स्कूल बस से उतरते समय हादसे में छात्र घायल

punjabkesari.in Sunday, May 20, 2018 - 10:48 AM (IST)

होशियारपुर(अमरेन्द्र): शनिवार दोपहर 1.15 बजे के करीब मोहल्ला नई आबादी में 10 वर्षीय मासूम छात्र आर्यन सूद उस समय सड़क से गुजर रहे बाइक की चपेट में आकर घायल हो गया जब वह स्कूली बस से उतरने के बाद सड़क पार कर रहा था।  बीच सड़क पर बेटे आर्यन को दर्द से कराहते देख मां ईशा सूद ने तत्काल ही इसकी सूचना पति विकास सूद को दे आर्यन को  लेकर इलाज के लिए सिविल अस्पताल पहुंच गई। 

सिविल अस्पताल में आर्यन के पिता विकास सूद ने आरोप लगाया कि बार-बार कहने के बावजूद भी स्कूल प्रबंधन अपनी स्कूल बस में अटैंडैंट की तैनाती नहीं कर रहा जबकि सुप्रीम कोर्ट का साफ तौर पर निर्देश है कि बच्चे को बस से उतारने के बाद अटैंडैंट सड़क पार करवाए।  उन्होंने इस संबंधी मैडीकल रिपोर्ट के साथ थाना सिटी को शनिवार सायं शिकायत कर मामले की जांच करने व आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की। 


क्या हैं सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देश 

*बसों के आगे-पीछे स्कूल बस लिखा होना चाहिए।
*स्कूली बसों में प्राथमिक चिकित्सा बॉक्स की व्यवस्था करें।
*प्रत्येक बस में आग बुझाने के उपकरण होने चाहिएं।
*अगर किसी एजैंसी से बस अनुबंध पर ली गई है तो उस पर ऑन स्कूल ड्यूटी लिखा होना चाहिए। 
*बसों में सीट क्षमता से अधिक बच्चे नहीं होने चाहिएं।
*प्रत्येक स्कूल बस में हॉरिजैंटल ग्रिल लगे हों।
*स्कूल बस पीले रंग की हो, जिसके बीच में नीले रंग की पट्टी पर स्कूल का नाम और फोन नंबर होना चाहिए।
*बसों के दरवाजे को अंदर से बंद करने की व्यवस्था होनी चाहिए।
*बस में सीटों के नीचे बैग रखने की व्यवस्था होनी चाहिए। 
*बसों में टीचर जरूर होने चाहिएं, जो बच्चों पर नजर रखें। 
*प्रत्येक बस चालक को कम से कम 5 साल का भारी वाहन चलाने का अनुभव हो।
*एक बस में कम से कम 2 चालक होने चाहिएं।
*चालक का कोई चालान नहीं होना चाहिए और न ही उसके खिलाफ कोई मामला दर्ज हो।

क्या है मामला

सिविल अस्पताल में घायल आर्यन के पिता विकास सूद व मां ईशा सूद ने मीडिया को बताया कि आर्यन दसूहा रोड स्थित एक मिशनरी स्कूल में चौथी क्लास में पढ़ता है। शनिवार स्कूल से छुट्टी होने के बाद नई आबादी स्थित अपने स्टॉप पर जब वह बस से नीचे उतर सड़क पार कर रहा था तो सामने से आ रही बाइक की चपेट में आकर आर्यन जख्मी हो गया। उन्होंने नियम का हवाला देते हुए कहा कि बच्चे को स्टॉप पर उतारने के बाद सड़क पार कराने की जिम्मेदारी बस अटैंडैंट की होती है जिसका पालन नहीं किया जाता। 
 

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