...वतन पर मर-मिटने वालों का यही बाकी निशां होगा

punjabkesari.in Sunday, Feb 17, 2019 - 08:25 AM (IST)

जालंधर(कमलेश): पुलवामा में सुरक्षा बलों पर हुए हमले, जिसमें 44 जवान शहीद हो गए थे, को लेकर लोगों में काफी गुस्सा दिख रहा है। सभी इस हमले का जवाब कार्रवाई से चाहते हैं। इस बात को लेकर शहर के कुछ पूर्व सैनिकों व युवाओं से बात की गई तो सभी का एक ही विचार था कि बस अब आतंकवाद और नहीं, मुंहतोड़ जवाब देना ही होगा।

शहीदों के परिवारों का ख्याल रखना देश का दायित्व : अजय  
अजय कुमार का कहना है कि देश के लिए अपनी जान कुर्बान करने वाले शहीदों के परिवारों का ख्याल रखना देश का दायित्व है। उन्होंने कहा कि हम चैन से रात को अपने घरों में सोएं, इसके लिए हमारे वीर सैनिक कठोर परिस्थितियों में सरहदों पर पहरा देते हैं। उन सैनिकों की शहादत के बाद, उनके परिवार को कोई तकलीफ न हो यह सुनिश्चित करना सभी देशवासियों का दायित्व होना चाहिए। सरकार को तुरंत शहीद के पारिवारिक मैंबर को नौकरी मुहैया करवानी चाहिए।

शहीद के परिजन को उसी के राज्य में मिले नौकरी : सुलविन्द्र सिंह 
 सी.आर.पी.एफ. के रिटायर्ड इंस्पैक्टर सुलविन्द्र सिंह का कहना है कि शहीद के पारिवारिक मैंबर को उसी के राज्य में नौकरी मिले। सरकार को चैक करना चाहिए कि जो लोग सरहदों की रक्षा करते हैं, उनकी सुरक्षा में चूक कैसे हो गई? आतंकियों को उनकी इस करतूत का जल्द मुंहतोड़ जवाब देना चाहिए और ऐसा सबक सिखाना चाहिए कि फिर से कोई आतंकी ऐसा करने की हिम्मत न कर सके।

शहीदों के परिवारों को मिले 1-1 करोड़ रुपया : सुच्चा सिंह  
सी.आर.पी.एफ. से रिटायर्ड हैड कांस्टेबल सुच्चा सिंह का कहना है कि शहीदों के परिवारों  को केन्द्र सरकार की तरफ से 1-1 करोड़़ रुपया मिलना चाहिए। इसके अलावा शहीद के नाम पर उसके गांव या शहर में उसकी यादगार बनानी चाहिए। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार को आतंकियों और उन्हें पनाह देने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। अगर समय रहते दुश्मन को जवाब नहीं दिया गया तो भारतीय डिफैंस को कमजोर समझा जाएगा।

घाटी में आतंकियों के समर्थकों पर भी हो कार्रवाई : असीम 
असीम जैन का कहना है कि घाटी में आतंकियों के समर्थकों पर भी ठोस कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हमले में निश्चित ही घाटी के अलगाववादी लोग शामिल रहे होंगे। जांच में नाम आने पर उनके खिलाफ भी कठोर एक्शन लेना चाहिए। देश ने अपने अनमोल रत्न खोए हैं और उनकी शहीदी बेकार नहीं जानी चाहिए और इस बात को केन्द्र सरकार को सुनिश्चित करना होगा।

सैनिकों को जान देकर चुकानी पड़ी सुरक्षा में खामी की कीमत : बॉबी 
व्यापारी बॉबी का कहना है कि आखिर कब तक सैनिक आतंक की बलि चढ़ेंगे। सुरक्षा में चूक ही इस हादसे का सबसे बड़ा कारण बनी है। जिस रास्ते सैनिकों के काफिले के मूवमैंट हो रही थी, उसे बेहद ही सैंसटिव माना जाता है लेकिन ऐसे मे न तो उस रास्ते पर संदिग्धों को चैक करने के लिए कोई नाके लगाए गए थे और न ही इस काफिले पर आसमान से एयरफोर्स की तरफ से कोई नजर रखी गई। इन सारी खामियों की कीमत देश की रक्षा करने वालों को जान देकर चुकानी पड़ी। 

जल्द लेना चाहिए अपने वीर सैनिकों की शहादत का बदला : पवन 
पवन कुमार का कहना है कि भारत को जल्द अपने वीर सैनिकों पर हुए हमले को बदला लेना चाहिए और आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद जिसने इस हमले को अंजाम दिया है, का दुनिया से नामो-निशान मिटा देना चाहिए। भारत को अपने सैनिकों का बदला लेकर यह सिद्ध करना चाहिए कि अपने ऊपर किए गए हमले को वह बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करेगा।

खुफिया एजैंसियों के अलर्ट का क्यों नहीं लिया गया था संज्ञान : सुनील 
सुनील का कहना है कि खुफिया एजैंसियों की तरफ से हमले से पहले ही इनपुट दिया गया था कि घाटी में सैनिकों पर हमला हो सकता है फिर किसी भी विभाग की तरफ से इस इनपुट पर संज्ञान न लेना प्रश्नचिन्ह लगाता है। इनपुट के बावजूद सावधानी न बरतने वाले विभागों पर भी कार्रवाई होनी चाहिए, ताकि भविष्य में इस तरह की कोताही न की जाए। इनपुट पर रिएक्शन न लेने के कारण ही आज देश ने अपने सैनिक और परिवारों ने अपने बेटे खोए हैं।

भारत को जड़ से उखाड़ फैंकना होगा आतंकवाद : अनिल 
अनिल का कहना है कि पुलवामा में सैनिकों पर हमले से पहले भी आतंकी सेना की पीठ पर वार कर अपनी कायरता का सबूत दे चुके हैं। उन्होंने कहा कि देश पहले से ही अपने कई वीर सैनिकों को खो चुका है। अब समय आ गया है कि आतंकवाद को भारत से जड़ से उखाड़ देना चाहिए। पुलवामा में हुए हमले के बाद पूरा देश गुस्से में है और सब इस समय अपने सैनिकों पर हुए हमले का बदला चाहते हैं।

भारत को करनी चाहिए सर्जिकल स्ट्राइक-2  : राकेश ठाकुर  
भारतीय सेना से रिटायर्ड कैप्टन राकेश ठाकुर का कहना है कि भारत को अपने शहीदों का बदला लेने के लिए सॢजकल स्ट्राइक-2 कर दुश्मन को मुंहतोड जवाब देना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना किसी भी तरह के हमले के लिए सक्षम है। पहली सर्जिकल स्ट्राइक में यह सिद्ध कर चुकी है कि वह दुश्मन के घर में घुसकर उसको जवाव दे सकती है।

प्यार की भाषा नहीं, गोली की भाषा समझते हैं आतंकी : रविन्द्र 
पुलवामा में सैनिकों के काफिले पर हुए हमले को एम.बी.ए. के छात्र रविन्द्र कुमार ने बहुत दुखद बताया । उसने कहा कि आतंकी प्यार की नहीं सिर्फ गोली की भाषा समझते हैं। शहीदों को बदला तभी पूरा होगा जब हमारी सेना घाटी में छिपे सभी आतंकियों को मौत के घाट उतार देगी। 

धोखे से  सैनिकों पर हमला कर आतंकियों ने दिखाई कायरता : अरविंद 
इस बारे में बिजनैसमैन अरविंद कहा कहना है कि सैनिकों धोखे से हमला कर आतंकियों ने कायरता दिखाई है। उन्होंने कहा कि आतंकी अच्छी तरह जानते हैं कि आमने-सामने की लड़ाई में वे भारतीय सैनिकों के आगे कभी नहीं टिक सकते और इसलिए उन्होंने छिपकर बार किया। केन्द्र को सेना को आतंकियों के खिलाफ कोई भी एक्शन लेने के लिए फ्री कर देना चाहिए ताकि फिर कभी कोई आतंकी संगठन ऐसा करने की जुर्रत न कर सके।

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