ट्यूबवैल कुनैक्शन पर मुफ्त बिजली सुविधा को सोलर पैनल से जोड़ बोझ कम करेगी सरकार

punjabkesari.in Sunday, Oct 04, 2020 - 06:24 PM (IST)

होशियारपुर (अमरेन्द्र मिश्रा): पंजाब में किसानों को ट्यूबवैल कुनैक्शन पर मिलने वाली मुफ्त बिजली की सुविधा को सोलर पैनल से जोड़ सरकार पावरकॉम पर से बोझ कम करने पर गंभीरतापूर्वक विचार कर रही है। किसानों को मिल रही इस सुविधा को लेकर हमेशा ही सरकारों की नजर में खटकी रहती है। इसकी वजह यह भी है कि किसानों को ट्यूबवैल कुनैक्सन पर मुफ्त बिजली देने से राज्य सरकार को हरेक वर्ष 7,000 करोड़ रुपए का वित्तीय बोझ उठाना पड़ता है। इसका सीधा असर शहरी लोगों व आम बिजली उपभोक्ताओं पर पड़ता है। राजनीतिक दबाव होने के कारण कोई भी सरकार मुफ्त बिजली बंद या उसका बोझ कम करने की हिम्मत नहीं जुटा पाती है। 

उपभोक्ताओं को पड़ रही है 8 रुपए से भी अधिक महंगी बिजली
गौरतलब है कि पंजाब में मुफ्त बिजली की सुविधा को लेकर लंबे समय से खींचतान चली आ रही है, क्योंकि शहरी लोगों का यह आरोप रहता है कि सरकार किसानों को तो मुफ्त बिजली देती है, लेकिन उसका बोझ शहरी लोगों पर डाल देती है। यही कारण है कि पंजाब में सारे खर्चे डालकर प्रति यूनिट 8 रूपये से भी महंगी बिजली पड़ रही है, जबकि किसानों को सरकार हरेक साल 7,000 करोड़ रुपए की मुफ्त बिजली दे रही है।

होशियारपुर में 70 हजार वहीं पंजाब में है 14.50 लाख ट्यूबवैल
पावरकॉम के सूत्रों के अनुसार होशियारपुर सर्कल में इस समय 70 हजार के करीब ट्यूबवैल कुनैक्शन है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार पंजाब में 17.50 लाख किसान खेती कर रहे हैंं। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह यह दावा करते रहे हैंं कि पंजाब में 65 फीसदी किसान के पास 2 एकड़ से ज्यादा की जमीन नहीं है। इन आंकड़ों को सही माना जाए तो तकरीबन 10.50 लाख किसान के पास 2 एकड़ से कम जमीन है, जबकि राज्य में 14.50 लाख ट्यूबवेल कनेक्शन है। अक्सर ही यह सवाल उठते रहते हैंं कि जब 2 एकड़ जमीन वाला किसान ट्यूबवेल का खर्च नहीं उठा सकता तो फिर यह कनेक्शन किनके पास है। यही कारण है कि सरकार पर अक्सर ही किसानों को दी जाने वाली मुफ्त बिजली को बंद करने का दबाव भी पड़ता रहता है। 

सोलर पैनल से मोटरों को जोडऩे की बन रही है योजना
पंजाब सरकार अब यह विचार कर रही है कि किसानों के मोटर को सोलर पैनल से जोड़ दिया जाए। सरकार यह मान रही है कि इसे चरणबद्ध ढंग से किया जाए तो 10 से 12 वर्षों में मोटर कुनैक्शन को सोलर पैनल से जोड़ा जा सकता है। चूंकि राज्य सरकार हरेक साल 7000 करोड़ रुपए मुफ्त बिजली पर खर्च कर ही रही है। अत: अगर इस पैसे का उपयोग सोलर पैनल पर किया जाए तो न सिर्फ मुफ्त बिजली का बोझ आने वाले 10 से 12 वर्षों में खत्म हो जाएगा। बल्कि इतने ही वर्षों के बाद किसान बिजली बेचने की स्थिति में भी आ जाएगा।

Mohit