सियासत-ए-कांग्रेस: सत्ता के गलियारे में खुद को साबित करने के लिए 2 कांग्रेसी विधायकों में बढ़ी तल्खी

punjabkesari.in Thursday, Jul 12, 2018 - 12:58 PM (IST)

जालंध (रविंदर): प्रदेश भर में नशे की ओवरडोज से युवाओं की हो रही मौत का मुद्दा प्रदेश सरकार के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है। पिछले कुछ दिनों में सरकार ने कुछ गंभीर फैसले जरूर लिए हैं, मगर इनका असर होता दिखाई नहीं दे रहा।  

दूसरी ओर सत्ता के गलियारे में खुद को साबित करने की होड़ लगी हुई है। नए एपीसोड में दूसरी बार सुल्तानपुर लोधी से विधायक बने नवतेज चीमा की कैप्टन के साथ बढ़ती नजदीकियां राणा गुट को हजम नहीं हो रही हैं। दोनों गुटों के बीच तल्खी काफी बढ़ती जा रही है।  राणा गुट के विधायक लाडी शेरोवालिया ने सुल्तानपुर के दो गांवों में नशा बिकने का आरोप लगा दिया है, जिस पर  विधायक नवतेज चीमा ने कहा कि खुद आरोपों से घिरे लोगों को पहले अपने गिरेबां में जरूर झांक लेना चाहिए। दरअसल लंबे समय तक राणा गुरजीत सिंह का कपूरथला की राजनीति में एकछत्र राज रहा है। इसके बल पर राणा गुरजीत सिंह की हमेशा न केवल सत्ता में पकड़ रही है, बल्कि कैप्टन अमरेंद्र सिंह के साथ नजदीकियां भी काफी रही।

राणा के एकछत्र दबदबे के कारण ही कांग्रेस में रहते सुखपाल सिंह खैहरा के साथ भी राणा का छत्तीस का आंकड़ा रहा। अब यही छत्तीस का आंकड़ा राणा गुट का नवतेज चीमा के साथ हो गया है। दरअसल कैबिनेट की कुर्सी जाते ही सत्ता के गलियारों में राणा गुरजीत सिंह का कद कुछ छोटा हुआ तो दूसरी तरफ नवतेज चीमा का कद पिछले कुछ समय में कांग्रेस की राजनीति में बढ़ गया है। अकाली दल के मजबूत किले को लगातार दूसरी बार ढहाकर नवतेज चीमा अब मुखयमंत्री कै. अमरेंद्र सिंह के भी करीबी हो चुके हैं। ऐसे में राणा व चीमा गुट के बीच तल्खी काफी बढ़ चुकी है। पार्टी की सियासत में आने वाले दिनों में इन दोनों गुटों के बीच यह तल्खी और बढ़ सकती है।

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