अमरूत योजना के 14 करोड़ के टैंडर 5 प्रतिशत ज्यादा राशि पर होंगे अलॉट

punjabkesari.in Tuesday, Jan 21, 2020 - 09:24 AM (IST)

जालंधर(खुराना): नगर निगम की फाइनांस एंड कांट्रैक्ट कमेटी की बैठक 23 जनवरी को मेयर जगदीश राजा की अध्यक्षता में होने जा रही है। इस दौरान मुख्य प्रस्ताव अमरूत योजना के तहत पुरानी वाटर सप्लाई लाइनों को बदलने तथा नई पाइप लाइनें बिछाने से संबंधित डाला गया है। इसके तहत 14 करोड़ रुपए के 2 टैंडर लुधियाना कंस्ट्रक्शन कम्पनी को टैंडर अमाऊंट से 5 प्रतिशत ज्यादा अमाऊंट पर अलॉट करने के प्रस्ताव हैं।गौरतलब है कि अमरूत योजना के तहत निगम ने वर्षों पहले कुल 84 करोड़ रुपए का एक टैंडर लगाया था, ताकि पूरे शहर की पुरानी पाइप लाइनों को बदला जा सके। किसी ठेकेदार ने बार-बार लगे टैंडरों को नहीं भरा, जिसके बाद निगम ने 21 करोड़ रुपए के 3 टैंडर लगाए, जिनमें से 7.94 करोड़ का टैंडर ही कई माह पहले सिरे चढ़ा। इसका काम कुछ क्षेत्रों में जारी है। 

इसी प्रोजैक्ट के तहत जोन नं.-1, 3 तथा 4 के क्षेत्रों हेतु 6.82 करोड़ के टैंडर 8 बार लगाए गए, जो किसी को अलॉट नहीं हुए। 9वीं बार यह काम लुधियाना कंस्ट्रक्शन कम्पनी को 5 प्रतिशत ज्यादा राशि यानी 7.16 करोड़ में अलॉट करने हेतु सरकार ने मंजूरी दे दी है। इसी एजैंसी को तीसरा टैंडर, जो जोन 6 व 7 हेतु 6.58 करोड़ का है, 5 प्रतिशत से ज्यादा राशि पर 6.91 करोड़ में दिया जा रहा है। एफ. एंड सी.सी. की बैठक में बी. एंड आर. तथा ओ. एंड एम. से संबंधित विकास कार्यों के अलावा सुपर सक्शन मशीनों से सफाई के कुछ काम भी शामिल हैं। 

चुनावी मोड में आकर किया जा रहा फैसला 
अमरूत योजना के तहत 84 करोड़ के टैंडर अकाली-भाजपा कार्यकाल दौरान लगने शुरू हुए थे, परंतु 2 साल निगम में कांग्रेस की सरकार होने के बावजूद ये टैंडर पूरी तरह सिरे नहीं चढ़े। विधायक बेरी ने अपने क्षेत्र हेतु एक टैंडर किसी न किसी तरह पास करवा लिया, जिसके तहत उनके क्षेत्र में काम जारी है। जालंधर वैस्ट तथा जालंधर छावनी से संबंधित वार्डों के 2 टैंडर सिरे न चढ़ने से विधायक भी नाराज थे। कांग्रेस ने अब चुनावी मोड में आकर दोनों टैंडरों को मंजूर करवाने की कवायद शुरू कर दी है जिसके तहत डिस्काऊंट की बजाय ठेकेदार को 5 प्रतिशत ज्यादा राशि पर भी टैंडर अलॉट किए जा रहे हैं। 

बजवाड़ा सोसायटी पर एफ.आई.आर. बारे फिर प्रस्ताव आया 
होशियापुरिए ठेकेदारों पर आधारित बजवाड़ा सोसायटी ने कुछ साल पहले टैंडर हथियाने के लिए नगर निगम को फर्जी दस्तावेज सौंपे थे, जो पकड़ में आ गए, परंतु कई साल उन ठेकेदारों पर कार्रवाई नहीं हुई। एफ. एंड सी.सी. की पिछली बैठक दौरान बजवाड़ा को-आप्रेटिव सोसायटी पर फर्जीवाड़े की एफ.आई.आर. दर्ज करवाने की सिफारिश की गई, परंतु उसके बाद सोसायटी की ओर से ईशांत शर्मा पुत्र अश्विनी शर्मा ने आकर निगमाधिकारियों को बताया कि डिजिटल सिग्नेचर सर्टीफिकेट गुम होने संबंधी पुलिस के पास 21 दिसम्बर, 2019 को रिपोर्ट दर्ज करवाई गई है। एफ. एंड सी.सी. ने यह फैसला 20 दिसम्बर, 2019 की बैठक में किया था। इससे स्पष्ट है कि एफ.आई.आर. से डर कर सोसायटी ने पुलिस रिपोर्ट दर्ज करवाई है। अब इस मामले में एफ. एंड सी.सी. को नए सिरे से फैसला करने को कहा गया है। 

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Sunita sarangal