डेढ साल से पानी को तरस रहे बरोटी के लोग

punjabkesari.in Monday, Mar 19, 2018 - 10:59 AM (IST)

होशियारपुर(अमरेन्द्र): शिवालिक पहाड़ी की गोद में बसे गांव बरोटी के निवासी पिछले डेढ़ साल से ट्यूबवैल के जरिए पानी मिलने का इंतजार करने को विवश हैं। हैरानी वाली बात यह है कि गांव के बाहर पानी की टंकी को बने डेढ़ साल गुजर जाने के बाद भी यह टंकी गांव के लोगों के लिए सफेद हाथी साबित हो रही है। लोगों को पानी की आपूर्ति न मिलने की मुख्य वजह यह है कि पानी की टंकी और ट्यूबवैल के बीच पाइपें डालकर कनैक्शन नहीं जोड़ा गया। ऐसा भी नहीं कि पाइपें नहीं हैं। पाइपें मंगवाकर रखी हुई हैं लेकिन उन्हें जोडऩे की जहमत नहीं की जा रही।

क्या कहते हैं गांव के लोग
गांव के वासियों कमलेश कुमारी, यमुना देवी, नीलम देवी, सत्या देवी, चमन राम, रूप लाल, संदेश कुमार, देसराज, सोमा, अनिल कुमार तथा अमर चंद ने बताया कि इस काम के लिए पूर्व विधायक महिन्दर कौर जोश ने इस कार्य के लिए 25 लाख रुपए की ग्रांट दी थी वहीं बाद में संसदीय कोटे से भी 1 लाख रुपया दिया गया था परन्तु अब पैसा न होने की बात कहकर सरपंच द्वारा काम को आगे नहीं बढ़ाया जा रहा, जबकि जो कार्य पहले होने चाहिए थे, उनके न होने से सारा कार्य अटका पड़ा है।

उन्होंने कथित तौर पर आरोप लगाया कि सरपंच जानबूझकर कनैक्शन नहीं जुड़वा रहा, जिसके चलते लोगों को पानी की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। लोगों ने बताया कि उनके गांव में चौहाल से पानी की सप्लाई आती है। गांव में जो घर ऊंची जगहों पर हैं, उन्हें पानी नहीं मिल रहा। लोगों ने सरकार और जिला प्रशासन से अपील की कि ट्यूबवैल से टंकी तक की पाइपों को जल्द से जल्द जोड़ा जाए ताकि पानी नसीब हो सके। 

खुले आसमान के नीचे पाइपें हो रही हैं खराब
बरोटी गांव के लोगों ने बताया कि करीब डेढ़ साल पहले गांव में टंकी बनकर तैयार हो गई थी तथा ट्यूबवैल भी लगवा दिया गया था। ट्यूबवैल से टंकी तक पानी की सप्लाई हेतु पाइपें न डालने के कारण पानी टंकी तक नहीं पहुंच सका, जबकि घरों तक पानी सप्लाई करने के लिए डिलीवरी पाइपें पहले ही मंगवा कर रख ली गई थी, जो स्कू ल के खेल मैदान में पड़ी-पड़ी क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं। पाइपों की हालत देखकर लगता है कि उनकी गुणवत्ता कितनी होगी।

क्या कहते हैं सरपंच
जब इस संबंध में गांव के सरपंच सुरजीत से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि जो पैसा उन्हें मिला था, उन्होंने उससे काम करवाए हैं। फंड की कमी से काम रुका हुआ है। उन्होंने गांव वासियों द्वारा लगाए गए आरोपों को नकारते हुए बताया कि वह इस काम को पूरा करने के लिए प्रयासरत हैं तथा उम्मीद है कि जल्द ही इस संबंधी ग्रांट मिलने पर काम शुरू करवा दिया जाएगा।

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