जज्बे को सलाम: डॉ.अजय बग्गा ने अपने 62वें जन्मदिन पर 92वीं बार किया रक्तदान

punjabkesari.in Friday, Sep 11, 2020 - 04:25 PM (IST)

होशियारपुर (अमरेन्द्र मिश्रा): शहर के प्रमुख सामाजिक कार्यकर्ता व पूर्व रिटायर्ड सिविल सर्जन डा.अजय बग्गा ने आज शुक्रवार को अपने 62 वें जन्मदिन पर 92 वीं बार रक्तदान कर अपना जन्मदिन मनाया। जन्मदिन पर डा.अजय बग्गा ने मौलवी जिया अहमद, पंडित पुष्पराज कालिया, पास्टर शिंदा व स.जगतार सिंह की उपस्थिति में रक्तदान कर समाज के सामने एक मिसाल कायम की है जिसकी सभी प्रशंसा भी कर रहे हैं। अबतक न जाने कितने ही लोगों को उनके द्वारा दिया गया रक्त जीवन प्रदान कर चुका है। डॉ.बग्गा के इस जज्बे को हर वह व्यक्ति सलाम करता है जो उन्हें जानता है।

पिता की शहादत ने बदल दी जिंदगी में उनकी सोंच
होशियारपुर के बुधराम कालोनी के रहने वाले डॉ.अजय बग्गा के अनुसार 1984 में जब उनके पिता प्रिंसीपल ओमप्रकाश बग्गा ने देश की एकता व अखंडता के लिए प्राणों की आहुति दी तो उसी समय ठान लिया था कि वह रक्त को व्यर्थ नहीं जाने देंगे। उन्होंने रक्तदान अभियान को अपने जीवन का अभिन्न हिस्सा मान रक्तदान कैम्प के आयोजन में बढ़ चढक़र हिस्सा लेने लगे। इसी दौरान उनकी तैनाती 1985 में सिविल अस्पताल होशियारपुर में ब्लड बैंक के इंचार्ज पद पर हो गई तो उन्होंने लोगों को रक्तदान करने को प्रेरित करने के लिए स्वंय रक्तदान करने लगे। 

रक्तदान है महादान, यह पुण्य कर बचाएं जान
डॉ.अजय बग्गा का कहना है कि दुनिया में रक्त का कोई दूसरा विकल्प नहीं है, रक्त की पूर्ति केवल रक्त से ही हो सकती है। रक्तदान महादान है, जीवनदान है। इससे बढक़र कोई पुण्य नहीं है फिर भी लोग अज्ञानतावश इस पुण्य कार्य के भागीदार नहीं बन रहे। रक्तदान जीवनदान है। हमारे द्वारा किया गया रक्तदान कई जिंदगियों को  बचाता है। इस बात का अहसास हमें तब होता है जब हमारा कोई अपना खून के लिए  जिंदगी और मौत के बीच जूझता है। उस वक्त हम नींद से जागते हैं और उसे बचाने  के लिए खून के इंतजाम की जद्दोजहद करते हैं। 

रक्तदान से नहीं आती कमजोरी
डा.अजय बग्गा के अनुसार अनायास दुर्घटना या बीमारी का शिकार हममें से कोई भी हो सकता है। आज हम सभी शिक्षित व सभ्य समाज के नागरिक है, जो केवल अपनी नहीं बल्कि दूसरों की  भलाई के लिए भी सोचते हैं तो क्यों नहीं हम रक्तदान के पुनीत कार्य में अपना सहयोग प्रदान करें और लोगों को जीवनदान दें। रक्तदान करने से व्यक्ति को बीमारी नहीं होती, बल्कि शरीर में नये रक्त का निर्माण होता है। लोगों का ये भ्रम है कि रक्तदान करने से कमजोरी आएगी। एक व्यक्ति का एक यूनिट खून से किसी की जान बचा सकता है। रक्तदान से बड़ा कोई दान नहीं, इसलिए भ्रम छोडक़र रक्तदान के लिए लोग आगे आएं तो न सिर्फ खून की किल्लत खत्म होगी, बल्कि गरीब रोगियों और दुर्घटनाग्रस्त व्यक्तियों को नया जीवन मिल सकेगा। 


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Mohit

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