हाल ए केजरीवाल...पंजाब के नाराज विधायक माने नहीं, दिल्ली के भी नाराज कर बैठे

punjabkesari.in Thursday, Feb 07, 2019 - 11:28 AM (IST)

जालंधर(बुलंद): दिल्ली के चांदनी चौक इलाके से आम आदमी पार्टी की विधायक अलका लांबा का ‘आप’ में कद काफी बड़ा था । पर इन दिनों  केजरीवाल की नाराजगी के कारण वह फिर खूब चर्चाओं में है। केजरीवाल के लिए अलका लांबा बड़ी सिरदर्दी बन चुकी हैं। आलम यह है कि वह जहां भी जा रहे हैं मीडिया वाले उनसे अलका लांबा के बारे में ही सवाल पूछते हैं । वह इन सवालों से बचते दिखाई दे रहे हैं।
 

केजरीवाल के लिए नई दिक्कतें पेश कर रही है अलका लांबा
जानकारों की मानें तो अलका लांबा भी बेबाक तरीके से केजरीवाल पर हमले बोल रही हैं । सोशल मीडिया के जरिए भी अपनी नाराजगी का खूब मुजाहिरा करके केजरीवाल के लिए नई दिक्कतें पैदा कर रही हैं। पंजाब के आधा दर्जन से ज्यादा ‘आप’ के विधायक अपनी पार्टी से नाराज चल रहे हैं। इससे पहले 4 लोकसभा सांसद जो आप पार्टी की ओर से जीत कर सामने आए थे, उनमें से भी 3 पार्टी से नाराज दिखाई दिए। ऐसे में केजरीवाल की तानाशाही समझो या फिर पार्टी में सिस्टम की अव्यवस्था कि आप कनवीनर केजरीवाल पंजाब के नाराज विधायकों को मना नहीं पाए कि दिल्ली में पहले विधायक कपिल मिश्रा के जरिए और अब विधायक अलका लांबा के जरिए अपना तमाशा बनाए जा रहे हैं। 

केजरीवाल ने ट्विटर पर लांबा को किया अनफॉलो 
अलका लांबा का आरोप है कि केजरीवाल लगातार उन्हें पार्टी में साइड पर करते आ रहे हैं। पिछले कुछ समय से उन्हें अन्य विधायकों के मुकाबले कम तवज्जो दी जा रही है। केजरीवाल ने उन्हे ट्वीटर पर भी अनफॉलो कर दिया है और जितने व्हाट्सएप ग्रुप आप विधायकों व बड़े नेताओं के चल रहे थे, उनमें से भी लांबा को रिमूव कर दिया गया है। लांबा का कहना है कि मुझे लगता है कि पार्टी अब मेरी सेवाएं नहीं चाहती । इस प्रकार के नजरअंदाज करने वाले माहौल में वह भी काम नहीं कर पा रहीं। 

पार्टी कर चुका है इस्तीफे की मांग
कुछ दिन पूर्व उक्त विधायक ने यह भी आरोप लगाए थे कि पार्टी में उनसे इस बात के लिए इस्तीफा मांगा जा रहा है कि उन्होंने दिल्ली विस में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को मिले भारत रत्न पुरस्कार को वापस लेने के प्रस्ताव का खंडन किया था। इस प्रस्ताव को दिल्ली विस में आप के ही विधायक जरनैल सिंह ने रखा था। इसके बाद अलका लांबा ने कहा था कि वह इस प्रस्ताव से सहमत नहीं थी पर पार्टी की ओर से उन पर दबाव डाला गया था कि वह इस प्रस्ताव का समर्थन करें। जिस कारण उन्होंने विस से वाकआऊट किया था और उन्हें इसी का नतीजा भुगतना पड़ रहा है। 

चुनाव में आप को करना पड़ सकता है मुश्किलों का सामना
वहीं, दूसरी ओर आप पार्टी के एक सी. नेता का कहना है कि अलका लांबा असल में कांग्रेस छोड़कर ‘आप’ में आई थीं । उनका कांग्रेस से लगातार सम्पर्क रहा है और राजीव गांधी के हक में बोलकर उन्होंने कांग्रेस में अपनी वापसी के लिए रास्ता साफ किया है। उनका कहना है कि लांबा जल्द ही कांग्रेस में जा सकती हैं।  सारे मामले बारे अलका लांबा से सम्पर्ककरना चाहा पर उन्होंने फोन नहीं उठाया।  इस सारे विवाद से एक बात तो साफ है कि जिस प्रकार ‘आप’ पार्टी के नेता उससे दूर होते जा रहे हैं, इससे पार्टी के लिए आने वाले चुनावों में कठिनाई बढ़ेगी।

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