‘पंजाब में कृषि के हालात बहुत अच्छे नहीं हैं’

punjabkesari.in Tuesday, Dec 10, 2019 - 09:48 AM (IST)

 जालंधर: खेती प्रधान प्रदेश पंजाब के हालात आज ठीक नहीं चल रहे हैं। भविष्य नजर नहीं आ रहा है, इसलिए नौजवान पंजाब में रहने को तैयार नहीं हैं, जोकि चिन्ता का विषय है। उक्त शब्द पंजाब केसरी ग्रुप  के सी.एम.डी. श्री विजय चोपड़ा ने फगवाड़ा गुड ग्रो क्रॉपिंग सिस्टम द्वारा गांव विरक में आयोजित खेती सत्संग में कहे। उन्होंने कहा कि अवतार सिंह द्वारा तैयार किया गया खेती मॉडल फगवाड़ा तकनीक, जिसमें बिना खाद के प्रयोग के कम लागत से फसलों की भरपूर पैदावार की जा रही है, को हर किसान को अपनाने की जरूरत है।

चोपड़ा ने कहा कि हमें ज्यादा से ज्यादा किसानों को उक्त तकनीक से जोडऩा चाहिए, ताकि किसान तकनीक को समझें और उन्हें फायदा हो सके। उन्होंने कहा कि किसानों का भला कैसे हो, इसके लिए फगवाड़ा तकनीक के संचालक अवतार सिंह, डा. चमन लाल वशिष्ठ द्वारा किसानों को जागरूक कर सेवा का कार्य किया जा रहा है। इनकी जितनी सराहना की जाए कम है। 

श्री चोपड़ा ने कहा कि आज किसानों की समस्याओं का निराकरण करने वाला कोई नहीं है। पंजाब में कृषि के हालात बहुत अच्छे नहीं हैं। उक्त फगवाड़ा तकनीक से किसानों को फायदा कैसे हो, इसके लिए संतों-महापुरुषों सहित अच्छे राजनीतिकों को आगे आने की जरूरत है, ताकि इनके द्वारा स्वस्थ खेती का प्रचार किसानों में हो सके। कार्यक्रम में मुख्य रूप से बाबा गुरचरण सिंह छब्ब वाली निर्मल कुटिया पडवा फगवाड़ा, डा. दिलेर सिंह, अजमेर सिंह चाहल हरियाणा, जगबीर सिंह उत्तर प्रदेश, प्रवीण कुमार उत्तर प्रदेश, जगदेव सिंह लुधियाना, अंग्रेज सिंह भुल्लर श्री मुक्तसर साहिब, हरजीत सिंह पटियाला, हरमंदर सिंह मोगा, हरजोत सिंह नवांशहर, गुरप्रताप सिंह फिरोजपुर, लवप्रीत सिंह फिरोजपुर, जसप्रीत सिंह फिरोजपुर, कर्णवीर सिंह फिरोजपुर, सुखविन्द्र सिंह फरीदकोट, हरजिन्द्र सिंह नवांशहर, परमवीर सिंह खन्ना, गुरदेव सिंह खन्ना, ब्यास देव जालंधर, कुलदीप सिंह ऐरी लुधियाना, हरचरण सिंह जालंधर, डा. राम पाल करनाल शूगर मिल, बलजीत सिंह लुधियाना, निर्मल सिंह आसी आदि मौजूद थे।

पंजाब में हरित क्रांति ने किसानों को आत्महत्या के लिए मजबूर किया : चीमा 
  खेती सत्संग में शामिल पंजाब विधानसभा नेता प्रतिपक्ष हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि जैसी खेती अवतार सिंह व उनकी टीम कर रही है, अगर पूरे पंजाब में ऐसी खेती हो तो पंजाब एक ऐसा प्रदेश बन जाएगा, जिसे सारी दुनिया देखेगी और विदेशों में गए नौजवान वापस पंजाब आ जाएंगे। उन्होंने कहा कि आज खेती मुनाफा का सौदा नहीं रहा है। जल, वायु, खान-पान सब दूषित हो गया है जिसके चलते पंजाब के मालवे में सबसे ज्यादा मौतें कैंसर से हो रही हैं। सरकारें कुछ भी सुन नहीं रही हैं व न ही कुछ कर एवं सोच रही हैं। अगर समय रहते किसान स्वस्थ खेती (बिना रासायनिक खादों व कीड़ेमार दवाइयों) के प्रति जागरूक न हुआ तो पंजाब का बहुत बड़ा नुक्सान हो जाएगा।
 चीमा ने कहा कि पंजाब में हरित क्रांति ने किसानों को आत्महत्या के लिए मजबूर किया। किसान कर्जाई हो गया है। हरित क्रान्ति ने तो लोगों को घाटे की ओर मोड़ दिया है। पैदावार बढ़ाने के चक्कर में रासायनिक खादों व कीटनाशक दवाइयों का अंधाधुंध प्रयोग कर हम अपनी खेती को तबाह कर रहे हैं। पंजाब काला पीलिया, कैंसर जैसी घातक बीमारियों से ग्रस्त होता जा रहा है। खेती संकट तथा जीवन को बचाने के लिए अवतार सिंह फगवाड़ा द्वारा तैयार किए गए मॉडल को अपनाने की जरूरत है। उन्होंने किसानों को आश्वासन दिया कि आने वाले पंजाब विधानसभा सत्र में पंजाब की प्रदूषित हो रही खेती का मामला जरूर उठाऊंगा। पंजाब में राज कर रही सरकार को ग्राऊंड स्तर पर आकर फगवाड़ा तकनीक मॉडल से सबक लेकर कार्य करना पड़ेगा, तभी पंजाब की किसानी को बचाया जा सकता है। 

देश कहां जा रहा है, हमारी क्या जिम्मेदारी है इसे कौन समझे: चाहल 
हरियाणा जींद से आए राजिन्द्र चाहल ने कहा कि फगवाड़ा गुड ग्रो क्रॉपिंग सिस्टम से चार-चार फसलों की बुआई कर किसान अच्छी पैदावार लेकर आमदनी कमा सकता है। उन्होंने बताया कि फगवाड़ा गुड ग्रो क्रॉपिंग सिस्टम के फाऊंडर अवतार सिंह की 20 वर्षों की कड़ी मेहनत से तैयार खेती का फगवाड़ा मॉडल किसानों को फायदा दे रहा है। उन्होंने कहा कि देश के सामने पानी, पर्यावरण बचाने तथा शुद्ध अन्न पैदा करने की सबसे बड़ी चुनौती है। आज हम जहर युक्त खाद्य सामग्री का सेवन कर रहे हैं, जिससे लोग तमाम जानलेवा बीमारियों से ग्रस्त हो रहे हैं। आज देश कहां जा रहा है, हम क्या कर रहे हैं, हमारी क्या जिम्मेदारी है इसे कौन समझेगा?  

जिस दिन किसान ने कुदरत को समझ लिया, उस दिन खादें व कीटनाशक दवाइयां खेत से बाहर हो जाएंगी : विरसा सिंह 
फिरोजपुर से आए किसान विरसा सिंह ने कहा कि हमें जहर मुक्त खेती व अच्छी पैदावार पाने के लिए कुदरत के बनाए नियमों को समझने की जरूरत है। जिस दिन किसान ने कुदरत को समझ लिया, उस दिन रासायनिक खादें व कीटनाशक दवाइयां खुद-ब-खुद खेत से बाहर हो जाएंगी। उन्होंने कहा कि कुदरत ने जरूरत के मुताबिक जीव-जंतु बनाए हैं। 

फगवाड़ा तकनीक से की गई खेती में पानी की कम व खाद की जरूरत नहीं पड़ती : हरजीत सिंह
प्रोफैसर हरजीत सिंह ने कहा कि पंजाब की कृषि जिस ओर जा रही है वह चिन्ता का विषय है। अपनी आप-बीती सुनाते हुए उन्होंने कहा कि खेती से मेरा मन उठ गया था, लेकिन जब से फगवाड़ा गुड ग्रो तकनीक से जुड़ा हूं तब से मुझे संतुष्टि हो गई है। उक्त विधि से की गई खेती में पानी कम लगता है व खाद डालने की जरूरत नहीं पड़ती और पैदावार ज्यादा होती है। उक्त विधि किसान को बहुत बड़ा फायदा प्रदान करने वाली है। 

फगवाड़ा गुड ग्रो क्रॉपिंग सिस्टम पांच तत्वों के आधार पर खेती कर रहा है : वशिष्ठ 
 मंच का संचालन करते हुए डा. चमन लाल वशिष्ठ ने कहा कि वैज्ञानिक नजरिए से कुदरत द्वारा प्रदान पांच तत्वों का सुयोग्य प्रयोग करने से खेती से लाखों रुपए की आमदनी प्राप्त की जा सकती है। जीवन के बारे में कुदरत के अटल नियमों का सच है कि जीवन का आधार पांच तत्व (भूमि, गगन, वायु, अग्रि, नीर) हैं, जो भूतकाल, वर्तमान काल, भविष्यकाल में रहेंगे व बदलेंगे नहीं। फगवाड़ा गुड ग्रो क्रॉपिंग सिस्टम इन्ही पांच तत्वों के आधार पर खेती कर रहा है। अंत में उक्त सिस्टम के संस्थापक अवतार सिंह ने खेती सत्संग में आए किसानों का धन्यवाद करते हुए कहा कि किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए चलाई जा रही मुहिम में सहयोग स्वरूप श्री विजय चोपड़ा का बहुत बड़ा योगदान है। 

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