धमकी का हुआ असर: CM ने व्यापारियों की मांगों पर जल्द एक्शन लेने को कहा

punjabkesari.in Saturday, Dec 14, 2019 - 09:09 AM (IST)

जालंधर(खुराना): शहर के 100 के करीब औद्योगिक व व्यापारिक संगठनों पर आधारित ज्वाइंट एक्शन कमेटी के कन्वीनर गुरशरण सिंह ने गत दिवस स्थानीय सर्किट हाऊस में पंजाब कांग्रेस के प्रधान सुनील जाखड़ व कांग्रेस की पूरी लीडरशिप के सामने कारोबारियों की समस्याओं को लेकर पार्टी की खूब क्लास लगाई थी और यहां तक कह दिया था कि अगर व्यापारी समुदाय अकाली-भाजपा सरकार को पलट सकता है तो अगली बार कांग्रेस भी अपने ऐसे हश्र के लिए तैयार रहे।

आवेश में आकर गुरशरण सिंह ने उस बैठक में खुलेआम कहा था कि व्यापारी किसी तरह रो-धोकर यह 2 साल निकाल लेंगे परंतु उसके बाद कांग्रेस को सत्ता में नहीं रहने देंगे। उन्होंने बैठक में मौजूद जालंधर के कांग्रेसी विधायकों पर भी अपना गुस्सा निकाला था और साफ शब्दों में कहा था कि कोई विधायक उनकी बाजू नहीं पकड़ता और न ही उनकी बात ऊपर तक पहुंचाई जाती है क्योंकि विधायकों की खुद ही उनकी अपनी सरकार में कोई सुनवाई नहीं है।प्रधान गुरशरण सिंह की इस धमकी का असर आज देखने को मिला जब वैस्ट क्षेत्र से विधायक सुशील रिंकू के प्रयासों से ज्वाइंट एक्शन कमेटी की एक बैठक चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री अमरेन्द्र सिंह से हुई, जिस दौरान व्यापारियों की मांगों पर खुल कर चर्चा हुई। व्यापारियों की मांगों पर सहमत होते हुए मुख्यमंत्री ने बैठक दौरान ही एडीशनल चीफ सैक्रेटरी विन्नी महाजन तथा विभिन्न विभागों से संबंधित उच्चाधिकारियों को फोन किए तथा कारोबारियों की मांगों पर तुरंत एक्शन लेने को कहा।

रिफंड, सस्ती बिजली व अन्य मुद्दों पर हुई चर्चा
सी.एम. से हुई बैठक के दौरान गुरशरण सिंह के साथ कमेटी के अन्य सदस्य राकेश बहल, राज कुमार शर्मा, राजू विर्क व राजीव सूरी इत्यादि भी उपस्थित थे, जिन्होंने मुख्यमंत्री के समक्ष वैट तथा जी.एस.टी. रिफंड में आ रही दिक्कतों को रखा। मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग के कमिश्रर को फोन करके तुरंत रिफंड रिलीज करने के आदेश दिए। व्यापारियों द्वारा सस्ती बिजली का वायदा पूरा करने की मांग पर सी.एम. का कहना था कि सरकार पहले ही उद्योगों को 5 रुपए प्रति यूनिट बिजली प्रदान कर रही है परंतु गुरशरण सिंह का कहना था कि यह लाभ बहुत थोड़ी तथा बड़ी इंडस्ट्री को ही मिल पा रहा है। सारी इंडस्ट्री को इस दायरे में लाया जाए, डबल टैरिफ सिस्टम खत्म किया जाए।


विधायकों में से बाजी मार ले गए सुशील रिंकू
दरअसल शहर के कारोबारी पिछले कुछ समय से कांग्रेस सरकार से नाराज थे। महीना पहले हुई बैठक में उन्होंने चारों विधायकों को बुलाया था परंतु वहां केवल विधायक बेरी पहुंचे, जहां गुरशरण सिंह ने बाकी तीनों विधायकों बारे कड़े शब्दों का इस्तेमाल किया। कुछ दिन पहले सॢकट हाऊस में हुई बैठक के दौरान गुरशरण सिंह ने वर्करों और पार्टी नेताओं के सामने ही शहर के चारों विधायकों को खूब खरी-खोटी सुनाई।विधायक सुशील रिंकू ने पहले बाजी मारते हुए गुपचुप तरीके से मुख्यमंत्री से बैठक हेतु समय ले लिया और ’वाइंट एक्शन कमेटी को लेकर चुपचाप चंडीगढ़ चले गए जहां मुख्यमंत्री से अच्छे माहौल में बैठक करवाई। बैठक के बाद सभी कारोबारी विधायक रिंकू का आभार व्यक्त करते दिखे। गुरशरण सिंह ने तो साफ कहा कि केवल विधायक रिंकू ने ही हमारी बाजू पकड़ी है और हमें अपनी बात सी.एम. के  समक्ष रखने का मौका दिया।


निफ्ट बिल्डिंग में अकादमिक सैशन शुरू किया जाए : मेजर
मुख्यमंत्री अमरेन्द्र सिंह से चंडीगढ़ में बैठक करते हुए खादी बोर्ड के डायरैक्टर मेजर सिंह ने मांग रखी कि सरकार ने 1995 में इंस्टीच्यूट ऑफ फैशन टैक्नोलॉजी (निफ्ट) की स्थापना की थी, उसकी बिल्डिंग का काम अभी तक अधूरा पड़ा हुआ है और ठेकेदार की नालायकी के कारण प्रोजैक्ट लटका हुआ है, जिसे जल्द पूरा किया जाए ताकि वहां लैदर, फुटवियर, टैक्सटाइल तथा हौजरी से संबंधित अकादमिक सैशन शुरू किए जा सके। मेजर सिंह ने कहा कि जो ब्लाक पूरा हो चुका है फिलहाल उसे ही शुरू किया जाए ताकि इंडस्ट्री को फायदा मिल सके। मुख्यमंत्री ने मेजर सिंह को इस बारे जल्द एक्शन लेने का आश्वासन दिया।

विधायक बावा हैनरी के प्रति कारोबारियों के मन में अभी गुस्सा कायम
गौरतलब है कि लैदर व स्पोटर््स को छोड़ कर वैस्ट क्षेत्र में ज्यादा इंडस्ट्री नहीं है परंतु फिर भी विधायक रिंकू ने व्यापारियों के रोष को थाम लिया। विधायक बेरी ने भी व्यापारियों की बैठक में जाकर अपने प्रति उनका गुस्सा कम करवा लिया। विधायक परगट भी गुरशरण सिंह को फोन करके अपनी अनुपस्थिति बारे बता चुके थे, ऐसे में नार्थ क्षेत्र (जहां शहर की 80-90 प्रतिशत इंडस्ट्री स्थित है) के विधायक बावा हैनरी प्रति कारोबारियों के मन में अभी भी गुस्सा कायम है।

अधिकारियों की बैठकों का नहीं निकलता कोई निर्णय : गुरशरण सिंह
बैठक के दौरान इंडस्ट्रीयल पालिसी को पूरी तरह लागू करने के अलावा ग्राऊंड वाटर अथारिटी तथा प्रदूषण नियंत्रण विभाग से संबंधित समस्याओं पर भी खुल कर चर्चा हुई। गुरशरण सिंह का कहना था कि अधिकारी बैठकें तो कर लेते हैं परंतु उनका परिणाम नहीं निकलता। मुख्यमंत्री का कहना था कि अगर इस बार ऐसा होता है तो व्यापारी उनके ध्यान में अवश्य लाएं और दोबारा बैठक करके समस्याओं को खत्म किया जाएगा।

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