हाईकोर्ट के आदेशों के बावजूद नहीं रुक रहा बम्पर गार्ड का इस्तेमाल

punjabkesari.in Thursday, May 10, 2018 - 02:09 PM (IST)

जालंधर(बुलंद): हाइकोर्ट व केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के आदेशानुसार गाडिय़ों पर बम्पर गार्ड या बुल बार लगाने पर पाबंदी लगाई जा चुकी है, पर इसके बावजूद शहर में सैंकड़ों ऐसे वाहन घूमते देखे जा सकते हैं जिन पर बम्पर गार्डों का प्रयोग सरेआम हो रहा है। ऐसे बम्पर गार्डों का प्रयोग अधिकतर कारों, छोटे टैम्पों, कमर्शियल वाहनों और टैक्सियों पर किया जा रहा है। 

दिल्ली में सख्ती से रोके जा रहे हैं बम्पर गार्ड
जहां जालंधर शहर में ऐसे वाहनों पर सख्ती करने में ट्रैफिक पुलिस ढीली नजर आ रही है, वहीं दिल्ली में इन आदेशों की पालना बेहद सख्ती से की जा रही है। दिल्ली से आए एक ड्राइवर ने बताया कि दिल्ली की सड़कों पर लोहे की रॉड व स्टील बुल बार यानी बम्पर गार्ड का प्रयोग पूरी तरह से बैन कर दिया गया है। अगर किसी वाहन पर यह बम्पर गार्ड लगा हो तो उसका तुरंत चालान किया जाता है। 

क्या कहते हैं कानून माहिर
मामले बारे कानून माहिरों की माने तो मोटर व्हीकल एक्ट की धारा 52,190 व 191 के तहत ऐसी गाडिय़ों का चालान किया जा सकता है जिन  पर बंपर गार्ड लगे हों। उन्होंने बताया कि परिवहन मंत्रालय की ओर से 7 दिसम्बर 2017 को सारे रा’यों को बम्पर गार्ड वाली गाडिय़ों को सड़कों पर न चलने देने और ऐसी गाडिय़ों के चालान किए जाने के लिखित आदेश दिए गए थे, पर जालंधर में ऐसे बम्पर गार्ड धड़ल्ले से बिक रहे हैं और इनका प्रयोग वाहनों पर किया जाना आम बात हो गया है।

क्यों बंद किए हैं बम्पर गार्ड
मामले बारे परिवहन विभाग के जानकार बताते हैं कि ऐसे बम्पर गार्ड लगाना गाडिय़ों के लिए बड़ा खतरा होते हैं। लोहे के बने ऐसे बम्पर/ बुल बार से दुर्घटना होने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। खास कर दोपहिया वाहनों और पैदल चलने वालों के साथ अगर कोई बंपर गार्ड लगा वाहन टकराता है तो चोट ’यादा लगती है और इससे वाहनों की नंबर प्लेटें छिप जाती हैं और दुर्घटना करके भागे वाहन की पहचान नहीं हो पाती।

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