हाल-ए-सिविल अस्पताल : लैबोरेटरी में नहीं हो रही रक्त की जांच

punjabkesari.in Wednesday, Feb 05, 2020 - 09:58 AM (IST)

जालंधर(शौरी): सिविल अस्पताल के हालात सुधारने की बजाय और खराब होते जा रहे हैं। अस्पताल में गर्भवती महिलाओं से बदतमीजी करने के मामले तो पहले सामने आते ही रहे हैं और डिलीवरी के बाद बधाई के तौर पर परिजनों को तंग किया जाता रहा है लेकिन अब तो सिविल अस्पताल की लैबोरेटरी में बच्चों के ब्लड टैस्ट भी नहीं हो रहे हैं जिसके कारण परिजनों को बाहर से निजी अस्पतालों में जाकर मोटे खर्च पर टैस्ट करवाने पड़ रहे हैं। 

जानकारी के अनुसार कपूरथला निवासी रवि कुमार पुत्र गुरजंट सिंह ने बताया कि उसकी 5 वर्षीय बेटी ववनजोत को वह बीमारी की हालत में सिविल अस्पताल के जच्चा-बच्चा वार्ड में यह सोच कर लाया था कि यहां कम पैसों में बढ़िया उपचार हो जाएगा लेकिन यहां तो उसकी जेब ही कट गई। बच्चों के डाक्टर ने सोडियम, पोटाशियम, कैल्शियम आदि टैस्ट लिखे पर अस्पताल की लैबोरेटरी स्टाफ ने कहा कि उक्त टैस्ट यहां पर नहीं हो सकेंगे, आप बाहर से टैस्ट करवा लो। बकायदा उसे एक निर्धारित लैबोरेटरी में भेजा गया और कहा गया यहां उसे उक्त टैस्ट में लैस भी मिल जाएगी। उक्त लैब में गया तो उससे 900 रुपए लिए गए। उक्त लैब में और लोग भी अपने बीमार बच्चों के टैस्ट करवाने के लिए मौजूद थे। उसने आरोप लगाया कि कमीशनखोरी के चक्कर में उसे उक्त प्राइवेट लैब में भेजा गया। 

सूत्रों से पता चला है कि टैस्ट करने वाली किट काफी दिनों से खत्म हो चुकी है और इस बाबत मैडीकल ऑफिसर को लिखकर भी दिया जा चुका है लेकिन पता नहीं क्यों अस्पताल प्रशासन वाले किट परचेज नहीं कर रहे हैं। शायद अधिकारी यही चाहते हैं कि लोग बाहर से टैस्ट करवाएं।

उधर एक्स-रे विभाग में भी एक्स-रे हुए बंद
अस्पताल में इतनी लापरवाही है कि विभाग द्वारा कई बार लिखकर दिए जाने के बावजूद मशीनों की देखरेख की तरफ अधिकारियों का ध्यान नहीं जा रहा। अधिकारी शायद यही आस लगाकर बैठे हैं कि कोई समाज सेवी संस्था उनकी मदद करने के लिए आएगी। 

अस्पताल के एक्स-रे विभाग जोकि मरीजों को परेशान करने में पीछे नहीं है, से आज भी लोग परेशान होकर वापस प्राइवेट अस्पतालों में चले गए। दरअसल एक्स-रे विभाग में एक्स-रे की फिल्म निकालने के लिए लगी दोनों मशीनें बंद पड़ी हैैं। एक मशीन में एक्स-रे कैसेट फंस गई, जबकि दूसरी में फिल्में खत्म हो चुकी हैं, जिसे अधिकारियों ने बाहर से परचेज नहीं किया। दोपहर करीब 1 बजे से खराब हुई मशीन देर रात तक बंद रही जिससे सड़क हादसों में गंभीर या फिर मामूली घायल लोगों को काफी परेशानी उठानी पड़ी। लोग इस बात को लेकर स्टाफ से विवाद भी करते देखे गए। डा. महिंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि एक्स-रे कैसेट घिस चुकी है इसलिए वह मशीन में फंस जाती है तथा दूसरी मशीन तभी चलेगी जब फिल्म मैडीकल ऑफिसर खरीद कर उन्हें देंगे।

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Sunita sarangal