प्राइवेट ब्लड बैंक रिप्लेसमैंट डोनर के बदले सिक्योरिटी के लिए वसूल रहे डबल फीस और आधार कार्ड!

punjabkesari.in Wednesday, Sep 12, 2018 - 11:32 AM (IST)

जालंधर(मृदुल): गुलाब देवी अस्पताल के डा. इंद्रजीत अग्रवाल की रक्तवाहिनी में गड़बड़ी निकलने के बाद जहां एक तरफ उनकी रक्तवाहिनी का ब्लड बैंक कैंसिल हो चुका है वहीं दूसरी ओर शहर के कुछ प्राइवेट ब्लड बैंक अभी भी गड़बड़ी कर रहे हैं। अभी ताजा मामला एक प्राइवेट ब्लड बैंक का सामने आया है, जहां ब्लड बैंक की ओर से एक डोनर से ब्लड के यूनिट के बदले फीस से डबल पैसे लिए गए। एक ब्लड बैंक रिप्लेसमैंट डोनर न होने पर पीड़ित व्यक्ति का लाइसैंस, आधार कार्ड या पासपोर्ट तक रख रहे हैं। 

केस-1: ब्लड बैंक ने 1450 की बजाय लिए 4 हजार 
डा. बी.आर. अंबेदकर ब्लड डोनर्ज एसोसिएशन के प्रधान जतिन मट्टू ने बताया कि उनके एक दोस्त का रिश्तेदार गगन 2 हफ्ते पहले शहर के एक नामी ब्लड बैंक के पास गया था। जहां उसे अपने एक रिश्तेदार के लिए ब्लड चाहिए था। वह जब अंदर गया और ब्लड बैंक के स्टाफ से पूछा कि उसे ओ पॉजीटिव ब्लड ग्रुप चाहिए। इस पर स्टाफ ने जवाब दिया कि उनके पास एक रिप्लेसमैंट डोनर नहीं है इसलिए आप उन्हें 4 हजार रुपए दें जबकि  लीगल फीस 1450 रुपए की है। उन्होंने पर्ची तो 1450 रुपए की ही दी मगर उनसे लिए गए 4 हजार रुपए और कहा गया कि जब आप बाद में एक रिप्लेसमैंट डोनर लेकर आएंगे तो ही आपको बाकी पैसे वापस मिलेंगे। एक्पर्ट की मानें तो ऐसा बिल्कुल नहीं कर सकते हैं। 

केस-2: डोनर लाने पर ही दिया लाइसैंस 
हिंदुस्तान वैल्फेयर ब्लड एसोसिएशन के प्रधान वितिन पुरी ने बताया कि इस केस में उनका डोनर राजू (काल्पनिक नाम) जब अपने एक दोस्त के हादसे में जख्मी होने पर ब्लड लेने के लिए प्राइवेट ब्लड बैंक के पास गया और वहां पर जाकर उनसे स्टाफ ने ब्लड ग्रुप की मांग की थी। उन्होंने कहा कि उन्हें एक रिप्लेसमैंट डोनर चाहिए, जो ब्लड के बदले में ब्लड डोनेट करे। उसके पास रिप्लेसमैंट डोनर नहीं था तो ब्लड बैंक ने उससे मांग की कि वह अपना सिक्योरिटी मनी के रुपए, आधार कार्ड या ड्राइविंग लाइसैंस दे जाए। बाद में रिप्लेसमैंट डोनर की ओर से ब्लड डोनेट करने के बाद अपना ड्राइविंग लाइसैंस ले जाए। उसने हारकर अपना लाइसैंस दे दिया और बाद में डोनर लाकर अपना लाइसैंस लिया। 

Vatika