स्कैंडल : 1500 रुपए वाले सोडियम सैट की बजाय स्ट्रीट लाइटों में लगे हुए हैं 20 रुपए वाले देसी बल्ब

punjabkesari.in Sunday, Feb 16, 2020 - 09:27 AM (IST)

जालंधर(खुराना): जालंधर नगर निगम शहर में लगी करीब 65 हजार स्ट्रीट लाइटों को जलाने-बुझाने और उनकी रिपेयर इत्यादि करने की एवज में हर साल प्राइवेट ठेकेदारों को 4 करोड़ रुपए अदा करता है परंतु पिछले काफी सालों से स्ट्रीट लाइट मैंटीनैंस के काम पर चंद ठेकेदारों का ही कब्जा है, जिन्होंने कभी किसी कायदे-कानून की परवाह नहीं की। 

यही कारण है कि आज जिन स्ट्रीट लाइटों में करीब 1500 रुपए मूल्य वाला सोडियम सैट जगमगाता होना चाहिए वहां इन ठेकेदारों ने करीब 20 रुपए मूल्य वाले देसी बल्ब लगा रखे हैं। ऐसा ही 200 वाट का देसी बल्ब फगवाड़ा गेट में अमृत होटल की पिछली गली में लगा हुआ है। शहर में आम चर्चा है कि यदि शहर के स्ट्रीट लाइट स्कैंडल की विजीलैंस इत्यादि से जांच करवाई जाए तो हजारों स्ट्रीट लाइट प्वाइंटों में देसी, चाइनीज तथा अनब्रांडिड तथा घटिया बल्ब व अन्य सामान मिल जाएगा।

निगम ने ब्रांडिड सामान मांगा तो ठेकेदारों को लेने के देने पड़ जाएंगे
मेयर जगदीश राजा ने यह स्टैंड तो ले लिया है कि ठेकेदारों को स्ट्रीट लाइटें हैंडओवर करते समय सभी लाइटें जलाकर देनी होंगी परंतु अगर निगम ने यह आदेश जारी कर दिए कि सभी स्ट्रीट लाइट प्वाइंटों में ब्रांडिड बल्ब व अन्य सामान ही लगा होना चाहिए तो सभी ठेकेदारों को लेने के देने पड़ जाएंगे, क्योंकि इस सूरत में उन्हें भारी धनराशि खर्च करनी पड़ेगी जो उनकी टैंडर अमाऊंट से भी बढ़ सकती है।

PunjabKesari, bulbs in street lights instead of sodium set

स्ट्रीट लाइटों के लिए हमें नहीं, मेयर को कहो
इन दिनों शहर की स्ट्रीट लाइटों को जलाने-बुझाने का काम कई स्थानों पर निगम स्टाफ द्वारा और कुछ जगहों पर आम लोगों द्वारा किया जा रहा है। स्थानीय पक्का बाग मोहल्ले में स्ट्रीट लाइटें सारा दिन जलती रहीं और उन्हें किसी ने बुझाया नहीं। इन जलती स्ट्रीट लाइटों को बुझाने बाबत जब पार्षद राधिका पाठक के सुपुत्र करण पाठक ने ठेकेदार पाली सरीन को फोन किया तो उनका स्पष्ट जवाब था कि अब आगे से स्ट्रीट लाइटों बारे मुझे नहीं बल्कि मेयर को फोन किया करो, जिन्होंने टैंडर कैंसिल कर दिए हैं। करण पाठक ने कहा जब लाइटें बुझाने बाबत जे.ई. चड्ढा को फोन किए गए तो उन्होंने फोन नहीं उठाया।

ठेकेदारों की जी.एस.टी. रिटर्न की जांच हो
इस दौरान यह मांग भी उठ रही है कि निगम में स्ट्रीट लाइटों का काम करने वाले सभी ठेकेदारों की पिछले सालों की जी.एस.टी. रिटर्न जांची जाए ताकि पता चल सके कि इन ठेकेदारों ने किस ब्रांड का कितना सामान परचेज किया और क्या पूरे सामान पर जी.एस.टी. अदा किया गया। इस मामले में जी.एस.टी. विभाग को भी सक्रिय होना होगा, क्योंकि निगम का कुल कांट्रैक्ट 4 करोड़ रुपए का है, जिस हिसाब से ठेकेदारों को आधे यानी 2 करोड़ की परचेज तो करनी ही होगी और ऐसे में यदि 18 प्रतिशत जी.एस.टी. दर से सामान खरीदा जाए तो विभाग को जालंधर निगम के चंद ठेकेदारों से ही 36 लाख रुपए का जी.एस.टी. एक साल में आ सकता है।

स्ट्रीट लाइट ठेकेदारों को 7 दिन में सभी लाइटें जलाकर देने के आदेश
नगर निगम की फाइनांस एंड कांट्रैक्ट कमेटी (एफ. एंड सी. सी.) की बैठक में लिए गए फैसले के अनुरूप नगर निगम अधिकारियों ने शहर के सभी स्ट्रीट लाइट ठेकेदारों को आदेश दिए हैं कि वे 7 दिन के भीतर शहर की सभी स्ट्रीट लाइटों को जलती हुई अवस्था में लाएं और निगम को हैंडओवर करें। इस मामले में नगर निगम के अधिकारियों ने सभी ठेकेदारों का पत्र भी जारी कर दिया है। निगमाधिकारियों का कहना है कि यदि ठेकेदारों ने बंद पड़ी स्ट्रीट लाइटों को चालू न किया तो निगम के पास पड़ी उनकी पेमैंट में से कटौती कर दी जाएगी।

गौरतलब है कि इस बार स्ट्रीट लाइट ठेकेदारों ने आपस में पूल करके निगम को मात्र 4 प्रतिशत का डिस्काऊंट आफर किया था जबकि पिछले साल इन्हीं ठेकेदारों ने निगम को 33 प्रतिशत डिस्काऊंट देकर सवा साल काम किया। ठेकेदारों के इस पूल से नगर निगम को सीधी-सीधी 1.15 करोड़ रुपए की चपत लगनी थी, जिस बाबत पंजाब केसरी में खुलासा होने पर निगम की एफ. एंड सी.सी. ने इन टैंडरों को न केवल रद्द कर दिया और री-कॉल करने को कहा बल्कि यह फैसला भी लिया कि निगम को स्ट्रीट लाइटें हैंडओवर करते समय सभी ठेकेदार अपने-अपने जोन की सभी स्ट्रीट लाइटें निगम को जलती हुई अवस्था में करें। अब देखना है कि शहर में इस समय जो हजारों स्ट्रीट लाइटें बंद पड़ी हुई हैं, उन पर लाखों रुपए खर्च करके ठेकेदार कैसे उन्हें जलाते हैं।

स्ट्रीट लाइटों को जला कर हैंडओवर करना माने ठेकेदार
निगम ने जहां स्ट्रीट लाइट ठेकेदारों को निर्देश दिए हैं कि वह 7 दिनों के भीतर शहर की सभी स्ट्रीट लाइटों को जलती हुई अवस्था में लाकर उन्हें निगम को हैंडओवर करें वहीं स्ट्रीट लाइट ठेकेदारों ने भी निगम की इस बात को लगभग मान लिया है। इस आदेश के संबंध में जब स्ट्रीट लाइट ठेकेदार राजकुमार लूथरा से बात की गई तो उन्होंने कहा कि हमें स्ट्रीट लाइटें जलाकर देने में कोई हर्ज नहीं है। अब देखना है कि शहर की खराब पड़ी स्ट्रीट लाइटों को कितने समय में ठीक किया जाता है। निगमाधिकारियों ने शहरियों से अपील की है कि जिस क्षेत्र में स्ट्रीट लाइटें बंद या खराब पड़ी हैं उनकी शिकायत निगम के शिकायत सैल के टैलीफोन नम्बर  2242411 पर अवश्य लिखवाई जाए ताकि वे लाइटें ठेकेदारों से ठीक करवाई जा सकें।


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Edited By

Sunita sarangal

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