एक ही सिरिंज से नशा कर नशेड़ी दे रहे हैं एड्स को निमंत्रण

punjabkesari.in Monday, Nov 18, 2019 - 05:19 PM (IST)

होशियारपुर(अमरेन्द्र): एड्स पर शिकंजा कसने के लिए केंद्र व राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे तमाम प्रयासों के बावजूद पंजाब में एड्स मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। इसका प्रमुख कारण है संक्रमित सिरिंज और सुइयों का इस्तेमाल करना। इससे राज्य में 5 वर्षों में एड्स के मरीजों की संख्या 370 फीसदी बढ़ गई है। राज्य में एड्स मरीजों की बढ़ते संख्या को लेकर सरकार अब झोलाछापों पर शिकंजा कसने की तैयारी में जुट गई है।

ओ.एस.टी. सैंटरों से आधे से ज्यादा नशेड़ी हुए गायब
बाबा फरीद यूनिवर्सिटी के पूर्व रजिस्ट्रार डा. पी.एल. गर्ग बताते हैं कि सेहत विभाग ने सिरिंज से नशा करने वालों को एड्स से बचाने हेतु उन्हें ओरल मैडीसिन पर शिफ्ट करने के लिए 30 ओ.एस.टी. सैंटर खोले हैं। इसमें धीरे-धीरे उनका नशा भी छुड़ाया जाता है। ओ.एस.टी. सैंटरों में राज्य भर से करीब 28,700 नशे के आदी लोगों का पंजीकरण किया जा चुका है। इनमें से करीब 21 हजार लोगों का इलाज चल रहा है। इलाज करवाने वालों में 10 हजार ही दवा खाने आ रहे हैं। आधे से ’यादा मरीज गायब हो चुके हैं। सेहत विभाग ने उन्हें ढूंढने की जहमत ही नहीं उठाई। गायब हुए लोग ही संक्रमित सुइयों का इस्तेमाल कर एच.आई.वी. की दर में वृद्धि करने के लिए जिम्मेदार हैं।

हैरानीजनक व भयावह हैं आंकड़े
पंजाब स्टेट एड्स कंट्रोल सोसायटी के मुताबिक वर्ष 2014 में संक्रमित सिरिंज के इस्तेमाल से सामने आने वाले एच.आई.वी. मरीजों की संख्या 671 दर्ज की गई थी। वर्ष 2017 में इनकी संख्या बढ़कर 1488 हो गई थी। वर्ष 2018 में 70 फीसदी इजाफे के साथ यह संख्या 2567 तक पहुंच गई, वहीं इस साल मरीजों की संख्या में पिछले 10 माह में 27 फीसदी इजाफा हुआ है। एच.आई.वी. मरीजों की संख्या अब 31&4 है। इसका कारण यह है कि एक ही सिरिंज से एक से अधिक लोग नशा करते हैं। इसके अलावा ग्रामीण इलाकों में झोलाछाप डाक्टर भी उपचार के दौरान एक ही सिरिंज का इस्तेमाल करते हैं। इससे एच.आई.वी. होने का खतरा बढ़ जाता है। 


असुरक्षित सिरिंज मामले में फर्जी डाक्टरों पर नजर
पंजाब एड्स कंट्रोल सोसायटी के अधिकारियों के अनुसार सिरिंज की सप्लाई केवल अस्पतालों व पंजीकृत डाक्टरों को ही उनके लैटर पैड पर आवेदन के बाद करने के आदेश हैं। रा’य में पंजाब एड्स कंट्रोल सोसायटी के साथ ही 62 स्वयंसेवी संगठन सिरिंज से नशा करने वालों को ढूंढ कर उन्हें ओ.एस.टी. सैंटरों में ला रहे हैं।  राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन के अनुसार असुरक्षित सिरिंज से नशा करने वालों में 12 फीसदी एच.आई.वी. मरीज सामने आए हैं। इस मामले को लेकर विभाग फर्जी डाक्टरों पर शिकंजा कसने की तैयारी कर रहा है। 

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