवाई करवा अपने जिगर के टुकड़े का अंतिम संस्कार कर लिया करते हैं, जो इस आंकड़े में शामिल हो ही नहीं पाता।

नशे के सौदागरों की नहीं टूट रही  सप्लाई-लाइन
सरकार व पुलिस की तरफ से सख्ती करने के बावजूद जिले में नशे का कारोबार बेखौफ चल रहा है। नशीले पदार्थों की सप्लाई कोड वर्ड में हो रही है, हालांकि नंबर बनाने के लिए पुलिस नशे का खात्मा करने का दावा तो करती है लेकिन छोटे-मोटे नशेडिय़ों को गिरफ्तार करके अपनी पीठ थपथपा लेती है, जबकि नशे के बड़े सौदागर अभी तक हाथ नहीं आए। इसी वजह से नशे के सौदागरों की सप्लाई-लाइन टूट नहीं रही।

जिले में 1,200 युवकों का चल रहा इलाज
सरकारी अस्पतालों में इलाज करवाने पहुंचे युवकों की बात मानें तो वे खुद भी नशे की इस दलदल से बाहर निकलना चाहते हैं। सरकार की तरफ से सख्ती के बाद नशे की कीमतों में काफी उछाल आ जाने से उन्हें इन दिनों काफी परेशानियों से जूझना पड़ रहा है। वर्तमान में जिले में लगभग 1,200 युवकों ने नशे के चक्रव्यूह में फंसकर अपनी जवानी गर्दिश में डाल दी है। ऐसे युवाओं की आयु 17 से लेकर &0 साल के बीच है। 

देनोवाल खुर्द व देनोवाल कलां में लगे हैं सी.सी.टी.वी. कैमरे
होशियारपुर जिले के माहिलपुर, गढ़शंकर, मेहटियाना, टांडा व होशियारपुर में भी नशीले पदार्थों की तस्करी दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। गढ़शंकर तहसील के गांव देनोवाल कलां व दोनोवाल खुर्द 2 ऐसे गांव हैं, जहां हर तरह के नशे का कारोबार होता है। इस कारोबार में पुरुषों के साथ-साथ महिलाएं भी शामिल हैं। इससे बचने के लिए पुलिस ने सी.सी.टी.वी. कैमरे भी लगाए हैं जिसका अब कुछ-कुछ असर होने लगा है।

नशे के कोड वर्ड हैं ग्रामी, कैपरी और बिट
नशे में फंसे कुछ युवक बताते हैं कि सप्लायरों ने नशीले पदार्थों की सप्लाई करने के लिए कोड वर्ड रखे हुए हैं। एक ग्राम नशीला पदार्थ 4,000 में मिलता था, लेकिन अब इसकी कीमत बढ़कर 5,000 रुपए हो गई है। इसका कोड वर्ड ग्रामी होता है। आधा ग्राम को कैपरी कहा जाता है। यह 2 से & हजार रुपए में मिलता है। अगर एक खुराक मंगवानी है तो उसे बिट कहा जाता है। इसके बदले में 1,000 से 1,500 रुपए देने पड़ते हैं। जानकारी अनुसार सबसे ’यादा चिट्टे का सेवन होता है। इसके बाद मैडीकल नशा। नशे के सौदागार खुद बाहर नहीं निकलते, नशेड़ी लड़कों से ही सारा सामान सप्लाई करवाते हैं।  

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