एंबुलैंस तो अमीरों के लिए हैं, मुसीबत के समय हमारे लिए तो ठेलागाड़ी ही है एंबुलैंस

punjabkesari.in Friday, Jan 24, 2020 - 07:49 PM (IST)

होशियारपुर(अमरेन्द मिश्रा): अचानक अगर किसी की तबीयत खराब हो जाए तो किसी को कुछ भी नहीं सूझता। बस एक ही उद्देश्य रहता है कि किसी तरह मरीज को अस्पताल पहुंचाया जाए। कुछ इसी तरह की घटना शुक्रवार को दोपहर के समय होशियारपुर के कीर्ति नगर के रहने वाले गरीब सब्जी बिक्रेता राजू शुक्ला के साथ हुई जब वह अपनी बीमार पत्नी को अपने ही ठेले पर रख इलाज के लिए शुक्रवार दोपहर के समय सिविल अस्पताल होशियारपुर लेकर पहुंचा। लोगों के पूचने पर राजू शुक्ला ने बताया कि हमलोग गरीब आदमी हैं। हम गरीब के लिए तो अपना ठेलागाड़ी ही एंबुलैंस से ज्यादा महत्व रखता है। हम एंबुलैंस का कबतक इंतजार करते। बस यही सोच अपने ठेेेले जिसपर वह सब्जी बेचा करता है का ही उपयोग कर लिया है। मुसीबत के समय हम गरीब के लिए ठेलागाड़ी ही ऐंबुलैंस से कम नहीं है।

गर्भाशय की समस्या के साथ तेज रक्तस्त्राव से जूझ रही पत्नी 
सिविल अस्पताल परिसर में बीमार पत्नी व बेटी को ठेले पर लेकर पहुंचे राजू शुक्ला ने बताया कि उसकी पत्नी को पेट दर्द की समस्या के साथ तेज रक्तस्त्राव से जूझ रही है। बाहर की दवा से जब वह ठीक नहीं हुई तो निजी अस्पताल पहुंचे जहां हमें बताया गया कि गर्भाशय की समस्या है जिसका ऑपरेशन करना होगा। इस बात से घबराकर वह जल्दी ही अपने ठेले पर ही पत्नी की इलाज के लिए सिविल अस्पताल लेकर पहुंचे हैं। एंबुलेंस को फोन करने और आने में विलंब की आशंका को देखते हुए ठेला पर ही ले जाना बेहतर समझा। उस समय केवल यही सूझ रहा था कि किसी तरह पत्नी को लेकर सिविल अस्पताल पहुंचाया जाए।

Vaneet