स्वच्छता अभियान से डॉ.पल्लवी बग्गा संभाल रही सेवा की बेमिसाल विरासत

punjabkesari.in Sunday, Mar 24, 2019 - 08:09 PM (IST)

होशियारपुर (अमरेन्द्र): साल 2016 में गंदगी के मामले में पंजाब के सबसे प्रदूषित शहर में शामिल अपने शहर होशियारपुर का नाम सुन मैडीकल कॉलेज में सहपाठियों के बीच अपने शहर की बदनामी का चर्चा सुन बी.डी.एस.की पढ़ाई कर रही होशियारपुर की डॉ पल्लवी बग्गा के मन को झकझोर कर रख दिया। अब बी.डी.एस.की पढ़ाई पूरी कर अंबाला में ही इंटर्नसिप कर रही डॉ.पल्लवी बग्गा ने स्वच्छता मिशन को हथियार बना अपने शहर को स्वच्छ करने की ठान ली है। सफाई कर दूसरों को प्रेरित कर रही डॉ.पल्लवी बग्गा हाथ में दस्ताने व मुंह पर मास्क लगा अपने हाथ में झाड़ू पकड़ इन दिनों अपने परिवार के 2 पीढिय़ों की बेमिसाल सेवा भावना की विरासत को संभालने में जुट गई है।



बग्गा परिवार के रक्त में है सेवा की अमीर विरासत
शहर के काली कमली आश्रम वाली गली के रहने वाले शहर के विख्यात आर्कीटैक्चर इंजीनियर विजय बग्गा व डी.ए.वी.कॉलेज में अंग्रेजी विषय की प्रोफेसर रुपाक्षी बग्गा की होनहार एकलौती बिटिया डॉ.पल्लवी बग्गा को सेवा की बावना विरासत में मिली हुई है। डॉ.पल्लवी बग्गा के दादा स्वर्गीय प्रिंसीपल ओमप्रकाश बग्गा शहर के नामी गिरामी शिक्षाविद के साथ-साथ समाजवादी विधायक थे वहीं ताया डॉ.अजय बग्गा रिटायर्ड सिविल सर्जन के साथ-साथ सूबे के एक नामचीन सामाजिक कार्यकर्ता के तौर पर अपनी एक अलग पहचान कायम किए हुए हैं।



पहले चरण में मिली सफलता से खुश हैं डॉ.पल्लवी बग्गा
होशियारपुर में अपने अभियान में जुटी डॉ.पल्लवी बग्गा ने बताया कि बी.डी.एस.की पढ़ाई के दौरान ही उसने मम्मी व पापा को अपनी योजना बता दी थी। अपनी योजना के तहत पहले चरण में उसने पुडा ग्राऊंड, गुरु नानक एवैन्यू व विजय नगर के पार्क का चुनाव कर अपने अभियान में जुट गई। पार्क में अकेले गंदगी व कूड़े के ढेर को उठाते देख सभी को आश्चर्य तो हो रही पर दुख की बात है कि अभियान में जुटने का साहस दिखाने में सभी हिचक रहे हैं। पहले चरण में तीनों ही पार्क को साफ सुथरा बना देख बहुत खुशी होती है लेकिन अगले बार आने पर फिर से उस स्थान पर कूड़े का ढेर देख दुख भी।



राजनीतिज्ञ व अफसरशाही को कोसना ठीक नहीं: डॉ.पल्लवी बग्गा
डॉ.पल्लवी बग्गा का कहना है कि पार्क व शहर के चौक चौराहों पर गंदगी के ढेर व कूड़ों का अंबार देख लोग शहर के राजनीतिज्ञ व अफसरशाही को कोसना शुरू कर दिया करते हैं वह ठीक नहीं है। मेरे शहर में गंदगी है तो उसका कसूरवार कहीं ना कहीं हम भी उसमें शामिल होते हैं। यदि शहर के लोग ठान ले कि हम गंदगी नहीं फैलाएंगे तो सवाल ही नहीं उठता हमारा शहर गंदा दिखे। एक डॉक्टर होने के नाते मुझे पता है कि कई प्रकार की बीमारियां इन कूड़े कचरे के ढेर व जगह-जगह फैले गंदगी की वजह से ही हुआ करती है। किसी ना किसी को तो इसमें आगे आना ही होगा। मुझे खुसी है कि गंदगी उठाते देख मेरे उपर लोगों को गर्व तो महसूस होता है लेकिन लोग क्या कहेंगे को सोंचते ही वह अपना कदम पीछे कर लिया करते हैं वह ठीक नहीं है। साफ सफाई के मामले में हमें भी अपनी सोंच में बदलाव लाना होगा तभी हमारा शहर साफ व स्वच्छ रहेगा।

Mohit