फीस हुई लेट तो मासूम बच्चों को परीक्षा से किया बाहर

punjabkesari.in Tuesday, Sep 18, 2018 - 09:05 AM (IST)

होशियारपुर(जैन): समाज द्वारा स्कूलों को शिक्षा के मंदिर का दर्जा प्रदान किया गया है क्योंकि इन शिक्षण संस्थानों में गुरु बच्चों को तराश कर उनके भविष्य का निर्माण करते हैं, लेकिन दसूहा रोड पर स्थित तक्षशिला स्कूल में अजीब-सा माहौल देखने को मिला। 

स्कूल में एकत्रित दर्जनों अभिभावक इस बात को लेकर विरोध जता रहे थे कि फीस की अदायगी को लेकर उनके मासूम बच्चों को परीक्षा में बैठने से वंचित किया जा रहा है। जब इस घटनाक्रम की सूचना बहुजन समाज पार्टी के जोन इंचार्ज ठेकेदार भगवान दास व जिला प्रधान पुरुषोत्तम राज अहीर को मिली तो वे फौरी तौर पर स्कूल पहुंचे।

श्री अहीर ने बताया कि बच्चों के अभिभावक स्कूल प्रशासन द्वारा अत्यधिक वसूलियां किए जाने की दुहाई दे रहे हैं। इसी एवज में बच्चों को परीक्षा से वंचित रखा जा रहा था। उन्होंने बताया कि अभिभावकों को 13 सितम्बर को फीस जमा करवाने की सूचना मिली, जबकि 10 दिन के भीतर फीस जमा करवाई जानी थी। मात्र 3 दिन के भीतर ही स्कूल प्रशासन ने बेरु खी अपनाते हुए बच्चों को परीक्षा से बाहर कर डाला। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि जब इस गंभीर मुद्दे को लेकर स्कूल की प्रिंसीपल से अपील की गई कि किसी उच्च अधिकारी से हमारी बात करवाओ तो वे लगातार टालमटोल करती रहीं। इसी दौरान अभिभावकों व बसपा का तीव्र विरोध देख प्रिंसीपल बच्चों को परीक्षा में बैठाने के लिए राजी हो गईं। 

क्या कहती हैं प्रिंसीपल
सम्पर्क करने पर स्कूल की प्रिंसीपल रेखू जीड़ ने कहा कि अभिभावक फीस की अदायगी में बेवजह देरी कर रहे थे इसीलिए 15 सितम्बर को पेरैंट्स डे रखा गया था लेकिन फीस न देने संबंधी समस्या लेकर कोई अभिभावक नहीं आया। उनका कहना था कि फीस के बिना कैसे काम चल सकता है। मैंने तो बच्चों से बस यही कहा था कि पेपर देने हैं तो फीस तो लानी ही होगी।  

swetha