6 महीने में 167 बिल्डिंगों को तोड़ने का एक्शन प्लान हाईकोर्ट को सौंपा

punjabkesari.in Thursday, Jan 16, 2020 - 08:49 AM (IST)

जालंधर(खुराना): आर.टी.आई. एक्टीविस्ट सिमरनजीत सिंह द्वारा शहर की 448 अवैध बिल्डिंगों व कालोनियों बारे जो याचिका पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में दायर है, उस पर आज चीफ जस्टिस के बैंच ने सुनवाई की जिस दौरान नगर निगम ने बाकी बचती 167 बिल्डिंगों को तोड़ने का एक्शन प्लान अदालत को सौंपा। गौरतलब है कि हाईकोर्ट ने नगर निगम को सभी अवैध बिल्डिंगों पर नियमानुसार कड़ी कार्रवाई करने के आदेश दे रखे हैं, जिनके चलते निगम 100 के करीब बिल्डिंगों को सील कर चुका है और दर्जनों बिल्डिंगों को तोड़ा जा चुका है।
PunjabKesari, Action plan to dismantle 167 buildings in 6 months submitted to High Court
निगम ने हाईकोर्ट को बताया था कि 167 अवैध बिल्डिंगों पर वह इसलिए कार्रवाई नहीं कर पाया क्योंकि निगम के पास स्टाफ की काफी कमी है। ऐसे में अदालत ने निर्देश दिए थे कि निगम हर महीने निर्धारित बिल्डिंगों पर कार्रवाई करने का एक्शन प्लान बनाए और अदालत को सौंपे। आज जो एक्शन प्लान एफीडेविट के रूप में निगम ने अदालत को सौंपा उसमें अगले 6 महीनों के दौरान बाकी बचती 167 बिल्डिंगों पर कार्रवाई की रूपरेखा बताई गई है और दो-दो महीने के एक्शन प्लान अदालत को दिए गए हैं, जिससे माना जा रहा है कि अब निगम को अगले 6 महीनों के दौरान 167 बिल्डिंगों को तोड़ने हेतु युद्ध स्तर पर डैमोलेशन अभियान चलाने होंगे। हाईकोर्ट में अगली सुनवाई 27 फरवरी को होगी। 
PunjabKesari, Action plan to dismantle 167 buildings in 6 months submitted to High Court
संबंधित अधिकारियों पर भी कार्रवाई की तलवार लटकी
हाईकोर्ट में दायर याचिका में 448 अवैध बिल्डिंगों व कालोनियों की सूची संलग्न है जिन बारे निगम अदालत को रिपोर्ट दे चुका है कि इनमें से ज्यादातर अवैध हैं। अब सवाल यह है कि अगर एक याचिका दौरान 400 के करीब अवैध बिल्डिंगों का मामला सामने आता है तो ऐसी न जानें कितनी बिल्डिंगें होंगी, जिनका विवरण हाईकोर्ट को दी गई सूची में नहीं है। माना जा रहा है कि निगम को अवैध बिल्डिंगों पर कार्रवाई करने के निर्देश देने के साथ-साथ अब अदालत इन बिल्डिंगों को बनवाने में सहयोग देने वाले निगमाधिकारियों पर भी शिकंजा कस सकती है। इस बारे में याचिकाकर्ता द्वारा भी अदालत से मांग की जा सकती है। अगर ऐसा हुआ तो निगम के कई वर्तमान व रिटायर हो चुके अधिकारियों पर भी कार्रवाई हो सकती है।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Edited By

Sunita sarangal

Recommended News

Related News