बलराज चौहान व हिम्मत सिंह ने किया रेस एक्रॉस अमरीका के लिए क्वालिफाई

punjabkesari.in Wednesday, Oct 23, 2019 - 06:58 PM (IST)

होशियारपुर(अमरेन्द्र): साइक्लिंग के क्षेत्र में ओलिम्पिक्स का दर्जा हासिल रेस एक्रॉस अमरीका के लिए होशियारपुर के सैंट्रल टाऊन के रहने वाले साइक्लिस्ट बलराज सिंह चौहान व बजवाड़ा के रहने वाले हिम्मत सिंह ने क्वालिफाई कर होशियारपुर का मान बढ़ाने का काम किया है। इस बात की जानकारी प्रैस क्लब में बुधवार को मीडिया को देते हुए चंडीगढ़ में आयोजित शिवालिक सिग्नेचर अल्ट्रा रेस 615 किलोमीटर रेस के रेस डायरैक्टर शरणप्रीति व आर्गेनाईजर अभिषेक कश्यप ने बताया कि रेस में 49 साल से अधिक उम्र वर्ग में बलराज सिंह चौहान ने जहां गोल्ड मैडल हासिल कर क्वालीफाई किया वहीं उन्हें किंग ऑफ माऊंटेन अवार्ड से भी नवाजा गया। 

इसी तरह हिम्मत सिंह ने भी पहले ही प्रयास में क्वालीफाई कर साइक्ंिलग के क्षेत्र में होशियारपुर का मान बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि हर साइक्लिस्ट का सपना होता है रेस एक्रॉस अमरीका में भाग लेना। रेस एक्रॉस अमरीका को पूरा करना एवरेस्ट फतह करने से भी ज्यादा कठिन माना जाता है जिसमें अमरीका के एक छोड़ से दूसरे छोड़ तक कुल 5300 किलोमीटर की दूरी तय समय में पूरा करने के लिए रोजाना 21 से 22 घंटे साइकिल चलाना पड़ता है।

चौहान ने 27.23 घंटा व हिम्मत सिंह 29.40 घंटा पूरी की 615 किलोमीटर
गौरतलब है कि शिवालिक सिगनेचर अल्ट्रा रेस के सोलो कैटेगरी में बलराज सिंह चौहान ने 27 घंटे 23 मिनट में और हिम्मत सिंह ने 29 घंटा 40 मिनट में कुल 615 किलोमीटर की दूरी तय कर क्वालीफाई किया। अभिषेक कश्यप व शरणप्रीति ने बताया कि इस 615 किलोमीटर के लिए सुखना झील से कुराली, बालाचौर, गढ़शंकर, होशियारपुर, हरियाना, ढोलवाहा, कमाहीदेवी, हाजीपुर, मीरथल, पठानकोट, बटाला, अमृतसर, जालंधर, लुधियाना, सरहिंद होते हुए फिर से सुखना झील तय किया गया था। 

साइक्लिंग के क्षेत्र में होशियारपुर का है सुनहरा भविष्य
अभिषेक कश्यप व शरणप्रीति ने मीडिया को बताया कि शिवालिक सिग्नेचर टीम रेस में होशियारपुर के पी.बी.07 टीम में शामिल डा. जैक्शन, मनीष सैनी, नितीन व सिमरनजीत सिंह की टीम पहले स्थान पर रही वहीं शिवालिक ग्रुप में शामिल पुनीत वोहरा, देवाशीष, परमिन्द्रजीत सिंह व गुरपाल सिंह दूसरे स्थान पर रहे। उन्होंने कहा कि साइक्लिंग के क्षेत्र में बलराज चौहान जहां 6 बार सुप रैंडर घोषित हो चुके हैं वहीं अबतक 51000 किलोमीटर की साइक्ंिलग कर चुके हैं। आज जिस तरह होशियारपुर के साइक्लिस्ट लगातार सफलता हासिल कर रहे हैं उससे साफ जाहिर है कि साइक्ंिलग के क्षेत्र में होशियारपुर पूरे देश में मिसाल कायम करेगी।

भारत से 3 समेत दुनियां 300 ने ही पूरी की है रैंम
अभिषेक कश्यप व शरणप्रीति ने बताया कि रैस एक्रॉस अमरीका के 36 साल के इतिहास में अबतक 300 साइक्लिस्ट ही हैं जो इसको समय पर पूरा कर पाए हैं। यदि बात भारत की करें तो अबतक सिर्फ 3 साइक्लिस्ट में पहला नाम लेफ्टिनैंट कर्नल डा. श्रीनिवास गोकुलनाथ का है जिन्होंने अपने दूसरे प्रयास में रेस अक्रॉस अमरीका को पूरा किया था। इसके अलावा डा. अमित सामर्थ और कबीर रणछोर ने इस रेस को समय पर क्लीयर किया है।

दुनिया की सबसे कठिन रेस है रैम
अभिषेक कश्यप व शरणप्रीति ने बताया कि रेस एक्रॉस अमरीका (रैम) अब 16 जून 2020 को होगी। इसके लिए रजिस्ट्रेशन शुरू हो गया है। इसमें सोलो रेस, रॉ सोलो एंड टीम रेस की प्रतियोगिता का आयोजन होगा। रेस एक्रॉस अमरीका का दुनिया की सबसे कठिन अल्ट्रा साइकिल रेस है। इसमें 5300 किलोमीटर साइकिल चलानी होती है। यह साइक्ंिलग की सोलो रेस होती है। इसमें प्रतिभागी साइिक्लस्ट को रोजाना 450 से 500 किलोमीटर साइकिल चलानी होती है। साइिक्लस्ट रोजाना 21 से 22 घंटे साइकिल चलाते हैं। 

न्यू आर्लैन्स से मैरीलैंड तक की दूरी है 5300 किलोमीटर
अभिषेक कश्यप व शरणप्रीति ने बताया कि रेस एक्रॉस अमरीका में यह रेस अमेरिका के पश्चिमी किनारे कैलिफोर्निया प्रांत के न्यू आर्लैन्स से शुरू होती है और पूर्वी किनारे पर मैरीलैंड के एन्नापोलिस पर खत्म होती है। इस दौरान 4 बार टाइम जोन बदलता है, हर बार टाइम जोन बदलने पर आपकी घड़ी 1 घंटा आगे हो जाती है। इस रेस को 12 दिन में पूरा करना होता है। यह रेस अमरीका के 12 राज्यों से होकर गुजरती है। इस दौरान रास्ते में रेगिस्तान, बर्फीली रास्ते और ऊंची पहाडिय़ों को भी पार करना पड़ता है। दिन में 50 डिग्री सेल्सियस तापमान होता है और रात को पांच डिग्री सेल्सियस। 
 

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