भुवनेश्वर में हरमिलन बैंस ने अब 800 मीटर रेस में जीता गोल्ड मैडल

punjabkesari.in Saturday, Feb 29, 2020 - 08:46 PM (IST)

होशियारपुर(अमरेन्द्र मिश्रा): भारत में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी फुटबॉल के खिलाडिय़ों के नर्सरी के तौर पर जाने जाते होशियारपुर के माहलपुर कस्बे की हरमिलन बैंस बतौर एथलीट के तौर पर अपने माता-पिता के नक्शेकदम पर चल कर होशियारपुर का नाम रोशन कर रही है। खेलो इंडिया के अधीन ऑल इंडिया युनिवर्सिटी चैम्पियनशिप भुवनेश्वर में कालिंगा स्टेडियम में कल शुक्रवार को 1500 मीटर रेस में गोल्ड मैडल हासिल करने के बाद अब आज शनिवार को 800 मीटर रेस मुकाबले में भी हरमिलन बैंस ने जैसे ही गोल्ड मैडल हासिल की माहलपुर में हरमिलन के घर में खुशी की लहर दौड़ पड़ी। हरमिलन के 2-2 गोल्ड मैडल हासिल करने की खबर सोशल मीडिया पर वायरल होते ही लोगों के बधाईयां देने का दौर शुरू हो गया। अपनी सफलता पर भुवनेश्वर से फोन पर हरमिलन ने बताया कि अब उसकी नजर अप्रैल महीने में पटियाला में आयोजित होने वाली फैडरैशन कप में भी गोल्ड मैडल हासिल कर ओलिम्पिक्स के लिए क्वालीफाई करने पर नजर है। 

पूर्व इंटरनैशनल एथलीट दम्पति अमनदीप व माधुरी की बेटी है हरमिलन
गौरतलब है कि युनिवर्सिटी ही नहीं बल्कि बचपन से ही स्कूल स्तरीय खेल मुकाबलों में भी हरमिलन बैंस अपने इंटरनैशनल एथलीट पिता अमनदीप सिंह बैंस व मां माधुरी का नाम रोशन करती चली आ रही है। पिता अमनदीप सिंह बैंस ने जहां साऊथ एशियन गोम्स 1996 में 1500 मीटर रेस में सिल्वर मैडल हासिल किया था वहीं मां अर्जुन अवार्डी माधुरी ने एशियन गेम्स बुसान (साऊथ कोरिया) 2002 में 800 मीटर रेस में सिल्वर मैडल हासिल कर होशियारपुर के साथ-साथ पंजाब व देश का नाम रोशन कर चुकी है।

बिटिया को मिल रही सफलता मेरे लिए गर्व का क्षण  
माहिलपुर कस्बे में इंटरनैशनल एथलीट पिता अमनदीप सिंह बैंस व अर्जुन अवार्डी मां माधुरी ने बताया कि हरमिलन पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला में पढ़ते हुए अपने लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में ट्रैक पर कड़ी मेहनत करती है। अब पिछले साल की ही तरह इस बार भी भुवनेश्वर में हरमिलन को पहले 1500 मीटर व अब शनिवार को 800 मीटर रेस में भी गोल्ड मैडल हासिल करते देख बहुत खुशी हो रही है। हरमिलन को प्रेरणा और समर्थन देने के लिए उसके साथ हमलोग भी अक्सर यात्रा करते हैं और बचपन से हमेशा उसके आहार का ध्यान रखते हैं।

माता-पिता व कोच के आर्शिवाद से मिल रही है सफलता
भुवनेश्वर से फोन पर एथलीट हरमिलन बैंस ने बताया कि वह अपने खेल कैरियर में हमेशा प्रेरित करने के लिए माता-पिता के साथ कोच सुरेश सैनी की शुक्रगुजार हैं। समय समय पर माता-पिता के साथ कोच ने मुझे कठिन चुनौतियों के लिए तैयार किया जिस वजह से आज वह इस मुकाम पर पहुंची हूं। मैदान पर कड़ी मेहनत कर मेरी तमन्ना भविष्य में ओलिम्पिक्स में देश के लिए मैडल हासिल करना है।


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Vaneet

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