राजा की मेयरशिप के 100 दिन पूरे,अभी भी भ्रष्टाचार में नहीं आई कोई कमी

punjabkesari.in Thursday, May 03, 2018 - 07:24 AM (IST)

जालंधर (खुराना): निगम चुनावों में लगातार 5 बार जीत प्राप्त करने वाले 63 वर्षीय जगदीश राज राजा को इस साल के शुरू में 25 जनवरी को जालंधर के 6वें मेयर के रूप में शपथ दिलाई गई थी। राजा की मेयरशिप के 100 दिन पूरे हो गए हैं और इन 100 दिनों दौरान जहां निगम का वर्क कल्चर कुछ तबदील होता दिख रहा है वहीं तमाम प्रयासों के बावजूद निगम में व्याप्त भ्रष्टाचार में अभी कोई कमी नहीं आई है।

पार्षद हाऊस की रिकार्ड बैठकें हुईं
निगम एक्ट में पार्षद हाऊस की बैठक हर माह बुलाने का प्रावधान है परंतु सभी मेयर बहुत देर बाद बैठकें करते रहे। पूर्व मेयर सुनील ज्योति तो साल में 2 बैठकें भी ढंग से नहीं कर पाते थे। परंतु मेयर बने राजा ने इस परम्परा को तोडऩा शुरू कर दिया है। 100 दिनों में 2 बैठकें हो चुकी हैं और अगर कोड न लगता तो तीसरी बैठक भी होनी निश्चित थी। पार्षद हाऊस की बैठकों में सत्ता पक्ष और विपक्ष को क्या हासिल हुआ यह तो चर्चा का विषय है परंतु इतना जरूर है कि इस मामले में निगम एक्ट का पालन होना शुरू हो गया है।

अफसर जवाबदेह बनने लगे 
चाहे इस अवधि दौरान निगम के भ्रष्टाचार में कमी नहीं आई है परंतु कई मामलों में अफसर जवाबदेह बनने लगे हैं। चूंकि राजा लगातार 26 सालों से पार्षद के रूप में कार्यरत हैं और निगम की नब्ज से भली-भांति वाकिफ हैं इसलिए अफसरों को भी उनके स्वभाव का पता है। ऐसे में कई बार मेयर और अफसरों के बीच तल्ख स्थिति भी उत्पन्न हो चुकी है। 

विधायकों पर भी भार डाला 
पिछले मेयर की बात करें तो उनका झुकाव ज्यादा के.डी. भंडारी की ओर माना जाता था परंतु मेयर जगदीश राजा चाहे विधायक राजिंद्र बेरी के निकटवर्ती हैं पर वह सभी विधायकों को बराबर तवज्जो देकर उन पर शहर का भार भी डाल रहे हैं। ज्यादातर मामलों में मेयर राजा सभी विधायकों या उस हलके विशेष के विधायक से सलाह अवश्य कर लेते हैं। चाहे इस मामले में उनकी आलोचना भी हो रही है परंतु वह साफ कहते हैं कि वह सभी विधायकों से तालमेल बनाकर ही शहर का विकास करेंगे। 

Anjna