प्रशासकीय कॉम्पलैक्स में बना अफरा-तफरी का माहौल

punjabkesari.in Friday, Jan 10, 2020 - 09:34 AM (IST)

जालंधर(चोपड़ा): जिला प्रशासकीय कॉम्पलैक्स में उस समय अफरा-तफरी का माहौल बन गया जब पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के निर्देशों के अनुरूप जिला प्रशासन ने तहसील के 50 बूथों पर बड़ी कार्रवाई करते हुए उन्हें अपने कब्जे में ले लिया। हालांकि 3 बूथों पर कार्रवाई स्थगित की गई। नायब तहसीलदार-1 विजय कुमार ने जिला नाजर महेश कुमार और उनकी टीम के साथ बूथों के खिलाफ कार्रवाई की जिन पर लोग नाजायज तौर पर कब्जा करके काम कर रहे थे। प्रशासन ने अपनी कार्रवाई के दौरान बूथों में काबिज लोगों के कम्प्यूटर, टाइपराइटर, फर्नीचर सहित अन्य साजो-सामान को बाहर निकाल दिया और शटर गिरा कर अपने ताले जड़ दिए। 

विभागीय कर्मचारियों ने उन बूथों से भी सामान बाहर निकाल अपना कब्जा किया जिन पर छत और शटर नहीं थे। इस संदर्भ में नायब तहसीलदार विजय कुमार ने बताया कि डिप्टी कमिश्रर वरिन्द्र कुमार शर्मा के दिशा-निर्देशों पर यह अभियान शुरू किया गया है, जिसके तहत जिन बूथों के अलॉटियों की मौत हो चुकी है, जो बूथ सबलैट किए हुए हैं या जिन बूथों पर अलॉटी के रिश्तेदारों व अन्य लोगों ने कब्जा कर रखा है, उन्हें खाली करवाकर प्रशासन कब्जा ले रहा है। वहीं घंटों चली कार्रवाई में जिला प्रशासन ने 50 बूथों को खाली करवाने में सफलता हासिल की। इस दौरान विभागीय कर्मचारियों को किसी भी प्रकार के विरोध का सामना नहीं करना पड़ा और सारी कार्रवाई शांतिमय ढंग से निपट गई। 

नायब तहसीलदार ने बताया कि कॉम्पलैक्स में कुल 267 बूथ हैं। प्रशासन ने स्क्रूटिंग करके 53 ऐसे बूथों की सूची को तैयार किया था, जिन पर नाजायज तौर पर कब्जा था। उन्होंने कहा कि अभी फिलहाल तो सूची के अनुसार ही नोटिस किए बूथों पर कार्रवाई की गई है। प्रशासन आगे भी बाकी बूथों की स्क्रूटिंग करवाएगा और जिन बूथों में अनियमितताएं पाई गईं, उनके खिलाफ भी बनती कार्रवाई को अंजाम दिया जाएगा। 

माननीय हाईकोर्ट में केस हार चुके थे कई कब्जाधारी

विगत वर्षों के दौरान प्रशासन ने कुछ बूथों पर नाजायज तौर पर काबिज लोगों के खिलाफ कार्रवाई की थी परंतु उक्त कब्जाधारी माननीय पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट की शरण में चले गए थे। जिला नाजर ने बताया कि 1 या 2 केसों में कब्जाधारियों ने कोर्ट को कहा कि उनके पिता को बूथ अलॉट हुआ था जिस कारण प्रशासन उनके कब्जे को अवैध करार नहीं दे सकता परंतु हाईकोर्ट ने उनकी दलीलों को खारिज करते हुए कहा था कि उक्त बूथ अलॉटी की निजी प्रापर्टी नहीं है, जिस कारण प्रशासन को पूरा अधिकार है कि वह ऐसे सभी बूथों पर कार्रवाई करे जिनके अलॉटियों की मौत हो चुकी है या उन पर किसी ने कब्जा जमा रखा है। प्रशासन ऐसे बूथों को कब्जे में लेकर नीलामी करवाए ताकि सरकार को राजस्व मिल सके।

प्रशासनिक कॉम्पलैक्स में मेज-कुर्सी लगाकर कब्जा किए लोगों पर नहीं हुई कोई कार्रवाई

डिप्टी कमिश्नर कार्यालय के मुख्य गेट व पार्किंग स्थल पर अनेकों लोग मेज-कुर्सी लगाकर कब्जा जामए हुए हैं। इसके अलावा तहसील के गेट पास भी दर्जनों लोग अवैध तौर पर कब्जा करके काम कर रहे हैं। नायब तहसीलदार ने बूथों को खाली करवाने की कार्रवाई को तो अंजाम दिया परंतु ऐसे अवैध कब्जाधारियों पर कोई कार्रवाई नहीं की। 
हालांकि कुछ लोग इस मामले में पक्षपात होने के आरोप भी लगाते रहे। वहीं जिन बूथों को खाली करवाया गया उनमें से कुछ बूथ धारकों का कहना था कि अब वे भी कॉम्पलैक्स में मेज-कुर्सी लगाकर काम करने को मजबूर हो गए हैं और जल्द ही खाली स्थान पर बैठ कर अपना धंधा शुरू करेंगे। 

23 बूथों पर पहले ही लगे तालों पर जड़े अपने ताले

बूथों में 23 के करीब बूथ ऐसे थे जिन पर पहले ही ताले लगे थे। कई बूथ धारक प्रशासन की कार्रवाई से बचने के लिए खुद ही बूथ को बंद करके वहां से खिसक लिए थे। प्रशासन की टीम ने ऐसे बूथों के तालों के ऊपर आपने ताले जड़ कर कब्जा ले लिया। नायब तहसीलदार विजय कुमार ने बताया कि अब डिप्टी कमिश्रर के आदेशों पर इन बूथों पर अगली कार्रवाई होगी।

कोर्ट स्टे व अन्य दस्तावेज दिखाने पर 3 बूथों पर कार्रवाई की स्थगित

प्रशासन की कार्रवाई के दौरान 3 बूथों पर काबिज लोगों ने नायब तहसीलदार को कोर्ट से मिले स्टे व अन्य दस्तावेज दिखाए, जिसके चलते केवल उन बूथों पर कार्रवाई को स्थगित कर दिया गया। इस दौरान कुछ लोगों ने अधिकारियों को सिफारिशें करवाने के प्रयास भी किए परंतु अधिकारियों ने बिना किसी दबाव के सारी कार्रवाई को निपटा दिया। 

जिला प्रशासन ने एक सप्ताह पहले दिया था अल्टीमेटम

डिप्टी कमिश्नर के निर्देशों पर जिला नाजर महेश कुमार ने विगत महीनों ही इन बूथों पर कार्रवाई करते हुए उन्हें नोटिस थमाए थे कि इन बूथों पर अवैध तौर पर कब्जा करके काम कर रहे लोग एक हफ्ते के भीतर बूथों को खाली कर दें। इस दौरान जो बूथ बंद थे या खाली थे, उन बूथों की दीवारों पर जिला नाजर ने नोटिस लगा दिए थे। 

नीलामी के जरिए बूथों को करेगा अलॉट

जिला प्रशासन अपने कब्जे में लिए सभी बूथों को फिर से अलॉट करेगा। नीलामी के जरिए इन बूथों की खुली बोली करवाई जाएगी और सबसे ज्यादा बोली देने वाले व्यक्ति को बूथ अलॉट होगा। इन बूथों की नीलामी प्रक्रिया से प्रशासन को खासा राजस्व एकत्रित होगा। 

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