रेलवे और निगमाधिकारियों के बीच हुआ समझौता

punjabkesari.in Tuesday, Mar 17, 2020 - 08:48 AM (IST)

जालंधर(खुराना): अर्बन एस्टेट रेलवे लाइनों के निकट पड़ते ज्योति नगर डम्प को लेकर आज रेलवे और नगर निगम के अधिकारियों के बीच समझौता हो गया और दोनों पक्षों ने अपनी-अपनी जगह की निशानदेही करते हुए पैमाइश भी कर ली। समझौते के अनुसार रेलवे ट्रैक से 35 फुट जगह रेलवे की रहेगी और बाकी डिस्पोजल तक जगह निगम की है, जिसमें निगम अपना कूड़ा फैंक सकेगा। डम्प बनाने के लिए निगम वहां कंटीली बाड़ लगाएगा और रेलवे की जमीन पर कूड़ा नहीं फैंका जाएगा। समझौते के बाद निगम ने रेलवे की जमीन पर पड़े कूड़े को साफ करवाने का काम शुरू कर दिया है।

प्रताप बाग डम्प में नई सड़क पर ही लगा दिए कूड़े के ढेर
कूड़े के मामले में नगर निगम किस प्रकार लापरवाही बरतता है और किस तरह लोगों के टैक्सों का लाखों रुपए बर्बाद किया जाता है। इसका उदाहरण स्थानीय प्रताप बाग में बने कूड़े के डम्प को देखते ही मिल जाती है। वहां हाल ही में नगर निगम ने बावा लाल दयाल मंदिर की ओर जाती सड़क को 14.91 लाख रुपए की लागत से बनाना शुरू किया और करीब आधी सड़क बना दी गई है। हैरानी इस बात की है कि खुद निगम ने ही नई सड़क पर कूड़े व मलबे के ढेर फैंकने शुरू कर दिए हैं।

गौरतलब है कि प्रताप बाग डम्प पर आसपास के कई वार्डों का कूड़ा आता है, जिस कारण पूरा क्षेत्र नरक बना हुआ है। निगम ने अगर वहां सड़क बनानी थी तो डम्प की मेन सड़क वाली दीवार को तोड़कर रास्ता बनाना चाहिए था ताकि वहां कूड़ा फैंका और उठाया जा सके परंतु किसी ने इस ओर ध्यान नहीं दिया जिस कारण निगम स्टाफ ने 15 लाख रुपए की लागत से बन रही नई सड़क पर ही कूड़ा फैंकना शुरू कर दिया है। अब जब उस कूड़े को डिच मशीन की सहायता से उठाया जाएगा तो नई सड़क का टूटना निश्चित है।

सैनीटेशन कमेटी ने वरियाणा डम्प की ओर फोकस किया
नगर निगम की सैनीटेशन कमेटी ने अब शहर के मुख्य डम्प वरियाणा की ओर फोकस किया है। जहां मामूली बरसात में भी रास्ते बंद हो जाते हैं, जिस कारण पूरे शहर में से कूड़े की लिफ्टिंग नहीं हो पाती। चेयरमैन बलराज ठाकुर ने आज ज्वाइंट कमिश्नर हरचरण सिंह व हैल्थ ऑफिसर डा. श्रीकृष्ण शर्मा के साथ आज वरियाणा डम्प का दौरा किया जिस दौरान फैसला लिया गया कि वहां एक प्लेटफार्म ऐसा बनाया जाएगा जहां बरसात के दिनों में कूड़ा फैंका जा सके और सामान्य दिनों में वह कूड़ा दूसरी जगह ट्रांसफर हो सके।

दौरे के दौरान वहां कूड़े को मैनेज करने हेतु एक पोकलेन मशीन और लगाने, रोड रास्ते पर मलबा फैंकने और कूड़े की गाड़ियां आने-जाने के लिए अलग-अलग रास्ता बनाने का भी फैसला लिया गया। इसके अतिरिक्त वहां चल रहे खाद बनाने वाले कारखाने की स्टेट्स रिपोर्ट भी तलब की गई।

Edited By

Sunita sarangal