लाखों के जैनरेटर होने के बावजूद सिविल अस्पताल में रहा अंधेरा

punjabkesari.in Thursday, Apr 25, 2019 - 09:08 AM (IST)

जालंधर(शौरी): तेज बारिश के चलते जहां महानगर में कई स्थानों में बिजली गुल रही वहीं सिविल अस्पताल में भी अंधेरा देखने को मिला। सिविल अस्पताल के एमरजैंसी वार्ड से लेकर ट्रोमा, आई.सी.यू., जच्चा-बच्चा अस्पताल आदि वार्डों में बिजली न होने के कारण मरीजों को परेशान होना पड़ा। एमरजैंसी में डा. राज कुमार मरीजों को मोबाइल टॉर्च की रोशनी में चैकअप करते रहे। 

गौर हो कि सिविल अस्पताल में पुराना जैनरेटर पर अस्पताल की बिजली सप्लाई करने का लोड अधिक होने के कारण बिजली की सप्लाई नहीं होती थी और लाइट जाने के कारण अंधेरा रहता था। इस कारण अस्पताल प्रबंधकों ने इस बाबत चंडीगढ़ अपने सीनियर अधिकारियों को पत्र लिखा और नतीजा कुछ माह पहले लाखों का महंगा हैवी जैनरेटर अस्पताल पहुंच गया लेकिन आज बिजली स्टाफ के कर्मचारी उसे स्टार्ट ही नहीं कर पाए। 

एमरजैंसी के बाहर ही इलाज को तरसा बुजुर्ग
एमरजैंसी के बाहर कुर्सी में अद्र्धबेहोशी की हालत में बैठे व्यक्ति को देखकर लग रहा था कि अस्पताल के स्टाफ के दिलों में इंसानियत खत्म हो चुकी है। बुजुर्ग के साथ कोई नहीं था और एमरजैंसी स्टाफ ने भी उसे एमरजैंसी वार्ड में दाखिल करना मुनासिब नहीं समझा।

फटने लगे बैड और उखडऩे लगी टाइलें
हाल में ही करोड़ों रुपए खर्च कर सिविल अस्पताल में जच्चा-बच्चा अस्पताल का निर्माण करवाया गया, ताकि गर्भवती महिलाओं की डिलीवरी व नवजात बच्चों की केयर ठीक तरह से हो सके। बिल्डिंग तो तैयार हो गई लेकिन दीवारों पर लगी टाइलें उखडऩी तथा बैड फटने शुरू हो चुके हैं। इसके अलावा शौचालयों में भी बदबू का सामना मरीजों को करना पड़ रहा है तथा नलों से पानी रिस-रिस कर फर्श पर गिर रहा है।

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