Video-कांग्रेस मेें घमासान: मोहिन्द्र सिंह के.पी. कांग्रेस से बगावत कर लड़ेंगे आजाद चुनाव!

punjabkesari.in Friday, Apr 05, 2019 - 02:41 PM (IST)

जालंधर (चोपड़ा): जालंधर के पूर्व सांसद व प्रदेश कांग्रेस के पूर्व प्रधान मोहिन्द्र सिंह के.पी. कांग्रेस से बगावत करने के मूड में दिखाई दे रहे है और वह जालंधर से ही आजाद उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ सकते हैं। कांग्रेस के मौजूदा सांसद संतोख सिंह चौधरी को टिकट मिलने से नाराज के.पी. इस संदर्भ में अपने समर्थकों के साथ सलाह-मशविरा करके अंतिम फैसला लेंगे। इस फैसले को लेकर के.पी. समर्थकों द्वारा सोशल मीडिया का सहारा भी लिया जा रहा है जिससे आम जनता की नब्ज को टटोला जा रहा है कि क्या वह आजाद उम्मीदवार के तौर पर मैदान में उतरें? परंतु माना जा रहा है कि अपने राजनीतिक भविष्य को अधर में जाता देखकर वह किसी पार्टी से किसी भी प्रकार का समझौता करने के मूड़ में नहीं हैं। 

इस संदर्भ में के.पी. ने बताया कि कांग्रेस में उनका राजनीतिक कत्ल हुआ है। वह जालंधर से टिकट के सशक्त दावेदार थे। 2014 के चुनावों में उन्हें साजिश के तहत सीटिंग एम.पी. होने के बावजूद चुनावों के ऐन मौके पर नए हलका होशियारपुर शिफ्ट कर दिया गया। अब वह पार्टी से अपनी सीट वापस लौटाने की मांग कर रहे थे क्योंकि उनके द्वारा किए कामों की वजह से ही 2014 में कांग्रेस जीत हासिल कर पाई थी। के.पी. ने बताया कि संतोख चौधरी को टिकट देकर शहीद परिवार से सबंधित उनके परिवार के साथ ज्यादती की गई है जबकि एक तरफ कांग्रेस भ्रष्टाचार को जीरो प्रतिशत करने का दावा करती है। 


के.पी. पर अकाली दल भी डालेगा डोरे?
पुष्ट सूत्रों की मानें तो कांग्रेस से बगावत करने की चर्चाओं को मिले बल को देखते हुए अकाली दल भी पूर्व सांसद मोहिन्द्र के.पी. पर डोरे डालने की तैयारी में जुट गया है। राजनीतिक गलियारों की मानें तो पार्टी प्रधान सुखबीर बादल भी के.पी. से संपर्क साध कर उन्हें अकाली दल ’वॉइन करवाना चाहते हैं। अकाली दल के एक वरिष्ठ नेता ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि अगर ऐसा संभव हुआ तो अकाली दल कांग्रेस को पटखनी देने की खातिर अपने घोषित प्रत्याशी चरणजीत अटवाल को किसी अन्य हलका में शिफ्ट कर सकता है और उनके स्थान पर मोहिन्द्र सिंह के.पी. को कांग्रेस उम्मीदवार संतोख चौधरी के मुकाबले अकाली-भाजपा गठबंधन का प्रत्याशी बनाया जा सकता है। के.पी. आजाद उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ें अथवा किसी पार्टी को ’वाइन करके मैदान में आएं दोनों ही मामलों में संतोख चौधरी की मुश्किलें बढऩी तय मानी जा रही है। परंतु जो भी हो आने वाले दिनों में कांग्रेस की राजनीति में हो रही उथल-पुथल से माहौल खासा दिलचस्प होता दिखाई देगा। 


सुशील रिंकू व परगट सिंह सांसद के स्वागत समारोह में नहीं हुए शामिल
सांसद संतोख चौधरी के आज जालंधर रेलवे स्टेशन पर पहुंचने के  दौरान जिला कांग्रेस द्वारा आयोजित समारोह में वैस्ट विधानसभा हलका से विधायक व जालंधर से लोकसभा टिकट के दावेदार सुशील रिंकू व कैंट हलका से विधायक परगट सिंह सहित जिले से सबंधित अनेकों ही दलित नेता गैर-हाजिर दिखे। वैस्ट हलका से विधायक के समर्थकों व पार्षदों ने भी समारोह से दूरी बनाई रखी वहीं कैंट हलका से सबंधित ज्यादातर पार्षदों ने कोई खास दिलचस्पी नहीं दिखाई। इसके अलावा जालंधर जिले से सबंधित पंजाब प्रदेश कांग्रेस के ज्यादातर पदाधिकारी भी रोड शो में शामिल होने स्टेशन नहीं पहुंचे। जिस कारण सांसद चौधरी का स्वागत समारोह खासी भीड़ जुटाने के बावजूद फीका ही दिखाई दिया। ऐसे हालातों में कांग्रेस उम्मीदवार सांसद चौधरी को विपक्षी पार्टियों के खिलाफ लड़ाई लडऩे के साथ-साथ भीतरघात से भी मुकाबला करना पड़ेगा। इस संदर्भ में विधायक रिंकू व परगट सिंह का कहना था कि वे किन्हीं निजी कामों में व्यस्त होने के कारण कार्यक्रम में शामिल नहीं हो सके जबकि शाम को पूर्व केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार द्वारा चुनाव घोषणा पत्र को रिलीज करने के दौरान बुलाई गई पत्रकारवार्ता में विधायक परगट सिंह तो शामिल हुए परंतु विधायक सुशील रिंकू ने इस प्रैस कान्फ्रैस से भी दूरी बनाई रखी। 

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