सिविल सर्जन कार्यालय के अकाऊंट्स विभाग की कार्यप्रणाली का भी जवाब नहीं
punjabkesari.in Monday, Sep 16, 2019 - 12:04 PM (IST)
जालन्धर(रत्ता): किसी न किसी बात को लेकर चर्चा में रहने वाले सिविल सर्जन कार्यालय के अकाऊंटस विभाग की घटिया एवं ढीली कार्यप्रणाली का भी कोई जवाब नहीं। इसका अंदाजा इस बात से हर कोई आसानी से लगा सकता है कि इस कार्यालय के अधिकारी लोगों से सरकारी काम तो करवा लेते हैं और उस काम की पेमेंट करने के समय बजट न होने का बहाना लगाकर उन्हें कई-कई वर्षों तक लटकाते रहते हैं।
उल्लेखनीय है कि इस कार्यालय में अकाऊंटस का काम दो अलग-अलग हिस्सों में बंटा हुआ है और इनमें से एक तो नैशनल हैल्थ मिशन के तहत आने वाले पैसों का हिसाब रखता है जबकि दूसरा डायरैक्टर हैल्थ सर्विसेज पंजाब की तरफ से आने वाले पैसों का। डायरैक्टर हैल्थ सर्विसेज पंजाब के अंतर्गत पड़ते अकाऊंटस विभाग का यह हाल है कि वहां से कुछ पार्टियों ने पिछले कई वर्षों की पेमैंट लेनी है जबकि नैशनल हैल्थ मिशन के तहत हर साल आने वाली करोड़ों रुपए की राशि तुरन्त खर्च कर दी जाती है।
अपने वेतन के लिए जरा-सी भी देरी बर्दाश्त नहीं करते ‘बाबू’
पार्टियों की पेमैंट चाहे वर्षों तक लटकती रहे लेकिन इस दफ्तर के बाबू लोग अपनी वेतन के लिए जरा-सी भी देर बर्दाश्त नहीं करते। इस बात का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि पंजाब सरकार ने 2 महीने पहले किसी केस को लेकर सभी अधिकारियों व कर्मचारियों का वेतन रोक लिया था और उस वक्त दफ्तर में कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ रोष प्रदर्शन शुरू कर दिया था।
माननीय अदालत से भी पड़ चुकी है फटकार
पेमैंट संबंधी लेट-लतीफी को लेकर सिविल सर्जन दफ्तर के अधिकारियों को एक बार माननीय अदालत से भी फटकार पड़ चुकी है। उल्लेखनीय है कि दफ्तर ने विभाग से नौकरी छोड़ चुके डा. कंवलजीत सिंह को लाखों रुपए देने थे और इस संबंधी उक्त डाक्टर ने माननीय अदालत में केस किया हुआ था। इसी केस के मद्देनजर माननीय अदालत ने आदेश जारी किए थे कि सिविल सर्जन दफ्तर की बिल्डिंग की नीलामी करके उक्त डाक्टर को पेमैंट की जाए। अदालत से फटकार पडऩे के उपरांत विभाग ने उक्त डाक्टर को उसी समय लगभग 86 लाख रुपए की पेमैंट की थी। लगता है कि विभाग के अधिकारी पार्टियों की पेमैंट करने हेतु शायद एक बार फिर माननीय अदालत की फटकार का इंतजार कर रहे हैं।