कायाकल्प टीम की चैकिंग; सिविल अस्पताल के अधिकारियों को 70 अंकों की उम्मीद

punjabkesari.in Wednesday, Dec 05, 2018 - 12:55 PM (IST)

जालंधर (शौरी): सिविल अस्पताल में आज सुबह निर्धारित योजना के तहत चंडीगढ़ से कायाकल्प टीम पहुंची, जिसमें डा. बिक्रांत, डा. बबनदीप कौर शामिल थे। टीम ने अस्पताल के ट्रोमा वार्ड से शुरूआत के बाद एमरजैंसी वार्ड, कैंटीन, ब्लड बैंक, लैबोरेटरी, मेल व फीमेल वार्ड, गायनी वार्ड व मोर्चरी आदि में चैकिंग की। टीम ने ट्रोमा वार्ड में स्टाफ से जमीन पर गिरे खून की सफाई का वीटाडिन गिराकर प्रैक्टीकल करवाया, जिसे देख टीम संतुष्ट हुई।

सुबह करीब 9.40 पर अस्पताल पहुंची टीम शाम 4 बजे तक यहां रही व कैंटीन प्रबंधकों को सफाई और बढिय़ा तरीके से रखने पर जोर दिया। अस्पताल की मैडीकल सुपरिंटैडैंट डा. जसमीत बावा का कहना है कि उन्हें आस है कि अस्पताल में सफाई देखकर टीम खुश होकर गई है और उन्हें 70 अंक मिलेंगे।गौर हो कि टीम पंजाब के सभी सरकारी अस्पतालों की चैकिंग करने के बाद अंक देगी व जिन अस्पतालों को 70 अंक मिलेंगे वे रेस में आगे रहेंगे और दोबारा की गई चैकिंग में पंजाब में पहले स्थान पर आने वाले अस्पताल को 50 लाख नकद ईनाम दिया जाएगा।
 

खराब किस्मत, लाइटें ही नहीं जली
सिविल अस्पताल में वैसे तो लाइटें अक्सर खराब रहती हैं। हाल में पंजाब केसरी ने भी इस खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था। कायाकल्प की टीम अस्पताल आने की खबर के बाद बीती रात ही ट्रोमा वार्ड व अस्पताल के अन्य हिस्सों में खराब लाइटें बदलकर नई ट्यूबें व बल्ब लगाए गए लेकिन शायद खराब किस्मत होने के चलते जैसे ही टीम ने ट्रोमा वार्ड व लेबर रूम में लगे स्विच को ऑन कर लाइटें चैक करनी चाहीं तो लाइटें जली ही नहीं?

सफाई किए स्थान ही दिखाए टीम को
जैसे ही टीम अस्पताल में सबसे गंदगी वाले स्थान हड्डियों वाले वार्ड की तरफ जाने लगी तो उन्हें अस्पताल में राऊंड करवाने वाले डाक्टरों ने गायनी वार्ड की तरफ मोड़ दिया। अस्पताल में जिन स्थानों पर सफाई व्यवस्था बढिय़ा थी, टीम को वहीं का दौरा करवाया गया। हालांकि टीम ने स्टाफ नर्स को टिप्स भी दिए कि मरीजों की केयर व अस्पताल में साफ-सफाई कैसे ठीक रह सकती है।

और यहां हुई नैगेटिव मार्किंग
टीम गायनी वार्ड का दौरा करने लगी तो वहां नैगेटिव मार्किंग वाली स्थिति बन गई जब एक महिला के परिजनों ने टीम को शिकायत कर वार्ड में हंगामा भी किया। परिजनों का कहना था कि अस्पताल में लापरवाही के कारण महिला के गर्भ में नवजात बच्चे की मौत हुई है। नकोदर के गांव चक्क कलां निवासी मंदीप पत्नी अजीत सिंह के परिजनों ने साफ शब्दों में कहा कि पहले गर्भ में पल रहा नवजात बच्चा ठीक था, अस्पताल में उसकी मौत हुई है। हालांकि स्टाफ का कहना था कि नवजात बच्चा गर्भ में पहले ही मृत था।

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