लोग मरें तो मरें, हम कूड़ा जलाना नहीं छोड़ेंगे!

punjabkesari.in Saturday, Nov 23, 2019 - 11:20 AM (IST)

जालंधर(बुलंद): प्रदूषण विभाग और कृषि विभाग के अधिकारी कहते-कहते थक चुके हैं कि हमने पराली जलाने के खिलाफ कड़ा एक्शन लेकर पराली जलाने पर काफी हद कर रोक लगा दी है पर अब नगर निगम और जिला प्रशासन को चाहिए कि वह कूड़ा जलाने वालों पर सख्ती बरते लेकिन उनकी बातें कोई सुनने को तैयार नहीं हैं। नगर निगम तो इस मामले में बिल्कुल ही सुस्त है।

इसका नतीजा यह है कि आए दिन शहर में कूड़ा व मैकेनिकल वेस्ट को जलाए जाने के कारण शहर का प्रदूषण खतरनाक तरीके से बढ़ता जा रहा है और वातावरण में स्मॉग इस कदर फैल चुकी है कि सांस लेने का मतलब जहर निगलना बन चुका है। ऐसा ही भयावह नजारा आज स्थानीय किशनपुरा चौक दशहरा ग्राऊंड में देखने को मिला। जब एक पाठक ने हमें फोन करके बताया कि इस ग्राऊंड के आस-पास कुछ कबाडिय़ों के  गोदाम हैं जोकि बचे हुए मैकेनिकल वेस्ट जोकि आगे बिकने योग्य नहीं होते, उन्हें ग्राऊंड में जला रहे हैं। जब हमारी टीम अपने सीक्रेट कैमरे के साथ ग्राऊंड में पहुंची तो पाया कि कुछ लोग बिजली की बची तारों, रस्सियों और कई अन्य मैकेनिकल वेस्टेज वाली सामग्री को ग्राऊंड में रखकर जला रहे हैं। इस सामग्री के जलने से उसमें से गंदी गैसों व हानिकारक तत्वों से भरा धुआं सारे इलाके में फैलकर स्मॉग की मात्रा बढ़ा रहा है। ऐसे में सवाल उठता है कि लोग मरें तो मरें पर हम कूड़ा-कर्कट को जलाना नहीं छोड़ेंगे। इस बारे में जब उन लोगों से बात की कि आप कूड़ा और वेस्टेज क्यों जला रहे हो तो उनका कहना था कि यह माल बिकता नहीं है पर उन्हें जब कहा गया कि इससे तो वातावरण में गंदी गैसें फैलती हैं और लोग कैंसर जैसे रोग का शिकार बनते हैं तो उनके पास कोई जवाब नहीं था। बस इतना ही उन्होंने कहा कि हम जानते हैं पर क्या करें और कोई चारा नहीं है। इसे कहां फैंकें?

हमने जलाने से रोका था पर वह माने नहीं : पी.सी.आर. कर्मी
हैरानी इस बात की है कि लोग जानते हुए भी कि इस गंदे धुएं से वातावरण में हानिकारक तत्व फैलते हैं, तब भी कूड़े व वेस्टेज को जलाते हैं। उससे बड़ी हैरानी इस बात से हुई कि जहां कूड़ा व वेस्टेज को जलाया जा रहा है, उसके कुछ कदमों की दूरी पर पी.सी.आर. की जूलो लगाकर बैठे 2 पुलिस कर्मी सारा तमाशा अपनी आंखों से देख रहे थे। जब हमारी टीम ने उन पुलिस कर्मियों से पूछा कि आपके सामने इतना प्रदूषण ये लोग फैला रहे हैं तो आप रोकते क्यों नहीं तो पुलिस कर्मी का कहना था कि हमने तो उन्हें रोका था पर वह मानते ही नहीं। उसके इस जवाब से पता चलता है कि प्रदूषण रोकने को लेकर पुलिस को कोई आदेश जारी नहीं किए गए हैं।

शहर का AQI बना जानलेवा 
वहीं, अगर बात आज रहे शहर के एयर क्वालिटी इंडैक्स (ए.क्यू.आई.) की की जाए तो देख कर ही दम घुटने लगेगा क्योंकि ए.क्यू.आई. 270 के आसपास रहा है, जोकि सांस के रोगियों, गर्भवती महिलाओं, बच्चों के अलावा आम लोगों के लिए भी बेहद खतरनाक है लेकिन लोग इसके लिए पूरी तरह से जिम्मेवार हैं। सिर्फ सरकार, पुलिस या प्रशासन पर आरोप लगाने से कुछ नहीं होने वाला है। शहर के अधिकतम अस्पताल बीमार लोगों से भरे पड़े हैं क्योंकि आम लोग ही इस खतरनाक वातावरण के लिए जिम्मेवार हैं।

 

 

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