खून के खेल के बाद सिविल अस्पताल के अधिकारियों का बड़ा फैसला

punjabkesari.in Friday, Sep 21, 2018 - 09:02 AM (IST)

जालंधर(शौरी): सिविल अस्पताल में गर्भवती महिला को खून देने के बदले 1500 लेने वाली आशा वर्कर के मामले में नया मोड़ आ चुका है। अस्पताल के अधिकारियों ने आरोपी आशा वर्कर के खिलाफ 3 डाक्टरों की जांच कमेटी बिठा दी है जिसमें डा. कुलविंद्र कौर, डा. रमन शर्मा तथा डा. गुरिंद्रवीर कौर शामिल हैं। जांच टीम आशा वर्कर को बुलाकर मामले की जांच कर रिपोर्ट मैडीकल सुपरिंटैंडैंट को सौंपेगी और उसके बाद रिपोर्ट सिविल सर्जन को भेजी जाएगी, क्योंकि सिविल सर्जन के अधीन ही आशा वर्कर आती है और अगला एक्शन सिविल सर्जन ही लेंगे।

अब नहीं मिलेगा आशा वर्कर को खून
सिविल अस्पताल के कार्यकारी मैडीकल सुपरिंटैंडैंट डा. त्रिलोचन सिंह ने ऑफिस आर्डर कर दिए हैं कि गर्भवती महिलाओं के लिए खून आशा वर्करों को सीधा नहीं दिया जाएगा। या तो महिला के परिजन साथ ब्लड बैंक जाएंगे या फिर जच्चा-बच्चा अस्पताल का स्टाफ खून लेने जाएगा। 

आरोपी के बयान से हुई पंजाब केसरी द्वारा उठाए मुद्दे की पुष्टि
पंजाब केसरी ने पहले ही जच्चा-बच्चा वार्ड के स्टाफ द्वारा बधाई आदि के नाम पर वसूली का मुद्दा उठाया था पर अब 1500 रुपए लेने वाली आशा वर्कर ने स्पष्ट ही कह डाला कि वह अकेली नहीं पूरा स्टाफ परिजनों से पैसे लेता है। इसके बाद अस्पताल के अधिकारियों की नींद खुली तथा कार्यकारी मैडीकल सुपरिंटैंडैंट डा. त्रिलोचन सिंह ने ऑफिस ऑर्डर जारी कर दिए हैं कि 1 तारीख के बाद से ही जच्चा-बच्चा अस्पताल का सारा स्टाफ बदल कर दूसरे वार्ड में भेज दिया जाएगा। 

रिपोर्ट आने पर होगी आरोपी आशा वर्कर के खिलाफ कार्रवाई : सिविल सर्जन
वहीं सिविल सर्जन डा. जसप्रीत कौर का कहना है कि आशा वर्कर ठेके पर काम करती है और उन्हें गर्भवती महिलाओं की केयर के लिए पैसे मिलते हैं। जैसे ही पैसे मांगने वाली आशा वर्कर की रिपोर्ट उनके पास मैडीकल सुपरिंटैंडैंट दफ्तर से आएगी वह तत्काल कार्रवाई करेगी। उन्होंने लोगों से अपील की है कि गर्भवती महिलाओं की डिलीवरी का सारा खर्चा सरकारी अस्पतालों में फ्री है, किसी भी स्टाफ को पैसे न दें। यदि कोई पैसे की मांग करता है तो इसकी शिकायत लोग उनके ऑफिस में आकर कर सकते हैं। 
 

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