भाजपा वर्कर जय महेंद्रू की रिवॉल्वर छीनने के मामले नया मोड़ आने के बाद राजनीति गर्माई

punjabkesari.in Saturday, Apr 21, 2018 - 01:36 PM (IST)

जालंधर(मृदुल): ढन्न मोहल्ला में स्थित कल्याण कम्प्यूटर के पास 14 अप्रैल की रात को भाजपा वर्कर जय महेंद्रू का लाइसैंसी रिवॉल्वर छीनने के मामले में नया मोड़ आने के बाद नॉर्थ हलके की राजनीति काफी गर्मा गई है क्योंकि कांग्रेस विधायक अवतार हैनरी और पूर्व भाजपा विधायक के.डी. भंडारी की तरफ से अपनी-अपनी बात मनवाने की होड़ लगी है। भंडारी जय महेंद्रू को बचाना चाहते हैं तो वहीं हैनरी अपने वर्करों पारस व तोता को बचा लिया हैं। सूत्रों की मानें तो इस मामले में दोनों तरफ से उच्चपदस्थ लीडरों की सिफारिश डाली जा रही है। हालांकि इस बारे पुलिस कुछ भी बताने से कतरा रही है। दोनों पक्षों में अब राजनीतिक वार शुरू हो गई है हालांकि इस मामले में ए.सी.पी. नॉर्थ नवनीत सिंह माहल ने तर्क दिया कि केस की जांच की जा रही है, वह तो सीनियर अफसरों के डिसीजन का इंतजार कर रहे हैं। इस केस में सी.पी. पी.के. सिन्हा और अन्य सीनियर अफसर ही फैसला लेंगे। मामले को लेकर किसी भी तरीके का कोई भी कटाक्ष या बयान विधायक हैनरी की ओर से नहीं आया है, मगर भंडारी इस केस में पुलिस को खरी-खोटी सुना रहे हैं। 

जय बोला-उसे तोता और पारस के साथी धमका रहे हैं
भाजपा वर्कर जय महेंद्रू ने पुलिस को बताया कि इस वक्त उसे पारस और तोता के साथी बदमाश जान से मारने की धमकी दे रहे हैं जिसके कारण उसका घर से बाहर निकलना भी मुश्किल हो गया है क्योंकि राजनीतिक रंजिश के चलते आने वाले दिनों में तोता और पारस के साथी उसे जानी नुक्सान पहुंचा सकते हैं। 

तोता और पारस इस बात को झुठला नहीं सकते कि वे दोनों वारदात के वक्त वहां थे : भंडारी
भाजपा के पूर्व विधायक के.डी. भंडारी ने इस संबंध में कहा कि तोता और पारस इस बात को झुठला नहीं सकते कि वे दोनों वारदात के वक्त वहां थे। वहीं चाहे उन्होंने रिवॉल्वर छीने जाने के बाद झूठी वीडियो बना ली हो। अब देखना यह है कि कोर्ट में पुलिस तो अपना पक्ष पेश करेगी, मगर तोता और पारस कोर्ट में क्या जवाब देंगे। क्योंकि कोई नहीं जानता कि रिवाल्वर कहां है और सबसे बड़ा सवाल पुलिस की जांच में उठता है कि उसने 24 घंटे के अंदर ही केस को रफा-दफा करने का डिसीजन कैसे लिया। 

पुलिस जांच को लटका रही 
पुलिस सूत्रों की मानें तो इस राजनीतिक रंजिश के कारण केस की जांच कर रहे अफसर इन्वैस्टीगेशन को लटकाने में लगे हैं क्योंकि जितना पुलिस अब इस केस को लटकाएगी उतना ही फायदा तोता और पारस को कोर्ट में मिलेगा। हालांकि सूत्र यह भी बताते हैं कि सी.पी. पी.के. सिन्हा पर भी इस केस को रफा-दफा करने का दबाव बनाया जा रहा है। 

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