यहां के सैंकड़ों खाली प्लाटों में हो रही है भांग की खेती

punjabkesari.in Wednesday, May 22, 2019 - 10:22 AM (IST)

जालंधर(खुराना): वैसे तो भारत में भांग का नशा सदियों पुराना है और धार्मिक ग्रंथों व प्राचीन किताबों तक में इसका जिक्र है। भांग के पौधे की बात करें तो यह ज्यादातर मामलों में अपने आप उगने वाला पौधा है परंतु इसके औषधीय गुणों के चलते देश के कई भागों में इसकी खेती तक होने लगी है और कई रा’यों में तो भांग के ठेके सरकारी तौर पर खुले हुए हैं।

पंजाब की बात करें तो यहां भांग की खेती पूर्णत: प्रतिबंधित है परंतु फिर भी इस क्षेत्र में भांग के पौधे बहुतायत मात्रा में उपलब्ध हैं। जालंधर में ही सैंकड़ों खाली प्लाट ऐसे हैं जहां भारी मात्रा में भांग के पौधे लगे हुए हैं। चाहे ज्यादातर स्थानों पर भांग के पौधे अपने आप पनपे लगते हैं परंतु फिर भी शहर के कई खाली प्लाटों में भांग की खेती भी हो रही है।गौरतलब है कि शहर में प्रवासियों की संख्या लाखों तक पहुंच गई है। देश के कई क्षेत्रों में भांग का सेवन काफी प्रचलित है। हालांकि पंजाब में इसके नशे को ठीक नहीं समझा जाता परंतु फिर भी शहर में रह रहे प्रवासियों में भांग काफी प्रचलित है।

भांग के पौधे लगे खाली प्लाटों में कई बार देखा गया है कि अक्सर वहां प्रवासी लोग इस पौधे के कोमल पत्तों को अपने हाथों से घंटों मसलते रहते हैं और ऐसा करके जो मैल हाथों में इकट्ठी होती है उसका गोला-सा बनाकर उसका नशा किया जाता है। देखने में आया है कि शहर में जिन स्थानों पर प्रवासियों की संख्या अधिक है वहां पड़े खाली प्लाटों में भांग की खेती की जा रही है और उसके पत्तों को मसलने की बजाय भांग के सूखे पत्तों का भी इस्तेमाल होने लगा है।अक्सर लोग ऐसे प्रवासियों को दरकिनार कर देते हैं जो सड़कों के किनारे या खाली प्लाटों में लगे भांग के पौधों को मसलते दिखते हैं। पुलिस भी ऐसे नशेडिय़ों को गंभीरता से नहीं लेती जिस कारण जालंधर जैसे शहरों में भी भांग की खेती और भांग के नशे को बढ़ावा मिलता जा रहा है।

भांग के नशे में टुन्न प्रवासियों द्वारा अक्सर हंगामा करने, मारपीट करने या ऊल-जलूल हरकतें करने के मामले अक्सर दिख जाते हैं परंतु इस नशे को लेकर अभी तक सख्ती नहीं दिखाई जा रही। पुलिस तथा सिविल प्रशासन को चाहिए कि वे प्रवासी क्षेत्रों में हो रही भांग की खेती पर नजर रखें और इस नशे में संलिप्त लोगों पर कार्रवाई की जाए ताकि यह नशा और लोगों को न लगे। गौरतलब है कि शहरों की अपेक्षा गांवों व कस्बों में भी भांग का नशा लगातार बढ़ रहा है और इन क्षेत्रों में तो पंजाबी विशेषकर युवा वर्ग भी इस ओर आकॢषत होता दिख रहा है जिसका मुख्य कारण भांग का आसानी से उपलब्ध होना है। अगर पंजाब में भांग के विरुद्ध सख्त अभियान न चलाया गया तो आने वाले समय में यह नशा ‘चिट्टे’ जैसी समस्या बन कर उभरेगा।

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