Advertisement रैगुलेरिटरी कमेटी ने 250 यूनीपोल साइट्स को दी मंजूरी

punjabkesari.in Sunday, Jan 03, 2021 - 11:30 AM (IST)

जालंधर: चाहे जालंधर नगर निगम के कांग्रेसी नेता पिछले लंबे समय से यह प्रयास कर रहे हैं कि शहर के सभी विज्ञापनों का एक ही टैंडर लगाने की बजाय इसे 4 भागों में बांट दिया जाए परंतु पता चला है कि निगम प्रशासन ने अगले सप्ताह शहर के सभी विज्ञापनों का एक ही टैंडर, जो 9.32 करोड़ रुपए का है, लगाने का फैसला ले लिया है।

गौरतलब है कि 2 दिन पहले एडवर्टाइजमेंट रैगुलेरिटरी कमेटी ने निगम द्वारा तैयार 250 यूनीपोल साइट्स को मंजूरी प्रदान कर दी है, जिसके बाद विज्ञापनों का बड़ा टैंडर लगाने का रास्ता बिल्कुल साफ हो गया है। इस रैगुलेरिटरी कमेटी में नगर निगम के अधिकारियों के अलावा जालंधर पुलिस तथा सिविल प्रशासन के अधिकारी भी शामिल हैं जिन्होंने बैठक करके निगम द्वारा तैयार 250 यूनीपोल साइट्स पर विचार किया और सभी को मंजूरी प्रदान कर दी। कमेटी ने इतनी शर्त अवश्य लगाई है कि भविष्य में यदि किसी सड़क को चौड़ा इत्यादि करने की नौबत आती है तो उस यूनीपोल साइट को बदला जा सकेगा। गौरतलब है कि इन्हीं साइट्स के आधार पर अगला टैंडर लगाया जा रहा है।

एक सैनेटरी कारोबारी ने बना रखा था दबाव
शहर के विज्ञापन जगत से जुड़े सूत्रों की बात माने तो शहर के एक सैनेटरी कारोबारी, जिसने पिछले समय दौरान आउटडोर मीडिया के क्षेत्र में करोड़ों रुपए का काम किया, ने पिछले कुछ महीनों से निगम पर यह दबाव बना रखा था कि सभी विज्ञापनों का एक ही बड़ा टैंडर न निकालकर इसे चार भागों में बांटा जाए। इस काम के लिए उक्त कारोबारी ने शहर के कई पार्षदों के माध्यम से समाचार भी छपवाए और एडवर्टाइजमेंट कमेटी तथा अन्य को कानूनी तथा कई दस्तावेज भी उपलब्ध करवाए। कमेटी तथा पार्षदों द्वारा टैंडर के मामले में पूरा दबाव बनाने के बावजूद निगम अधिकारियों के रूख में कोई बदलाब नहीं आया क्योंकि अधिकारियों का साफ कहना है कि पंजाब सरकार द्वारा जारी विज्ञापन पॉलिसी में साफ लिखा है ‘वन सिटी वन टैंडर’ इसलिए एक शहर का एक ही टैंडर लगाया जाएगा।

18 करोड के टैंडर 9.32 करोड़ पर आए
पंजाब सरकार ने जब एडवर्टाइजमेंट पॉलिसी लागू की थी तब जालंधर नगर निगम ने सारे शहर के विज्ञापनों के लिए जो टैंडर निकाला था, वह 18 करोड़ रुपए का था परंतु किसी ने वह टैंडर नहीं भरा। नगर निगम अब तक पॉलिसी के तहत करीब 15 बार टैंडर लगा चुका है परंतु कोई भी कांट्रैक्टर टैंडर लेने के लिए आगे नहीं आया। अब नगर निगम ने चंडीगढ़ बैठे अधिकारियों से मंजूरी प्राप्त करके यह टैंडर पहले वाले टैंडर से आधे यानी 9.32 करोड पर निकाले हैं। अब माना जा रहा है कि अमृतसर की एक फर्म या जालंधर बैठे उसके स्थानीय प्रतिनिधि को यह कॉन्ट्रैक्ट मिल सकता है।

आरोप लगाए जा रहे हैं कि नए टैंडर की कई शर्तें उक्त कम्पनी को ध्यान में रखकर तय की गई हैं और उसे करोड़ों रुपए का फायदा पहुंचाने का भी प्रयास हो रहा है। अब देखना है कि यदि अगले सप्ताह पूरे शहर के विज्ञापनों का एक टैंडर लगता है तो उस मामले में मेयर, विज्ञापन कमेटी तथा अन्य पार्षदों का क्या रुख रहता है, जो इस मामले में निगम प्रशासन पर लगातार आरोप दाग रहे थे।


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Sunita sarangal

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